डिटिजल युग में क्रिप्टो करेंसी को वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर का विकल्प माना जा रहा है किंतु क्रिप्टो करेंसी को लेकर कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं। कुछ दिनों पहले ही क्रिप्टो करेंसी के निवेशकर्ताओं को एक बड़े प्लेटफार्म पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। वहीं, अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्रीय बैंक की गंभीर चिंताओं को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। बता दें कि WazirX – भारत में क्रिप्टो करेंसी (एक डिज़िटल मुद्रा) के तौर पर विशेष रूप से BITCOIN का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है, जबकि वैश्विक स्तर पर लगभग 57 फीसदी देश इस डिजिटल मुद्रा का उपयोग करते हैं।
क्रिप्टो बन सकता है वित्तीय खतरा
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि क्रिप्टोकरेंसी में कोई अंतर्निहित संपत्ति (underlying asset) नहीं है। शक्तिकांत दास ने नीतिगत दर के निर्णय के बाद कहा ,“जहां तक क्रिप्टोकरेंसी का सवाल है, आरबीआई का रुख बहुत स्पष्ट है। निजी क्रिप्टोकरेंसी हमारी वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं। वे वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए आरबीआई की क्षमता को कमजोर करेंगे। मुझे लगता है कि निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि जब वे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हों, तो उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं।”
शक्तिकांत दास की टिप्पणी क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के लिए किसी झटके से कम नहीं है। हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में लगाए गए नए कर से क्रिप्टो उद्योग जूझ रहा था। दरअसल, बजट में निजी क्रिप्टोकरेंसी और अपूरणीय टोकन पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव रखा था। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक डिजिटल परिसंपत्ति के लेनदेन पर एक प्रतिशत पर कर कटौती (TDS) लगाया जाना है। वहीं, शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की शुरुआत के लिए कोई समयसीमा देने से इनकार कर दिया। शक्तिकांत दास ने कहा “हम CBDC पर समयरेखा नहीं दे सकते। लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह बहुत सावधानी से कर रहे हैं। हमें साइबर सुरक्षा और जालसाजी जैसे जोखिमों को ध्यान में रखना होगा। इसलिए, हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं और समयरेखा नहीं दे सकते हैं।”
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भारत अपनी डिजिटल मुद्रा को लेकर है प्रयासरत
RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के थोक और खुदरा दोनों मॉडल पर काम चल रहा था। उन्होंने कहा, “जब CBDC की बात आती है तो हम किसी बाहरी एजेंसी के साथ काम नहीं कर रहे हैं। हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) में CBDC के साथ काम कर रहे हैं। किसी भी अन्य एजेंसियों के साथ जुड़ने का कोई भी निर्णय बाद में लिया जाएगा। हम CBDC के लिए हर संभव तकनीक को आजमाने के लिए तैयार हैं। यह उपयोग के मामले पर निर्भर करता है।” आपको बता दें कि CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप से जारी कानूनी निविदा (Legal Tender) है।
बता दें कि अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने यह भी कहा था कि RBI अगले वित्तीय वर्ष में एक डिजिटल मुद्रा पेश करेगा। बैंक नोट की परिभाषा के तहत केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को शामिल करने के लिए RBI अधिनियम में संशोधन की भी आवश्यकता होगी। वहीं, RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा, “डिजिटल रुपया बिल्कुल सामान्य, भौतिक रुपये जैसा होगा।” उन्होंने कहा, “सेंट्रल बैंक में डिजिटल मुद्रा पर काम चल रहा है। एक बार प्रस्तावित कानून में संशोधन के बाद हम अवधारणा (Accreditation) और प्रायोगिक परियोजनाओं (Pilot Projects) के अपने प्रमाणों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।”