दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘गहराइयां’ में गहराई नहीं दलदल है!

'गहराइयां' फिल्म नहीं कचरा है!

गहराइयां फिल्म पोस्टर

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अगर सिर्फ शादी के बाद के संबंध के बारे में ही उल्लेख करना था, तो आप एक छोटी सी डाक्यूमेंट्री बना सकते थे, लगभग 2 घंटे लंबी फिल्म, जिसमें आधी फिल्म अश्लीलता से परिपूर्ण हो, ऐसा बनाना ज़रूरी है क्या? इस आर्टिकल में हम दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘Gehraaiyaan’ (गहराइयां) का पोस्टमार्टम करेंगे और जानेंगे कि कैसे इस घटिया, वाहियात और हानिकारक फिल्म, जिसे रिलीज से पूर्व भी लताड़ मिल रही थी, अब रिलीज के बाद भी गालियां पड़ रही है!

शकुन बत्रा द्वारा निर्देशित और Dharma Productions द्वारा निर्मित फिल्म गहराइयां में मुख्य भूमिकाओं में हैं, सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे, दीपिका पादुकोण, धैर्य कारवा आदि. यह फिल्म 11 फरवरी को ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon Prime Video पर रिलीज हुई. फिल्म गहराइयां की कहानी वास्तव में दो चचेरी बहनों और उनके शादी के बाद के संबंधों के इर्द-गिर्द समंदर पर घूमती है, घूमती है और घूमती ही रहती है.

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वो अपने पार्टनर्स के साथ विश्वासघात क्यों करते हैं, इसके पीछे जब आप तर्क ढूंढने चलेंगे, तो या तो आपको मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी या फिर मूवी पहले ख़त्म हो जाएगी. मज़े की बात यह है कि हाल ही में Dharma Productions ने अपने ही फिल्म को ट्रोल करने वाले व्यक्ति के विचार को अपनी इन्स्टाग्राम स्टोरी बना दिया था. जिसमें एक यूज़र ने लिखा था कि “जो भी गहराइयां, गहराइयां देखने के बाद आई हैं, वो सब मेरे दिमाग में है, क्योंकि इस मूवी को देखने से दिमाग खराब हो गया है.” –

https://twitter.com/wnnabesocial/status/1492745538155937795

हालांकि, Dharma की जब पोल खुली, तो उन्हें अपनी स्टोरी डिलीट करनी पड़ी, पर तब तक जो हो होना था, वो हो गया था. ये तो कुछ भी नहीं है. एक व्यक्ति ने तो पूरी फिल्म का सार संक्षेप में लिखते हुए गहराइयां को बकवास बताया है-

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फिल्म में वास्तव में कोई गहराई नहीं है!

ध्यान देने वाली बात है कि इस फिल्म में शुरू से लेकर अंत तक कोई तर्क ही नहीं है या तो समुद्र है या फिर अश्लीलता. फिर ये लोग पूछते है कि लोग बॉलीवुड से नफरत क्यों करते हैं? अरे भई, कारण तो दीजिये घृणा न करने का. कारण तो दो एक बार एक भावनात्मक कथा के साथ जुड़ने का. ‘शेरशाह’ जैसी मूवी लोगों की पसंदीदा है, लेकिन बात वही है – मेहनत कौन करे?

बता दें कि फिल्म गहराइयां में वास्तव में कोई ‘गहराई’ नहीं है, और एक समय के बाद आप उंघते हुए पाए गए, तो उसके लिए केवल और केवल इस फिल्म का लेखन दोषी है. यह फिल्म व्यभिचार को एक ‘अनोखे तरीके से दिखाने का प्रयास कर रही थी’, पर इसके लिए न हमारी भारतीय ऑडियंस पूरी तरह तैयार है और न ही ‘Gehraiyaan’ अपने प्रयास में बिल्कुल भी सफल हो पाई. वह न घर की रही और न ही घाट की. ऐसे में ‘Gehraiyaan’ को संक्षेप में कहें, तो न वह एक रोमांटिक ड्रामा है, न ही एक थ्रिलर है. यह फिल्म भावुक रूप से लोगों को आकर्षित करने का प्रयास करती है, परन्तु वास्तव में ये थाली में प्यार से सजाकर, लगभग सोने का वर्क लगाकर पेश किए गए कचरे के समान है!

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