किसानों के हित में 2500 km लंबा नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर बनाएगी मोदी सरकार

कृषि क्षेत्र में होगा अभूतपूर्व बदलाव!

नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर
मुख्य बिंदु

नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर- भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जहां 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। कोरोना महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था सिकुड़ गई थी किन्तु कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई थी। वर्ष 2014 के बाद आधुनिकीकरण, बेहतर भूमि उपयोग और किसानों की आय में सुधार के साथ कृषि क्षेत्र का तेजी से विस्तार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘किसानों की आय दोगुनी’ अभियान का देश के कृषि क्षेत्र पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है।

देश में बनेगा नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर

वहीं, हाल ही में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि बजट में गंगा नदी के किनारे 2,500 किलोमीटर लंबे नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर की कल्पना की गई है, जो स्वच्छ गंगा मिशन में भी मदद करेगा। दरअसल, देश में पहली बार नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर बनने जा रहा है। इससे किसानों को एक नया विजन प्राप्त होने के साथ निर्मल गंगा अभियान को भी मदद मिलेगी। देश में मोटे अनाजों को भी सरकार प्राथमिकता देगी क्योंकि छोटे किसान मोटे अनाज ही प्राथमिकता पर उगते हैं।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“हमने एक नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर बनाने के लिए कदम उठाए हैं जो 2,500 किमी लंबा और लगभग 10 किमी चौड़ा होगा। पहले चरण में, इसे उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के आसपास लागू किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर बनाकर कृषि क्षेत्र में एक्सक्लूसिव कॉरिडोर (औद्योगिक, आर्थिक, रक्षा से जुड़ा) की अवधारणा का विस्तार करेगी। उन्होंने आगे कहा, “यह पूरी तरह से एक पूर्ण इकोसिस्टम होगा।”

और पढ़ें: भारत का कृषि निर्यात जल्द ही 50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा

कृषि क्षेत्र में होगा अभूतपूर्व बदलाव

गौरतलब है कि भारत में कृषि क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान होता है। वहीं, इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई उपायों की घोषणा की, जो इसे अर्थव्यवस्था-व्यापी संक्रमण के अनुरूप लाने में कामयाब होंगे। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, किसान ड्रोन को फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव और सार्वजनिक क्षेत्र के शोधकर्ताओं के साथ विकसित डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। निजी कृषि-तकनीक धारियों और कृषि-मूल्य श्रृंखला के हितधारकों को किसानों तक पहुंचाया जाएगा।

पिछले सात सालों में भारतीय किसानों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि यह कॉरिडोर कृषि उपज के आर्थिक मूल्य को बढ़ाएगा और किसानों के जीवन और भारत के कृषि क्षेत्र के परिवर्तन का केंद्र बनेगा। ऐसे में, कहा जा सकता है कि नेचुरल फार्मिंग कॉरिडोर कृषि क्षेत्र के भीतर विकास के लिए आंतरिक गुंजाइश, आधुनिकीकरण की क्षमता और भारत की अर्थव्यवस्था समेत इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के जीवन में एक अभूतपूर्व बदलाव ला सकता है।

Exit mobile version