‘मेक इन इंडिया’ के उपहास से लेकर प्रति वर्ष 400 ट्रेनों के निर्माण लक्ष्य तक, भारत ने तय किया एक लंबा सफर

वंदे भारत ट्रेन अब भारत भर में दौड़ेगी, बजट में सरकार ने दी सौगात!

400 नई वंदे भारत ट्रेन

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केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता संभालते हीं यह निर्णय किया था कि वो पुरानी सरकार की तरह दुसरे देशों पर भारत की निर्भरता वाली नीति को नहीं अपनाएगी और इसी क्रम में केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया का सपना देश को दिखाया था, जो अब पूरा होता हुआ दिख रहा है। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले तीन वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।

यह घोषणा केंद्रीय बजट में हुई, जिसे उन्होंने मंगलवार को संसद में पेश किया था। उन्होंने कहा कि “अगले तीन वर्षों में 100 PM गति शक्ति टर्मिनल भी स्थापित किए जाएंगे। सीतारमण ने अपने बजट 2022-23 के भाषण में कहा, ‘एक उत्पाद, एक रेलवे स्टेशन’ को लोकप्रिय बनाया जाएगा और 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएंगी।”

आपको बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे ट्रेन 18 के रूप में भी जाना जाता है, यह एक भारतीय सेमी-हाई-स्पीड, इंटरसिटी, EMU (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन है, जिसे भारत सरकार के मेक इन इंडिया पहल के तहत चेन्नई के पेराम्बूर में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था।

क्या हैं सुविधाएं?

गौरतलब हो कि यह एक पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कार सेवा है जिसमें प्रीमियम विमान-शैली जैसी सुविधा मौजूद है। वंदे भारत में 16 कोच हैं और यह इंजन रहित है, यानी यह वितरित कर्षण (distributed traction पर चलता है और इसका पहला प्रोटोटाइप 2018 के अंत तक तैयार हो गया था। इसकी गति क्षमता 160 किमी प्रति घंटा और डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटा है।

वर्तमान में, भारतीय रेलवे नेटवर्क पर दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, पहली दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर और दूसरी दिल्ली-कटरा मार्ग पर। इन ट्रेनों में ऑनबोर्ड इंफोटेनमेंट, GPS आधारित यात्री सूचना प्रणाली, CCTV कैमरे के साथ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे और Zero Discharge Vacuum-Based Bio-toilets जैसी विशेषताएं हैं।

खबरों के अनुसार, ट्रेनों में यूरोपीय शैली की सीटें, कार्यकारी वर्ग में घूमने वाली सीटें, विसरित LED लाइटिंग, व्यक्तिगत रीडिंग लाइट, स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ स्वचालित प्रवेश / निकास द्वार, धूल मुक्त वातावरण के लिए पूरी तरह से सील गैंगवे, मॉड्यूलर बायो मौजूद हैं। इस ट्रैन के प्रत्येक कोच में वैक्यूम शौचालय, मिनी पेंट्री और सेंसर आधारित इंटरकनेक्टिंग दरवाजे शामिल है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को घोषणा की कि देश द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को चिह्नित करने के लिए 75 ‘वंदे भारत’ ट्रेनें 75 सप्ताह में देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेगी।

इस घोषणा के बाद, भारतीय रेलवे ने नई ट्रेनों में अतिरिक्त सुविधाओं को पेश करने का निर्णय लिया है। इनमें जलवायु नियंत्रण के लिए केंद्रीकृत कोच निगरानी प्रणाली पर सभी विद्युत और महत्वपूर्ण प्रणालियों की निगरानी के लिए, प्रत्येक कोच में चार emergency lights शामिल हैं, जिनका उपयोग आपदा की स्थिति में किया जा सकता है यदि उस समय के दौरान सामान्य रोशनी विफल हो जाती है। इन उन्नत वंदे भारत ट्रेनों को मार्च 2022 तक तैयार होने के लिए निर्धारित किया गया था।

खबरों के अनुसार, 400 नए वंदे भारत ट्रेन सेट स्टील के बजाय हल्के वजन वाले एल्यूमीनियम से बनाए जा रहे हैं। एल्यूमीनियम से बने होने के कारण प्रत्येक ट्रेन का वजन लगभग 50 टन हल्का होता है, जो स्टील से बने अपने समकक्षों की तुलना में बहुत कम ऊर्जा की खपत करता है। प्रत्येक ट्रेन की लागत मौजूदा ट्रेन की तुलना में लगभग 25 करोड़ रुपये अधिक है, जिसकी लागत 16 डिब्बों के प्रति सेट लगभग 106 करोड़ रुपये है।

बजट घोषणाओं के बाद रेल क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। फॉर्च्यून इंडिया ने बताया कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में IRCTC, टीटागढ़ वैगन्स और सीमेंस के शेयर अधिक थे।

इसी प्रक्रिया में अगले साल रेलवे ने महत्वाकांक्षी 1,475 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है। माल ढुलाई कारोबार में रेलवे ने इस साल के बजट अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस वित्त वर्ष के लिए जहां 1.37 लाख करोड़ रुपये का माल ढुलाई का अनुमान था, वहीं संशोधित अनुमान में 1.45 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष में इस आंकड़े को 1.65 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने की उम्मीद है।

इस साल बजट दस्तावेजों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने रेलवे से 2.45 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश रखा है, जिसमें अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। पिछले साल, रेलवे ने 2.15 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय लक्ष्य (capital expenditure target) निर्धारित किया था, जिसे वह इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बनाए रखने में सक्षम होगा ।

रेलवे पहले से ही 44 वंदे भारत ट्रेनों की किस्त बनाने की प्रक्रिया में है, ताकि वंदे भारत ट्रेनों को 15 अगस्त, 2023 तक कम से कम 75 मार्गों पर चलाया जा सके। नरेंद्र मोदी की विकास केंद्रित सरकार यात्रियों की सुविधा के लिए सुधार लाती रहेगी जबकि कांग्रेस पार्टी उनके प्रयासों का मजाक उड़ाती रहेगी।

विपक्ष ने बनाया था मज़ाक

वन्दे भारत ट्रेन को लेकर राहुल गांधी ने जमीनी हकीकत से अनजान होने के बावजूद मोदी सरकार के किए गए विकास कार्यों का मज़ाक उड़ाया था । ऐसा करके उन्होने न केवल खुद को शर्मिंदा किया था, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को अपने साथ शर्मिंदा करवा दिया था। राजनीति और एजेंडा आधारित भाषण एक बात है; लेकिन देशवासियों का मनोबल गिराना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

बहराल, यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने वाली इस ट्रेन ने देश में रेल यात्रा में पूरी तरह क्रांति ला दी है। प्रीमियम, आरामदायक और उच्च गति- वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारतीय रेलवे की सकारात्मक छवि लाई है और जनता के लिए लक्जरी ट्रेन यात्रा की शुरुआत की है। लक्जरी वन्दे भारत ट्रेन सहित मोदी सरकार की मेक इन इंडिया का सकारात्मक पहल का जश्न जरूर मनाया जाना चाहिए क्योंकि इसका उद्देश्य पूरी तरह से घरेलू उत्पादन को बढ़ाना और देश को आत्मनिर्भर बनाते हुए भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाना है।

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