तेलंगाना में अपनी राजनीतिक साख खो रहे हैं KCR और उसके कुछ शुरुआती संकेत यहां हैं

KCR को सता रहा है अपनी सत्ता खोने का डर!

KCR भाजपा

भारत लोकतांत्रिक परिप्रेक्ष में दुनिया के अन्य देशों से काफी मजबूत है। चुनाव इस लोकतंत्र का आधार है। चुनाव के बाद केंद्र में बैठी सत्तारूढ़ सरकार पर लोक कल्याण की जिम्मेदारियों के साथ-साथ विभिन्न दलों द्वारा आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है। दरअसल, हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने बीते रविवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी पर राज्य के चुनाव जीतने के लिए धर्म और सेना के संदर्भ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। KCR ने कहा कि वर्ष 2016 में उरी हमले के जवाब में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करने का श्रेय सेना को दिया जाना चाहिए न कि भाजपा को।

KCR का गुस्सा भाजपा पर ही क्यों फुट रहा है

हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए के. चंद्रशेखर राव ने दावा किया कि भाजपा चुनावी राज्यों में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने में कुछ भी गलत नहीं है। मैं अभी पूछ रहा हूं। बीजेपी झूठा प्रचार करती है। अब [जनरल बिपिन] रावत की तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या बकवास है।” बता दें कि के. चंद्रशेखर राव उत्तराखंड चुनाव में प्रचार करने पहुँचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक भाषण का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया था।

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वहीं, KCR ने हिमंत बिस्वा सरमा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा, “हम इस मुद्दे पर बीजेपी का पीछा करेंगे। हम चुप नहीं रहने वाले हैं। यह असहनीय है।” “राहुल गांधी एक सांसद हैं। वह एक बहुत ही प्रमुख परिवार से आते हैं। उनके दादा ने देश के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी दादी और पिता मारे गए। असम के सीएम जो कह रहे हैं वह सही नहीं है। मैं फिर से भाजपा अध्यक्ष से पूछ रहा हूं, क्या यह भाजपा की संस्कृति है उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”

वहीं, KCR  पिछले कुछ महीनों से भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। उन्होंने 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के केंद्र के दृष्टिकोण को ‘झूठा प्रचा’ कहा। उन्होंने कहा, “एक क्लर्क भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना सकता है, पीएम, एफएम की आवश्यकता नहीं है। यह एक कठिन तथ्य है। 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर बनाने के बारे में कुछ भी अच्छा नहीं है। आप क्या अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं? कुछ भी नहीं। यदि आपके पास अभिनव कौशल है, तो कृपया चीन और सिंगापुर जैसा कुछ करें।” KCR ने अपने बयानबाजी की हद तब पार कर दी जब वह केंद्र सरकार को देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए चीन के पूर्व सर्वोच्च नेता देंग शियाओपिंग से प्रेरणा लेने को कहने लगे।

KCR को सता रहा है अपनी सत्ता खोने का डर 

एक दौर था जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ऐसे व्यक्ति हुआ करते थे, जिस पर भाजपा भरोसा कर सकती थी किंतु वह अपने राज्य में राजनीतिक साख  को बचाने के लिए अचानक अपने ही बयानबाजी से क्रूर हो गए। KCR सत्तारूढ़ केंद्र सरकार में न केवल भाजपा पर निशाना साधते हैं अपितु वो पीएम मोदी पर भी कई बार अपनी ओछी बयानबाजी कर चुके हैं। उन्होंने पीएम मोदी के प्रसिद्ध ‘गुजरात मॉडल’ का मज़ाक उड़ाया और आरोप लगाया कि पीएम चुनावों के आधार पर संगठनों का चयन करते हैं। हालांकि, KCR और उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने संसद में महत्वपूर्ण मामलों में भाजपा का साथ दिया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2023 में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होना है। उससे पहले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को अपने वोट बैंक और सत्ता के छीनने का डर सता रहा है। तेलंगाना में तीन बड़ी पार्टियों के बीच आगामी चुनाव में प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। बता दें कि वर्तमान में तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) की सरकार राज्य में है और इस पार्टी के सर्वेसर्वा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव हैं।

वहीं, राज्य में दूसरे स्थान पर भाजपा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य में चौथी बड़ी पार्टी थी। हालांकि, भारत के दक्षिणी भाग में क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला ज्यादा होता है किंतु राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा ने अपने कार्यों से लोगों का विश्वास जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं, राज्य में 2011 की जनगणना के अनुसार 85.09 फीसदी हिंदू हैं, जिनका झुकाव आगामी चुनाव में भाजपा की ओर हो सकता है और इसी कारण से के. चंद्रशेखर राव भाजपा के विरोध में बयानबाजी करते आ रहे हैं।

राजनीतिक साख बचाने के लिए विभिन्न पैंतरे आजमा रहे हैं KCR 

इसके अलावा राज्य में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या 12.43 फीसदी है। पिछले विधानसभा चुनाव AIMIM से अकबरुदीन ओवैसी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, अब मुस्लिम समुदाय में भी भाजपा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। तीन तलाक और महिला सुरक्षा जैसे कठोर कदम से भाजपा ने मुस्लिम समुदाय में अपनी पैठ बनाई है। राज्य में AIMIM पार्टी कांग्रेस के बाद तीसरी बड़ी पार्टी है। हालांकि, पहली बार AIMIM विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने के लिए तैयार है।

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इसी डर से वह भाजपा और राजग सरकार के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों को एकजुट करने के प्रयासों के तहत जल्द ही महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी के साथ बैठक करेंगे। वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को उसकी कथित जनविरोधी नीतियों के कारण हटाने को कहा है और इसके लिए वह भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों को एकजुट करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार हैं। ऐसे में, कहा जा सकता है कि के. चंद्रशेखर राव राज्य की जनसंख्या को चुनावी आधार के तौर पर मद्देनजर रखते हुए अपनी राजीतिक साख को बचाने के लिए विभिन्न पैंतरे आजमा रहे हैं। वे समझ चुके हैं कि राज्य में वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव कहीं उनकी राजनीतिक करियर की समाप्ति का परिचायक न बन जाए।

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