तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पार्टी का राष्ट्रीय महसचिव पद छोड़ना चाहते हैं। दोनों के बीच पिछले कई महीनों से टकराव की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी में ममता के बाद अभिषेक बनर्जी का दूसरा स्थान है। हालांकि, ममता बनर्जी उन्हें रोकना भी नहीं चाहती हैं। ख़बरों के अनुसार, कई मामलों को लेकर ममता बनर्जी अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर से नाराज हैं।
और पढ़ें: ममता को अपने उम्मीदवारों पर भी भरोसा नहीं रहा, ऐन मौके पर 4 उम्मीदवारों का काटा पत्ता
TMC में टकराव की स्थिति
वहीं, गोवा विधानसभा चुनाव के संदर्भ में अभिषेक बनर्जी ने उम्मीदवारों के चुनाव को लेकर ममता बनर्जी को कई सुझाव दिए थे किंतु उन्होंने इन सुझावों को खारिज कर दिया था। वहीं, इन दोनों के बीच चल रहा टकराव तब और बढ़ गया जब युवा नेता के समर्थकों ने ‘OneManOnePost’ पर एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया। दरअसल, ‘वन-पोस्ट’ नीति को TMC ने पिछले साल एक बड़े संगठनात्मक बदलाव के दौरान अपनाया था। वहीं, अभिषेक बनर्जी जून 2021 से इस नीति के मुखर प्रचारक रहे हैं जब उन्हें TMC का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। हालांकि, पार्टी में कई लोगों ने इसे मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह के रूप में देखा।
गौरतलब है कि TMC के इस #OneManOnePost अभियान ने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर बवाल मचा दिया, जिससे TMC ही नुकसान हुआ। वहीं, पिछले साल नवंबर में ममता बनर्जी ने नीति में ढील देने और कोलकाता नगर निगम (KMC) चुनाव के लिए विधानसभा (MLA) के छह सदस्यों को नामित करने का फैसला किया था। इनमें से चार निवर्तमान बोर्ड के पार्षद थे। इन नेताओं में सबसे प्रमुख थे कैबिनेट मंत्री और कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हकीम, जो मुख्यमंत्री के पुराने और भरोसेमंद सहयोगी थे। उनकी जीत के बाद पहले से ही मंत्री का पड़ संभाल रहे फिरहाद हकीम को एक बार फिर बंगाल की राजधानी का मेयर बनाया गया।
OneManOnePost अभियान बना कारण
इस मुद्दे पर हाकिम ने मीडिया को बताया, “OneManOnePost अभियान TMC द्वारा समर्थित नहीं है। किसी को भी सोशल मीडिया पर भ्रम नहीं फैलाना चाहिए। यह एक अपराध है। जब नीति को अपनाया गया था, तो यह भी उल्लेख किया गया था कि पार्टी अध्यक्ष जरूरत पड़ने पर इसे बदल सकते हैं। वह फिर से अध्यक्ष चुनी गई हैं (हालिया संगठनात्मक चुनाव के दौरान)। वह एक बैठक बुलाएंगी और एक नई नीति तैयार करेंगीं।”
आपको बता दें कि इस हैशटैग ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया। वहीं, TMC युवा विंग के नेताओं के साथ-साथ अभिषेक के चचेरे भाई आकाश बनर्जी, अग्निशा बनर्जी और अदिति गेयन सहित बनर्जी परिवार के कुछ युवा सदस्यों ने भी इसे लागू करने की मांग करते हुए पोस्ट साझा किये। अधिकांश पोस्ट में एक वीडियो था, जिसमें मुख्यमंत्री को पिछले साल जून में नीति की घोषणा करते हुए दिखाया गया था।
विद्रोह के डर से ममता हैं चिंतित
वहीं, ममता बनर्जी द्वारा पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की समिति को भंग कर आंतरिक कलह के बीच पूर्ण प्रभार लेने के बाद इस मामले पर भाजपा ने बीते रविवार को तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया। बता दें कि बीते शनिवार को अपने आवास पर बुलाई गई आपात बैठक में उन्होंने पार्टी मामलों की निगरानी के लिए 20 सदस्यीय कार्यसमिति बनाने का फैसला किया है। यह कदम TMC में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बढ़ते प्रभाव के बीच आया है।
और पढ़ें: Fake News फैलाने में माहिर साकेत गोखले ने छोड़ा काँग्रेस का ‘हाथ’, TMC से जोड़े तार
बताते चलें कि TMC नेता सौगत रॉय ने सार्वजनिक रूप से अभिषेक बनर्जी के समर्थन में आवाज उठाई थी किंतु जिस तरह से बंगाल की राजनीति में अफरा-तफरी मची है, उससे पता चलता है कि ममता और अभिषेक बनर्जी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में, कहा जा सकता है कि TMC में अभिषेक बनर्जी के विद्रोह का डर ममता को चिंतित कर रहा है।