स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए सरकार खर्च कर रही है 1600 करोड़ रुपये!

आयुष्मान भारत के डिजिटल होने से भारत लिखेगा नया इतिहास!

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किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी पूंजी उसका परिवार और उसका स्वास्थ्य होता है। भारत में बीते 7 दशकों में जिस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ सब भारतीय जी रहे थे, बीते 7 वर्षों में उसकी काया पलटने का काम एक ही योजना ने किया, जो है आयुष्मान भारत योजना। आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। 2018 के बजट सत्र में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी। अब साल दर साल इस योजना से लाभान्वित होने वाले असहाय और निम्न तबके वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो भी रही है। अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के राष्ट्रीय रोल-आउट को पांच साल के लिए 1,600 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की कार्यान्वयन एजेंसी होगी।

यूँ तो इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इसके अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है। 10 करोड़ बीपीएल धारक परिवार इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ उठा सकेगें। इसके अलावा बाकी बची आबादी को भी इस योजना के अन्तर्गत लाने की योजना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती के दिन झारखंड के राँची जिले से आरम्भ किया था।

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डिजिटल होना समय की मांग है

अब केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि हेल्थकेयर इकोसिस्टम में डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लाभकारी साबित हुए हैं, CoWIN, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने आगे आकर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रदर्शित किया है कि स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को सक्षम करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका हो सकती है। हालांकि, देखभाल की निरंतरता और संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए ऐसे समाधानों को एकीकृत करने की आवश्यकता है।

निश्चित रूप से डिजिटलीकरण के इस युग में हर काम ऑनलाइन होने लगा है, भारत ने जबसे डिजिटल इंडिया का बीड़ा उठाया है, वो नित्त-निरंतर नए आयाम स्थापित कर अपनी अग्रणी भूमिका निभाने का काम कर रहा है। ऐसे में अब आयुष्मान भारत को और प्रभावी ढंग से लागु करने से लेकर उसे जन-जन तक सरल तरीके से पहुँचाने की कवायद में केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के राष्ट्रीय रोल-आउट को पांच साल के लिए 1,600 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी दे दी है।

बता दें, ABDM के तहत, नागरिक अपना ABHA (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) नंबर बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा। यह विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में व्यक्तियों के लिए अनुदैर्ध्य स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Longitudinal Health Record) बनाने में सक्षम होगा, और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा नैदानिक ​​निर्णय (Clinical Judgement) लेने में सुधार करेगा। इस मिशन से टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य सेवाओं की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए समान पहुंच में सुधार की उम्मीद है।

जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में निर्धारित नींव के आधार पर, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से एक सहज ऑनलाइन मंच बना रहा है। स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाएं, खुले, इंटरऑपरेबल, मानक-आधारित डिजिटल सिस्टम का विधिवत लाभ उठाती हैं। बयान में कहा गया है कि एबीडीएम का पायलट छह केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में पूरा किया गया था, जिसमें एनएचए द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी मंच ने सफल प्रदर्शन किया था।

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परीक्षण में सफल साबित हुई है यह योजना-

परीक्षण के दौरान, एक डिजिटल सैंडबॉक्स बनाया गया था जिसमें 774 से अधिक भागीदार समाधान एकीकरण के दौर से गुजर रहे हैं। इस वर्ष 24 फरवरी तक 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं और एबीडीएम में 10,114 डॉक्टर और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं का पंजीकरण किया जा चुका है। बयान में कहा गया है कि एबीडीएम न केवल प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप के लिए साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि यह नवाचार को भी उत्प्रेरित करेगा और स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार पैदा करेगा।

ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं को ऐसा बना देना जिससे गरीब से गरीब, वंचित से वंचित व्यक्ति उन्हें बेहद आसान ढंग से अपने लाभ में ला सके, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की पुख्ता व्यवस्था करने के लिए सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बेहद स्वागत योग्य कदम हैं।

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