‘मुसलमानों के साथ मेरा रिश्ता वैसा ही है जैसा…’, जानें कट्टरपंथी इस्लाम से कैसे निपट रहे हैं योगी?

योगी ने स्पष्ट कर दी है स्थिति!

Yogi Adityanath

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उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 शुरू होने में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देने में लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार को अपने गृह क्षेत्र गोरखपुर से अपना नामांकन दाखिल किया और 300 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने का दावा भी किया। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने न्यूज 18 से बातचीत में कई मामलों पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की पार्टी का गठबंधन, ओबीसी नेताओं के पार्टी छोड़ने, मुसलमानों से संबंध आदि को लेकर अपनी बात रखी है।

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हुए साक्षात्कार में योगी आदित्यनाथ ने चुनावी राज्य में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर हुए हमले की निंदा की, लेकिन नेताओं को चुनावी भाषणों में लोगों की भावनाओं को आहत करने के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर खासकर राहुल गांधी के कश्मीर वाले बयान को लेकर जबरदस्त हमला बोला। सीएम योगी ने विपक्षी पार्टियों पर वोट बैंक की राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर रखने का आरोप लगाया।

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संबंध को लेकर कही ये बात

जब उनसे मुसलमानों के साथ संबंधों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा उनके साथ संबंध वैसा ही है, जैसा उनका मेरे साथ है। अपने इस बयान से सीएम योगी ने स्पष्ट कर दिया कि वो अपने हिंदुत्व के मुद्दे पर कायम हैं, उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कह रहे हैं! सीएम ने गोरखपुर से उन्हें प्रत्याशी बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद भी किया।

ध्यान देने वाली बात है कि काफी पहले से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि योगी आदित्यनाथ मथुरा या अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने गोरखुपर से अपना नामांकन दाखिल किया। इस मामले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, गोरखपुर हो या पूरा राज्य, मेरे लिए अपरिचित नहीं है। पार्टी ने मेरी राय मांगी थी और मैंने भी पार्टी पर फैसला छोड़ दिया था। पार्टी ने ही मेरी सीट तय की है। मुझे गोरखपुर से चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए मैं माननीय मोदी जी, अमित शाह जी और पार्टी के संसदीय बोर्ड का आभारी हूं।

300 से अधिक सीटें जीतने का दावा

यह सर्वविदित है कि भाजपा ने यूपी चुनाव 2017 में इतिहास रचते हुए राज्य की 312 सीटों पर कब्जा जमाया था और योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। अब यूपी चुनाव 2022 में पार्टी 300 सीटों के आंकड़े को पार कर पाएगी या नहीं, इस पर सीएम योगी ने कहा, लोकतंत्र में किसी भी नेता के लिए जनता का भरोसा बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। इसमें कोई शक नहीं है कि वर्ष 2014, 2017 और 2019 में उत्तर प्रदेश और देश के बाकी लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी पर अपना विश्वास और भरोसा दिखाया। आजादी के बाद कोई भी जन नेता लोगों के बीच ऐसा विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हो सका।

उन्होंने कहा, मोदी जी ने न केवल देश के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है, बल्कि देश के भीतर गरीबों के कल्याण के लिए काम किया है। उन्होंने आम लोगों का विश्वास जीता है और यह विश्वास आज भाजपा के लिए भारी समर्थन में तब्दील हो रहा है। मुझे लगता है कि पीएम मोदी से प्रेरित बीजेपी ने पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश का विश्वास जीता है। मुझे विश्वास है कि डबल इंजन सरकार सार्वजनिक परीक्षा पास करेगी और 300 से अधिक सीटों का विशाल जनादेश हासिल कर राज्य में फिर से सरकार बनाएगी।

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एग्जिट पोल्स को लेकर कही ये बात

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के कई एग्जिट पोल्स में भाजपा को 230-260 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही है, कुछ पोल्स में उन्हें 150 के आस-पास सीटें मिलती दिख रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाई-बहन (कांग्रेस) की पार्टी काफी सुर्खियों में रही थी। लेकिन देखिए क्या हुआ, यूपी में उन्हें सिर्फ दो सीटें मिली। उस समय राज्य की सत्ताधारी पार्टी (सपा) ने भी लंबे-चौड़े दावे किए थे, लेकिन पांच सीटों पर सिमट गई थी।

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश ने भी पिछले पांच वर्षों में व्यापक परिवर्तन देखा है। निवेश का दायरा बढ़ रहा है, पारदर्शी तरीके से रोजगार सृजित हुआ है, हमने बेहतर सिंचाई के मामले में किसानों के कल्याण के लिए काम किया है, एमएसपी बढ़ाया है, कर्जमाफी और पीएम किसान सम्मान निधि आदि, महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करती हैं और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए हमने काम किया है। सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार से यूपी को फायदा हुआ है। ये सभी कारक हमारे लिए 300 से अधिक सीटों को जोड़ देंगे।

योगी ने किया 80% और 20% का जिक्र

सीएम योगी ने आगे कहा कि पिछले छह महीनों में किए गए लगातार सर्वेक्षणों में समाजवादी पार्टी के आंकड़ों में गिरावट आई है, जबकि भाजपा बढ़ रही है। जब पहले दो चरणों के चुनाव के लिए प्रचार शुरू हुआ, तो यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा 300 से अधिक सीटें जीतेगी। मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह चुनाव अंततः लगभग 80 फीसदी बनाम 20 फीसदी होगा। बीजेपी 80 फीसदी में होगी, जबकि अन्य पार्टियां 20 फीसदी में होंगी।

उन्होंने कहा, मेरा मानना ​​है कि 80 फीसदी में वे लोग शामिल हैं, जो सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, जिन्होंने राज्य में बेहतर विकास और सुरक्षा के माहौल को सराहा और स्वीकार किया है और चाहते हैं कि यह जारी रहे। ये वे लोग हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में डबल इंजन सरकार द्वारा लाए गए विकास, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के विकास को देखा और लाभान्वित हुए हैं। वे गरीबों के लिए, सभी को बिजली के लिए, बेहतर सड़क, रेल और हवाई संपर्क के लिए हमारी नीतियों की सराहना करते हैं। भविष्य के प्रति सकारात्मक ऊर्जा वाले ये लोग 80% में शामिल हैं, जो भाजपा का समर्थन करेंगे।

विकास की रफ्तार से घबरा गया है विपक्ष

बताते चलें कि प्रदेश में विकास की रफ्तार के आगे विपक्षी पार्टियों का टिकना मुश्किल हो गया है। चाहे वह 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज को क्रियाशील करना हो, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो, एयरपोर्ट का शिलान्यास हो, एक्सप्रेस-वे हो या मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षत-विक्षत किए गए हिंदू मंदिरों का पुनरुद्धार, योगी और मोदी की जोड़ी हर मामले में अव्वल है। अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर और काशी में बाबा विश्वनाथ धान का पुनरुद्धार इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। भाजपा से लेकर सीएम योगी तक, ये हमेशा से हिंदुत्व को लेकर मुखर रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी को पूरा भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की जनता उनके साथ है, जिसका असर चुनाव में भी देखने को मिलेगा!

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा। यूपी में इस बार भी चुनाव पिछली बार की तरह वेस्ट यूपी से शुरू होंगे। आखिरी चरण पूर्वांचल में होगा। पहले चरण में 58 और आखिरी चरण में 64 विधानसभा सीटों में वोटिंग होगी।

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