मुख्य बिंदु
- आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुमान अनुसार अगले वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर लगभग 8-8.5% होगी
- अर्थव्यवस्था पूर्व-महामारी स्तर से ऊपर होगी। साथ ही सरकार राजकोषीय उपायों की घोषणा कर सकती है
- वर्तमान में, भारत 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है
- यदि भारत चालू दशक में लगभग 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज करने में सक्षम होता है, तो यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किया गया आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 बीते कल वित्त मंत्री द्वारा जारी किया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण एक ऐसा दस्तावेज है, जो देश के लोगों के सामने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को प्रस्तुत करता है। पिछले कुछ वर्षों में, यह प्रमुख आर्थिक सलाहकार के विचारों को संजोए रखने के लिए एक दस्तावेज भी बन गया है। दरअसल, मुख्य आर्थिक सलाहकार की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया गया था। वहीं, मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले वी अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है।
वर्ष 2022-23 में दिखेगा आर्थिक विकास दर में उछाल
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुमान अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक विकास दर लगभग 8-8.5% के आस-पास रहने की संभावना है। वहीं, वर्ष 2021-22 के लिए विकास दर 9.2% रहेगी। इसका मतलब है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगा। सर्वेक्षण के अनुसार, “प्रक्षेपण इस धारणा पर आधारित है कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं होगा और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा वैश्विक तरलता की निकासी व्यवस्थित होगी।” यह प्रक्षेपण तेल की कीमत $70-$75 प्रति बैरल की सीमा में होने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को आसान बनाने पर भी निर्भर करता है।
वहीं, इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था पूर्व-महामारी स्तर से ऊपर होगी। साथ ही सरकार राजकोषीय उपायों की घोषणा कर सकती है। 8% से ऊपर की वृद्धि दर निश्चित रूप से एक बहुत अच्छी संख्या है। चीन और ब्राजील जैसे देश, जो भारत के साथ-साथ पिछले चार दशकों से वैश्विक अर्थव्यवस्था वाले देश थे, 5 प्रतिशत से नीचे की वृद्धि के साथ लुप्त हो रहे हैं जबकि सभी अनुमानों में भारत की वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है। सर्वेक्षण के अनुसार इस बार मांग प्रबंधन की जगह पर आपूर्ति पक्ष में सुधार हुआ है। अर्थव्यवस्था के अनुकूल इस बार निजी क्षेत्रों का निवेश भी अच्छी स्थिति में रहेगा।
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भारत बन सकता है दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था
बताते चलें कि आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र का योगदान सबसे अहम रहा है। वहीं, मौजूदा वर्ष में भी कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन ठीक रहा है। इस प्रदर्शन को देखते हुए कृषि क्षेत्र में ग्रोथ का अनुमान 3.9 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्र में 11.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। इसके साथ ही IPO को ध्यान में रखते हुए 2021 में IPO के माध्यम से अधिक धन जुटाया गया है। बता दें कि 75 कंपनियों ने IPO से 89,066 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
वहीं, अब सार्वजनिक नीति और सार्वजनिक वित्त में रुचि रखने वाले लोगों को पिछले वर्ष के लिए व्यापक आर्थिक डेटा और अगले वर्ष के अनुमानित डेटा तक पहुंचने के लिए कई संसाधनों की खोज करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आर्थिक सर्वेक्षण इस सभी डेटा के लिए एक-स्टॉप समाधान प्रदान करता है। वर्तमान में, भारत की 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जोकि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में, यदि भारत लगभग 8 प्रतिशत आर्थिक विकास दर्ज करने में सक्षम होता है, तो यह संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जापान और जर्मनी को छोड़कर भारत का GDP लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर का हो जायेगा।