यूपी के बाद अब हरियाणा में भी जबरन धर्मांतरण कराने वाले सस्ते में नहीं छूटेंगे। बीते मंगलवार को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है। अब इस विधेयक को जल्द ही विधानसभा में लाया जाएगा। हरियाणा में किसी भी तरह के धोखाधड़ी के माध्यम से जबरन धर्मांतरण (Anti-Conversion Bill) को प्रतिबंधित करने के लिए, प्रदेश सरकार राज्य में धर्मांतरण रोकथाम विधेयक लाने के लिए तैयार है। इस बिल में गलत बयानी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी तरह के कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध होगा।
और पढ़ें: केजरीवाल की धर्मांतरण विरोधी अपील, केवल हिंदुओं का वोट पाने की चाल है
धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार को मिलेगी गारंटी
कुछ लोगों का कहना है कि यदि धर्म परिवर्तन किए बिना कोई शादी करता है, तो उस पर कोई रोक नहीं है। परंतु यदि कोई पैसे के लालच में जबरन किसी का धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। इस नए धर्म परिवर्तन कानून में दंड व जुर्माने का प्रावधान होगा। ये विधेयक नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 255, 26, 27 और 28 (Articles 255, 26, 27 and 28 of the Constitution) के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार (right to freedom of religion) की गारंटी दी जाएगी। जिसका उद्देशय भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत (Principles of Secularism in India) को बनाए रखना होगा।
मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है। ध्यान देने वाली बात है कि पिछले दिनों यमुनानगर, मेवात, गुरुग्राम और पानीपत जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए थे। इन सब मामलों को देखते हुए और इसे रोकने के लिए इस बिल को मंजूरी दी गई है। अब विधेयक को 2 मार्च से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
UP और MP पहले ही ला चुके हैं यह कानून
हरियाणा सरकार का यह निर्णय अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अब उस निकिता तोमर जैसी लड़कियों को न्याय मिलेगा, जिन्हें बीच राह किसी तौसीफ द्वारा गोली से भून दिया जाता था, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह उसका हाथ जबरदस्ती थामने को तैयार नहीं थी। बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। TFIPost के एक विश्लेषणतामक पोस्ट के अनुसार, “वर्ष 2018 में भी तौसीफ ने निकिता का अपहरण करने की कोशिश की थी। वो आए दिन निकिता को धमकाता रहता था, जिसके कारण निकिता के परिजनों ने उसकी शिकायत पुलिस से करने की कोशिश की थी लेकिन पंचायत के कारण ये संभव न हो सका। शिकायत वाले वाक्ये के बाद इसमें कांग्रेस का एंगल भी सामने आया था। रिपोर्ट की मानें तो निकिता को गोली मारने वाले तौसीफ का परिवार लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है।
पहले आप शायद इन सभी बातों को हंसी में उड़ा सकते थे, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि जबरन धर्मांतरण, लव जिहाद, किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। लव जिहाद के मामले अब पूरे देश से सामने आ रहे हैं, जिसके कारण देश में कई राज्यों में इसके रोकथाम के लिए सरकारें कार्रवाई कर रही है। आपको बताते चलें कि केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के काफी ज्यादा मामले सामने आते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों की सरकार जबरन धर्मांतरण के विरोध में सशक्त अधिनियम ला चुकी है और अब हरियाणा भी उसी दिशा में आगे बढ़ चला है। देर आए, दुरुस्त आए!
और पढ़ें: “तुम्हारा निकिता तोमर वाला हाल कर देंगे”, हरियाणा में परवेज, हमजा और शाहिद ने एक लड़की को धमकाया