महुआ मोइत्रा बुद्धिमती नहीं बल्कि तेज-तर्रार, अतार्किक और गाली-गलौज करने वाली राजनेत्री हैं

'गालीबाज' नेत्री हैं महुआ मोइत्रा!

राजनीति एक गन्दा खेल है!

यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी! दरअसल, कुछ कुत्सिक मानसिकता वाले लोग राजनीति को गन्दा करने चले आते हैं। उनके लिए स्वयं की प्रतिष्ठा सर्वोपरि होती है! वे इतने बड़बोले होते हैं कि राजनीतिक पद पर होने के बाद भी खुलेआम अभद्र भाषा का उपयोग और गाली-गलोज करने से पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बीते गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार पर कटाक्ष करने के लिए ‘गोमूत्र’ का मज़ाक उड़ाकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। सदन की समाप्ति के बाद भाजपा को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने एक ट्वीट में कहा, “मैं आज शाम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में बोलने जा रही हूं। मैं बस यही चाहती हूं कि बीजेपी की हैकर टीम खुद को तैयार रखें और गोमूत्र पीकर आएं।”

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सदन में महुआ मोइत्रा के अभद्र बोल 

दरअसल, संसद के निचले सदन लोकसभा में सदन का संचालन कर रही भाजपा सांसद रेमा देवी ने मोइत्रा को अपना भाषण बंद करने के लिए कहा था, जिसको लेकर महुआ मोइत्रा ने जोरदार विरोध किया। वहीं, जब रमा देवी ने अगले स्पीकर का नाम पुकारा तब मोइत्रा दौड़कर सदन के वेल में आ गईं। बाद में इस मामले को लेकर महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा कि “लोकसभा अध्यक्ष ने मुझे कम से कम 13 मिनट आवंटित किए थे, जब रेमा देवी से पुछा गया तो उन्होंने कहा, “यह मेरी महानता थी कि मैंने आपको पहले स्थान पर 13 मिनट भी दिए।”

बता दें कि मोइत्रा कई मौकों पर खुलेआम अभद्र भाषा का उपयोग एक बार नहीं बल्कि कई बार कर चुकी हैं। पिछले साल उन्होंने भारत को ‘सुसु पॉटी रिपब्लिक’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधने के लिए ‘गोमूत्र’ शब्द का उपयोग भी किया था। उस समय मोइत्रा ने एक ट्वीट में कहा था, “हमारे सुसु पॉटी रिपब्लिक में आपका स्वागत है! गोमूत्र पिएं, गोबर छिड़कें और शौचालय में कानून का राज बहाएं।” इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर महुआ मोइत्रा की जमकर खिंचाई हुई थी।

गौरतलब है कि सदन में मोइत्रा के दुर्व्यवहार से आहत होकर रमा देवी ने उनसे कहा था कि, “महुआ-जी, थोड़ा-सा प्रेम से बोलिए। इतना गुस्सा मत करिये। अच्छे से बोलिए।” जिसके जवाब में महुआ मोइत्रा ने फिर एक ट्वीट करते हुए लिखा “मुझे गुस्सा या प्यार के साथ बोलना चाहिए या नहीं, इस पर व्याख्यान देने के लिए मुझे (मेरा बहुमूल्य समय लेते हुए) बाधित करने वाला अध्यक्ष कौन होता है? आपका कोई काम नहीं मैडम। आप मुझे केवल नियमों पर ही सुधार सकती हैं। आप लोकसभा के लिए नैतिक विज्ञान की शिक्षिका नहीं हैं।”

लोकसभा अध्यक्ष ने जताई कड़ी आपत्ति 

लोकसभा में इस विवाद के साथ ही बड़बोली नेता महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि अहमदाबाद की सड़कों पर जैन गुप्त रूप से मांसाहारी भोजन करते हैं। उन्होंने बीते गुरुवार (3 फरवरी) को लोकसभा में अपने भाषण के दौरान इसको लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। मोइत्रा ने मोदी सरकार पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा “आप भविष्य के भारत से डरते हैं जो अपनी त्वचा और परस्पर विरोधी वास्तविकताओं में सहज है। तो आप भविष्य के भारत से डरते हैं जहां एक जैन लड़का घर से छिप सकता है और अहमदाबाद में एक सड़क गाड़ी पर काठी कबाब का आनंद ले सकता है।”

वहीं, इस मामले पर मचे बवाल के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बीते गुरुवार को लोकसभा में TMC सांसद महुआ मोइत्रा के जोरदार विरोध के लिए उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना भाषण पूरा करने की अनुमति नहीं देने के साथ सोशल मीडिया पर लोकसभा चेयर पर उनके द्वारा की गई अनुचित टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि पीठ की प्रतिष्ठा और गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांसदों को यह देखना चाहिए कि सदन और अध्यक्ष की गरिमा सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह सुरक्षित रहे। बिरला ने मोइत्रा का नाम लिए बिना लोकसभा में एक बयान में कहा, “यह संसदीय लोकतंत्र की गरिमा है और मुझे उम्मीद है कि आप सभी इससे सहमत होंगे। पिछले कुछ दिनों में घटी घटनाओं पर मैंने गंभीरता से संज्ञान लिया है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करना चाहता हूं कि सोशल मीडिया और मीडिया का उपयोग करके विशेष रूप से सदन के बाहर, कुर्सी पर टिप्पणी करना सही नहीं है।” 

एक बड़बोली और गाली-गलौज करने वाली राजनीतिज्ञ

वहीं, TMC सहित सभी दलों के नेताओं ने लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान पर अपनी सहमति व्यक्त की और उन्हें अपना समर्थन देने का वादा किया। TMC नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, “हमारा निश्चित रूप से यह मत है कि सदन की प्रतिष्ठा हमेशा उस स्तर पर रखी जानी चाहिए जहां हम सभी को इस सदन के सिद्धांतों, विचारों और दर्शन के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।”

बताते चलें कि महुआ मोइत्रा को भद्दी टिप्पणी करने और अपने विरोधियों का उपहास उड़ाने की पुरानी आदत है। पिछले साल जुलाई में झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर तीन बार उन्हें ‘बिहारी गुंडा’ कहने का आरोप लगाया था। दुबे ने ट्विटर पर मोइत्रा पर हिंदी भाषी लोगों और उत्तर भारतीयों के प्रति नफरत दिखाने का भी आरोप लगाया था। दुबे ने लिखा, ”TMC ने ‘बिहारी गुंडा’ शब्द का इस्तेमाल कर पूरे बिहार के साथ-साथ पूरे बिहार के हिंदी भाषी लोगों को गाली दी है।”

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लिहाजा, महुआ मोइत्रा मीडिया सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए गलत बयानबाजी करती हैं। ये वही महुआ मोइत्रा हैं, जिनका कुछ महीने पहले ममता बनर्जी ने भरी सभा में अपमान किया था, जिसके बाद उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी। देश के प्रतिष्ठित सदन में महुआ मोइत्रा ने अपनी कुतर्कता से यह स्पष्ट कर दिया है कि वो कोई बुद्धिमान नहीं बल्कि एक बड़बोली और गाली-गलौज करने वाली राजनीतिज्ञ हैं।

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