ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जल्द ही जुड़ेंगे बुनकर और कारीगर, लाखों रोजगार अवसर होंगे पैदा

छोटे कामगारों को मिलेगा बड़ा मौका!

नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से देश में लघु उद्योग का विस्तार हुआ है। पिछली सरकारों की अनदेखी के कारण छोटे कारीगर और कामगार को बहुत नुक्सान झेलना पड़ता था। मोदी सरकार में लघु उद्योग को लेकर वर्त्तमान में कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिससे छोटे उद्योग और छोटे बाज़ार दोनों फल-फूल रहे हैं।

इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम बढ़ाते हुए वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कपड़ा मंत्रालय, इसके स्वायत्त निकायों और इसके प्रशासनिक नियंत्रण के तहत सार्वजनिक उपक्रम के कामकाज की समीक्षा की है।

कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आजीविका को बढ़ावा देने के लिए बुनकरों और कारीगरों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से जोड़ने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की तत्काल आवश्यकता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार गोयल ने कहा, “हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में आजीविका के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिएl” पीयूष गोयल जिनके पास वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग भी हैं, उन्होंने इसमें प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। शनिवार को हुई बैठक में इन क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई।

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मंत्री ने प्रक्रिया के सरलीकरण (simplification)और पारदर्शिता के लिए प्रभावी ऑनलाइन डैशबोर्ड आधारित निगरानी प्रणाली के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को केंद्र सरकार की योजनाओं के परिणाम और प्रभाव में सुधार के लिए राज्य सरकार के पदाधिकारियों के साथ संचार बनाए रखने की भी सलाह दी।

विपणन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जोर दिया कि बुनकरों और कारीगरों को दिल्ली हाट, शहरी हाट और हथकरघा हाट जैसे सभी प्लेटफार्मों के माध्यम से अपनी उपज के विपणन में सहायता की जानी चाहिए।

मंत्री ने अधिकारियों को उपभोक्ता खर्च में बुनकरों और कारीगरों की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए भी कहा, जैसा कि दुग्ध उत्पादकों के लिए डेयरी सहकारी समितियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को मंत्रालय की कौशल विकास पहलों को ठीक से लागू करने की सलाह दी। गोयल द्वारा बयान में कहा गया है कि प्रसंस्करण खंड (processing section)के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है और साथ ही कम पानी और पानी रहित मुद्रण प्रौद्योगिकी(waterless printing technology) को बढ़ावा देने और स्थिरता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

(MoS) टेक्सटाइल्स सुश्री दर्शना जरदोश ने भी अधिकारियों को बेहतर परिणाम के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए निर्देशित किया। श्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों से कहा कि वे कपड़ा निर्यात बढ़ाने के अवसर का शीघ्र लाभ उठाएं जिससे न केवल विदेशी मुद्रा आएगी बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे।

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