वेस्टइंडीज दौरा खत्म हो चुका है। श्रीलंका दौरा शुरू होनेवाला है। इस दौरे के लिए भारत की टीम नहीं, बल्कि भारत की भविष्य की टीम चुनी गयी है। इस भविष्य की टीम में भारत के लिए खेलनेवाले खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि आनेवाले समय में उनका नेतृत्व करनेवाले भावी नायक को भी चुना गया है। ये भावी नायक हैं- बूम-बूम बुमराह। यह शायद पहली बार है, जब किसी श्रृंखला में पूर्ण रूप से भारतीय क्रिकेट टीम का उप-कप्तान एक तेज गेंदबाज को चुना गया हो। हालांकि, बुमराह को इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय श्रृंखला में पहली बार भारत के उप-कप्तान के रूप में नामित किया गया था, पर अब उन्हें टीम इंडिया के भावी कप्तान के रूप में निर्मित किया जा रहा है। वैसे इस मामले में कपिल देव एक गौरवशाली अपवाद थे।
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A+ अनुबंध वाले खिलाड़ियों में से एक हैं बुमराह
ध्यान देने वाली बात है कि बुमराह की नियुक्ति के अपने कारण भी हैं, जो परिस्थितिजन्य हैं। फिलहाल चयनकर्ताओं ने रोहित को सभी प्रारूपों में कप्तान तो नियुक्त कर दिया है, लेकिन इससे परे, एक प्रश्न चिह्न बना हुआ है और वो है रोहित का खराब फिटनेस रिकॉर्ड, जो उन्हें लंबे समय तक कप्तान बने रहने में बाधक हो सकता है। साथ ही, वह अप्रैल 2022 में 35 वर्ष के हो जाएंगे। ध्यान देने वाली बात है कि रोहित शर्मा, विराट कोहली से डेढ़ साल बड़े हैं। जहां तक बुमराह का सवाल है, वह BCCI के A+ अनुबंध वाले तीन खिलाड़ियों में से एक हैं। इसमें अन्य दो नाम कोहली और रोहित के हैं।
बुमराह की नियुक्ति पर रोहित शर्मा ने बीते बुधवार को कहा कि वह श्रीलंका के खिलाफ आगामी टी20 अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट सीरीज में जसप्रीत बुमराह को उपकप्तान के रूप में पाकर खुश हैं। रोहित ने लखनऊ में श्रीलंका के खिलाफ पहले टी-20 की पूर्व संध्या पर कहा, “बुमराह का ‘cricketingsense’ अच्छा है। मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं और समझता हूं। मुझे पता है कि उसके पास एक उन्नत किस्म का क्रिकेट दिमाग है। अतः नेतृत्व की भूमिका में कदम रखना उसके लिए अच्छा है। वह अपने खेल को बड़े स्तर पर ले गया है। मुझे यकीन है कि वह इसे आगे भी जारी रखेगा। यह भूमिका उसमें और अधिक आत्मविश्वास जोड़ेगी।“
बुमराह ने भी इस साल की शुरुआत में कहा था कि अगर भारत चाहे, तो वह अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। उन्होने कहा, “टीम के लिए, मैं किसी भी तरह से योगदान करने के लिए तैयार हूं चाहे वह पद हो या कुछ और। यदि कप्तानी का अवसर दिया गया, तो यह एक सम्मान है, लेकिन यदि नहीं तो भी मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के लिए जो कुछ भी आवश्यक है वह करने की कोशिश करूंगा। मेरा ध्यान अच्छा प्रदर्शन करने पर है।”
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गुजरात क्रिकेट संघ ने जताई खुशी
आपको बता दें कि बुमराह को टीम इंडिया के उपकप्तान बनाए जाने पर गुजरात क्रिकेट संघ ने खुशी जताते हुए कहा कि यह गुजरात के लिए गर्व का क्षण है कि बुमराह को टीम का उपकप्तान बनाया गया है। GCA सचिव अनिल पटेल ने बताया, “इससे पहले भी गुजरात के क्रिकेटर्स सीनियर भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन कभी भी कप्तानी के पद पर उनकी नियुक्ति नहीं हुई।” उन्होंने कहा, “वह इस पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार हैं, क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन टीम के उप-कप्तान के रूप में नामित किया जाना वास्तव में हमारे लिए आश्चर्य की बात थी। आमतौर पर भारत में लीडरशिप के लिए बल्लेबाजों को प्राथमिकता दी जाती है। बहुत कम गेंदबाज टीम के कप्तान या उप-कप्तान बने हैं।“
हालांकि, बुमराह की नियुक्ति पूर्णतः जायज लगती है। यह देखकर आपार हर्ष का अनुभव होता है कि भारतीय टीम हाल के दौर में अपने स्वर्णिम पेसर्स युग में है, ऊपर से एक पेसर को टीम की कमान सौंपना सोने में सुहागे के समान है। टीम में शमी, बुमराह, भुवनेश्वर, आवेश खान और शार्दुल जैसे उम्दा खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें बुमराह खेल के तीनों प्रारूपों में अपने शानदार प्रदर्शन से शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं।
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट कप्तान माइकल वॉन ने भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की प्रशंसा करते हुए कहा कि 28 वर्षीय बुमराह इस समय सभी प्रारूपों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। वॉन से पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज एरिक सिमंस ने बुमराह की गेंदबाजी को सम्मान देते हुए कहा,“मैंने उससे बेहतरीन तेज गेंदबाजों नहीं देखा है। जब हम आईपीएल में उसके खिलाफ खेलते हैं, तो मैं कोशिश करता हूं कि उसके साथ बातचीत करता रहूं। मुझे नहीं लगता कि किसी में भी बुमराह जैसी परिपक्वता और क्रिकेट की बारीकियों की समझ हैं।“
तीनों प्रारुपों में प्रभावशाली हैं बुमराह
बताते चलें कि बुमराह एकदिवसीय मैचों में 100 विकेट लेने वाले दूसरे सबसे तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने मात्र 57 मैचों में ही यह कारनामा कर डाला। पहले स्थान पर मोहम्मद शमी हैं, जिन्होंने 56 मैचों में ऐसा किया है। बुमराह ने कुछ समय पहले एक और प्रभावशाली रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें उन्होंने एक ही वर्ष में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट पारी के दौरान पांच विकेट लिए थे। इस प्रकार, वो यह असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले पहले एशियाई तेज गेंदबाज बन गए।
कहने का मतलब यह है कि बुमराह क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में प्रभावशाली हैं। वो विदेशी धरती और घरेलू मैदान दोनों पर समान रूप से खतरनाक हैं। वो गेंद को स्विंग कराने और यॉर्कर फेंकने दोनों में माहिर हैं। वो टीम के स्ट्राइक और डेथ गेंदबाज दोनों की भूमिका निभा सकते हैं। IPL में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले और टी20 में सबसे अधिक मेडेन ओवर डालने वाले गेंदबाज भी बुमराह ही हैं। वैसे भी वैश्विक स्तर पर अब धारणा बदल रही है। वर्ष 1956 में रे लिंडवाल के बाद से पैट कमिंस 65 वर्षों में पहले तेज गेंदबाज बने, जिन्होंने टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व कर इंग्लैंड को 4-0 से एशेज हराया। शायद भारत में भी एक ऐसे कप्तान का उदय होने वाला है, जो एक विश्वस्तरीय तेज़ गेंदबाज है।
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