वर्ण-विच्छेद (Varn Viched)
शब्द को रचना को समझने के लिए शब्द के वर्णों को अलग- अलग करके दिखाने की प्रक्रिया ही ‘वर्ण विच्छेद’ (Varn Viched)कहलाती है।
जैसे- तुलसी =त्+ उ+ल्+ अ+ स्+ ई
वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?
वर्ण दो तरह के होते हैं –
1) स्वर
2) व्यञ्जन
स्वर या व्यञ्जन को अलग करना ही वर्ण-विच्छेद कहलाता है । इसके लिए हमें स्वरों की मात्राओं की जानकारी होना बहुत जरुरी है। उस मात्रा के स्थान पर उस स्वर (अ, आ, इ, ई आदि) को प्रयोग में लाया जाता है जिसकी वह मात्रा होती है।
उदाहरण – निधि शब्द का मात्रा विच्छेद होगा – न् + ि + ध् + ि
निधि शब्द का वर्ण विच्छेद होगा – न् + इ + ध् + इ
स्वर
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ
|
इसकी कोई मात्रा नहीं होती।
ा ि ी ु ू ृ े ै ो ौ |
उदाहरण
अनार
आम इमली लकड़ी पुल फूल ऋषि देश पैसा लोटा मौत |
‘अ’ स्वर के कुछ उदाहरण
कथन = क् + अ + थ् + अ + न् + अ
कमल = क् +अ + म् + अ + ल् + अ
‘आ’ स्वर के उदाहरण
मामा = म् + आ + म् + आ
आज्ञा=आ + ज् + ञ् + आ
‘इ’ स्वर के उदाहरण
किला = क् + इ + ल् + आ
किसान = क् + इ + स् + आ + न् + अ
‘ई’ स्वर के उदाहरण
मीठा = म् + ई + ठ् + आ
पीला = प् + ई + ल् + आ
‘उ’ स्वर के उदाहरण
चुनाव = च् + उ + न् + आ + व् + अ
गुलाब = ग् + उ + ल् + आ + ब् + अ
‘ऊ’ स्वर के उदाहरण
फूल = फ् + ऊ + ल् + अ
झूला = झ् + ऊ + ल् + आ
‘ऋ’ स्वर के उदाहरण
गृह = ग् + ऋ + ह् + अ
नृत्य = न् + ऋ + त् + य् + अ
‘ए’ स्वर के उदाहरण
देश = द् + ए + श् + अ
ठेला = ठ् + ए + ल् + आ
‘ऎ’ स्वर के उदाहरण
मैदान = म् + ऐ + द् + आ + न् + अ
फैशन = फ् + ऐ + श् + अ + न् + अ
‘ओ’ स्वर के उदाहरण
गोल = ग् + ओ + ल् + अ
ओखली =ओ + ख् + अ + ल् + ई
‘औ’ स्वर के उदाहरण
औरत = औ+ र् + अ + त् + अ
नौकर= न् + औ + क् + अ + र् +अ
उदाहरण
- उद्धार = उ + द् + ध् + आ + र्+ अ
- ऋषि = ऋ + ष् + इ
- ऐनक = ऐ + न् + अ +क्+ अ
- औरत = औ+ र् + अ + त् + अ
- ध्रुव =ध् +र् +उ+व्+ अ
- भंडार=भ्+ अ+अनु०+ ड्+आ र्+ अ
- यज्ञ=य् + अ +ज् + ज् +अ
वर्ण-विच्छेद की महत्वपूर्ण बातें
1.हलंत चिह्न की व्यवस्था
वर्णमाला के सभी व्यंजन वर्णों में ‘अ’ स्वर मिला होता है। ‘अ’ स्वर का कोई मात्रा-चिह्न नहीं होता है। पर जब किसी व्यंजन को स्वर रहित दिखाना पढ़ता है तो उसके नीचे ‘हलंत’ के चिह्न का प्रयोग होता है ।
जैसे-
क=क्+अ,
ल=ल्+अ आदि।
2.संयुक्त व्यंजनों का वर्ण-विच्छेद
संयुक्त व्यजनो का पहला वर्ण अधूरा होता है, जैसे ‘प्प’, ‘च्च’ आदि। अत: वर्ण-विच्छेद करते समय इन अधूरे वर्णों को पूरे रूप में ही लिखे।
जैसे-
फ्त=फ्+ त्+ अ,
न्न =न्+ न्+अ आदि।
3. र-व्यंजन के संयुक्त रूपों का वर्ण विच्छेद-
र + व्यंजन’ को मिलाकर लिखे जाने वाले तीन वर्ण होते हैं- र् [र्]तथा [/] । पर जब हम वर्ण- विच्छेद करते हैं तो उस समय ‘र्’ के सभी चिह्नों के स्थान पर केवल ‘र्’ वर्ण से ही लिखे।
जैसे-
क्रम =क्+ र् +अ+ म्+अ
प्रेम =प्+र्+ए+म+अ आदि।
4. अनुस्वार युक्त शब्दों का वर्ण- विच्छेद
अनुस्वार के लिए बिंदु [ ं] चिन्ह बनाया गया है। वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार के लिए स्वर वर्ण के ऊपर बिंदु लगाकर न लिखें।
जैसे-
संसार= स् +अ +अनुस्वार+ स् +आ+ र्+अ
संहार = स् +अ+अनुस्वार +ह्+आ +र्+ अ
5. अनुनासिक युक्त शब्दों का वर्ण- विच्छेद –
अनुनासिक एक ‘नासिक्यीकृत स्वर’ है। इसके दो चिह्न हैं-बिंदु [ं] तथा चद्रबिंदु [ ॅ]
वर्ण-विच्छेद के समय अनुनासिक स्वरों को यथावत रूप में चंद्रबिंदु तथा बिंदु लगाकर ही लिखना चाहिए।
जैसे-
पूँछ = प् + ऊँ + छ् + अ
सींच =स् + ईं + च् + अ
और पढ़े: संयुक्त अक्षर किसे कहते है एवं इसके उदाहरण
6. संयुक्त व्यंजन ‘क्ष’, ‘त्र’,’ज्ञ’ तथा ‘श्र’ युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद-
‘क्ष’,’त्र’, ‘ज्ञ’ तथा ‘श्र’ संयुक्त व्यंजनों के बारे में आप जानते हैं। इनकी रचना निम्नलिखित विवरण से हुई है-क्ष = क् + ष, त्र= त् + र,
इन वर्णों में ‘अ’ स्वर मिला होता है। वहीं इनका वर्ण-विच्छेद उन्हीं वर्गों में किया जाता है। जिन वर्णों से इनकी रचना हुई होती है।
जैसे-
यात्रा=य् + आ + त् + र् + आ
मित्र=म् + इ + त् + र् + अ
7. विसर्ग युक्त शब्द-
वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार की तरह ही विसर्ग को भी ‘विसर्ग’ शब्द से ही लिखें।
जैसे-
मतिः=म् + अ + त् + इ + विसर्ग
साधुः=स् + आ + ध्+उ+विसर्ग
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