घर, वो जगह है जहां एक व्यक्ति अपने सपने बुनता है, उनके पूरे होने पर खुशी से उत्सव मनाता है, दुःख-दर्द सबका भार घर पर ही लाता है। जब उसी घर पर अनहोनी के बादल छा जाते हैं, तब जीवन पर सबसे कठिन कालखण्ड मंडराता रहता है। ऐसी ही कुछ घटना गुरुग्राम स्थित सेक्टर 109 में चिंटल्स पैराडिसो हाउसिंग सोसायटी (Chintal’s Paradios Gurgaon) की बहुमंजिला इमारत के दो टॉवर गिरने से हो गई। जिसके बाद उस सोसायटी के अन्य टावर्स में रहन वाले लोगों को घर छोड़ने का निर्देश जारी कर दिया गया है, सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। किसी के बच्चे की परीक्षा थी, तो किसी के बेटी की शादी, लेकिन ऐसा खौफनाक मंजर छाया कि अब लोगों की हालत दयनीय हो गई है।
चिंटल्स पैराडिसो एक आवासीय टॉवर के आंशिक रूप से ढहने के दो दिनों के बाद, पुलिस ने जिला टाउन प्लानर की शिकायत के आधार पर एक नया मामला दर्ज किया है, जिसमें भवन डिजाइन और संरचना के संबंध में प्रमाणीकरण की प्रमाणिकता पर सवाल उठाया गया है। चिंटेल इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रशांत सोलोमन सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि “दुर्घटना ने साबित कर दिया है कि स्ट्रक्चर इंजीनियर और प्रूफ कंसल्टेंट का सर्टिफिकेट और ठेकेदार का काम क्रेडिट योग्य नहीं, बल्कि फर्जी है।”
This is an extremely unfortunate incident and we have taken it very seriously as the safety of our residents is our utmost concern. Upon preliminary investigations, we have come to know that the mishap occurred during renovation work by a contractor being carried out by
— Prashant Solomon (@prasol) February 11, 2022
एफआईआर में स्ट्रक्चर इंजीनियर, डिजाइन कंसल्टेंट, आर्किटेक्ट और ठेकेदार कंपनी के नाम हैं। इसमें उन लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय पूछताछ के अनुसार छठी मंजिल पर बड़ा बदलाव मिल रहा था। ध्यान देने वाली बात है कि टावर डी की छठी मंजिल का एक बड़ा हिस्सा पहली मंजिल तक गिर गया था, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई थी। हादसे के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया था कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। गुड़गांव स्थित चिंटल्स इंडिया ने द्वारका एक्सप्रेसवे क्षेत्र में कई आवास और वाणिज्यिक परियोजनाएं विकसित की हैं।
ग्राहकों को बरगलाते हैं बिल्डर्स
ध्यान देने वाली बात है कि एक घर, उसमें भी कहें तो सपनों का घर बनाने के लिए एक अपर मिडल क्लास वर्ग से आने वाले लोगों को नोएडा या गुरुग्राम में न-न करते हुए भी अपने जीवन की अहम पूंजी का 1 से 2 करोड़ का हिस्सा निवेश करना पड़ता है, और उसके बाद जब उन्हें यह पता चले कि उनके घर में इतनी बड़ी त्रुटि है कि उसे ढहाना पड़ेगा, ऐसे में उसके परिवार पर क्या बीतेगी यह अनुमान लगाना आसान बात नहीं है। गुरुग्राम के चिंटल्स पैराडिसो में कई घरों के ढहने के कुछ दिनों बाद, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने चार और अपार्टमेंट टावरों को रहने के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया है। कुछ घरों में, छत में लोहे के छड़ दिखाई देते हैं, किसी में प्लास्टर गिर रहा है तो किसी में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इसके परिणामस्वरूप अब 200 परिवार बेघर हो गए हैं, जो वर्तमान में वैकल्पिक आवास की तलाश में हैं। इतना बड़ा निवेश करने के बाद जब इतने परिवार बेघर हो जाएं तो उसकी जवाबदेही किसकी होगी, क्योंकि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता तो एकदम व्यापारी वाली भाषा बोलकर ग्राहकों को बरगला देते हैं।
— Prashant Solomon (@prasol) February 11, 2022
ऐसे में इतने बड़े आवासीय कॉम्प्लेक्स में बुनियादी चूक उस बात की ओर अंदेशा कर रही है कि किस प्रकार बिल्डर एक पॉश इलाके में इतनी बड़ी सोसाइटी तो बना देते हैं, पर असल में धरातल पर उसका निर्माण ज़ीरो बटा सन्नाटा से भी बदतर होता है। चिंटेल इंडिया फ़िलहाल अपनी ओर से जांच में पूर्ण सहयोग की बात तो कर रही है, पर ऐसा करने की नौबत ही क्यों आई इसका जवाब ग्रुप का कोई भी पदाधिकारी नहीं दे पाएगा।
इस ऑनलाइन ज़माने में चाहे वो गुरुग्राम हो या फिर नोएडा, इन दोनों क्षेत्रों में अनुभव बेचने की सनक ऐसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनियों में चढ़ी हुई है। ऐसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनियां अपने ऑनलाइन रिव्यूज़ को पेड रिव्यूज़ के माध्यम से खरीद तो लेती हैं, जिसमें ये कंपनियां दावा करती हैं कि बड़े रिहायषी इलाके के साथ-साथ सोसाइटी में दिल्ली एनसीआर का सबसे बड़ा क्लब है, लाइब्रेरी समेत एक बड़ा रीडिंग स्पेस है, पार्टियां करने के लिए सोसाइटी में ही बड़ा क्लब से लेकर आधुनिक तकनीकों से लेश जिम और पार्किंग स्पेस है। ऐसे तमाम दावों को करते समय ये कंपनियाँ खरीदार को कई बड़ी खामियां छुपाने के लिए बड़े-बड़े ऑफर्स भी प्रदान करती हैं, जिसके लालच में ग्राहक न-न करते हुए भी हां करने का मन बना लेते हैं और फंस जाते हैं।
अपार्टमेंट सुविधाजनक हैं या नहीं ?
एक बड़ी रकम निवेश करने के बाद सार्वजानिक जीवन में आम आदमी ये सोचता है कि अब समाज में उसका स्थान बढ़ेगा, परन्तु वह इस बात पर गौर नहीं करता कि क्या वो जगह सुरक्षित है? निस्संदेह, भारतीयों को चकाचौंध से भरे अपार्टमेंट परियोजनाओं से सावधान रहने की आवश्यकता है, जो उन्हें दुनिया की सभी सुविधाओं का वादा करती हैं। ऐसे में इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ऐसे भवनों का निर्माण बिना किसी गुणवत्ता नियमों को ध्यान में रखे, जल्दबाजी में किया जाता है। अधिकांश इमारतें बिना पर्यवेक्षण के भी बनाई जाती हैं।
इसलिए, ऐसे टावरों के लिए दुर्घटनाएं एक प्राकृतिक घटना के रूप में आती हैं। घर खरीदार हमेशा ऐसे होते हैं, जो अपना सारा पैसा ऐसे घरों में लगाते हैं और फिर अपना सब कुछ खो देते हैं। ऐसे में अब भारत में अपार्टमेंट संस्कृति के उत्सव को रुकने की जरूरत है, क्योंकि यह विनाश को दावत देने वाली परियोजना बनता जा रहा है! जो घटना गुरुग्राम स्थित सेक्टर 109 में चिंटल्स पैराडिसो हाउसिंग सोसायटी में घटी है, उससे यह सिद्ध होता है कि कैसे नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत असल जीवन में कभी भी और कहीं भी चरितार्थ हो सकती है।
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