आखिरकार ED के शिकंजे में आ ही गए शरद पवार के करीबी नवाब मलिक

दाऊद इब्राहिम के भाई से है गहरा कनेक्शन!

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एक कहावत है जब पाप का घड़ा भर जाता है तो वो एक ना एक दिन जरूर फूटता है। NCP के नेता नवाब मलिक का वही हाल है। ED ने उद्धव ठाकरे की सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री और NCP के नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। आपको बताते चलें कि उद्धव ठाकरे की सरकार में नवाब मलिक अल्पसंख्यक मंत्री हैं।

यूपी में जन्मे, महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री आर्यन खान मामले के साथ अखबार के पहले पन्ने की सुर्खियों में आए, जब उन्होंने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को “महाराष्ट्र में ड्रग रैकेट का मास्टरमाइंड” कहा। आपको बता दें कि मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1995 के आसपास मुंबई में समाजवादी पार्टी के माध्यम से की थी। उन्होंने नेहरू नगर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव भी जीता।

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बाद में वह 2001 में NCP में शामिल हो गए, जब उन्हें “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के कारण समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया गया था। वैसे तो अपनी विचारधारा के बारे में, अल्पसंख्यक मंत्री का दावा है कि उन्हें “धर्म आधारित राजनीति” पसंद नहीं है लेकिन नवाब को क्या पसंद है? नवाब को पसंद है गुंडों और आतंकवादियों के साथ राजनीति करना।

अब खुल रहे हैं अंडरवर्ल्ड से तार-

गौरतलब है कि नवाब मलिक को पिछले साल नवंबर में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा लगाए गए आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मलिक पर अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने का आरोप लगाया था।

आरोपों के मुताबिक, मलिक दो लोगों सरदार शाहवाली खान और मोहम्मद सलीम इशाक पटेल उर्फ सलीम पटेल से संपत्ति लेकर आया था और ये दोनों दाऊद के सहयोगी थे।

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सरदार शाहवाली खान को 2007 में 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में टाडा कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसी पंक्ति में, मोहम्मद सलीम इशाक पटेल, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का फ्रंटमैन था और 2007 में उसके साथ भूमि हथियाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

फडणवीस ने आरोप लगाया, कुर्ला में एलबीएस मार्ग पर 2.80 एकड़ की एक प्रमुख संपत्ति Solidus Investments Private Limited ने महज 30 लाख रुपये में खरीदी थी। सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले नवाब मलिक के बेटे फ़राज़ मलिक थे। मलिक ने मंत्री बनने के बाद 2019 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था।

फडणवीस ने आरोप लगाया कि जमीन का बाजार भाव रु. 8500 प्रति वर्ग मीटर है , मलिकों को यह सिर्फ 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर में मिला। इसके बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने सभी आरोपों का खंडन किया और एक अलग कहानी पेश की है। उन्होंने कहा कि उसने कभी भी अंडरवर्ल्ड से किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया था। मलिक ने कहा कि कुर्ला की जमीन पर एक गोदाम है जिसे Solidus ने मुनीरा पटेल से Lease पर लिया था। “उसने हमसे संपर्क किया और कहा कि वह हमें जमीन बेचना चाहती है। हमने जमीन का स्वामित्व ले लिया और सलीम पटेल के माध्यम से पंजीकरण कराया, जिसके पास पावर ऑफ अटॉर्नी थी।

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फ्रॉड मलिक की सच्चाई जानकर दंग रह जाएँगे-

Solidus Investments Private Limited, 1973 में मलिक परिवार द्वारा स्थापित एक कंपनी है। मलिक के बेटे आमिर नवाब मलिक और पत्नी महजबीन नवाब मलिक को फर्म के दो निदेशकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ कथित लेन-देन और उनके साथ भूमि सौदों को लेकर नवाब मलिक से आठ घंटे तक पूछताछ की गई। जिसके बाद उन्हें विशेष PLMA कोर्ट में पेश किया गया, जिसने 3 मार्च तक ईडी को उनकी हिरासत की अनुमति दी है।

आपको बता दें कि नवाब मलिक दूसरे मंत्री हैं जिन्हें ईडी के शिकंजे में घसीटा गया है। नवाब मलिक की गिरफ्तारी को महाराष्ट्र में अंडरवर्ल्ड से जुड़े नेताओं को पकड़ने के एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

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