“झूठ चाहे जितने भी रूप बदल ले, सच का एक दांव उसे परास्त करने के लिए पर्याप्त है।” हाल ही में मुंबई पुलिस के पूर्व अध्यक्ष परमबीर सिंह ने सभी को चौंकाते हुए एक महत्वपूर्ण स्वीकारोक्ति में यह बताया कि कैसे TRP घोटाला वास्तव में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को फंसाने के लिए रचा गया महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा एक कुत्सित षड्यंत्र से अधिक कुछ नहीं था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष दिए गए अपने बयान में परमबीर सिंह ने कहा कि जाँच को एक निश्चित दिशा देने के लिए सचिन वाजे को सियासी निर्देश मिलते थे। वाजे सीधे तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को रिपोर्ट करते थे और उन्हीं से जाँच की दिशा निर्धारित करने के लिए निर्देश लेते थे। यह जाँच की प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन है।
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TRP घोटाले में ED के सामने परमबीर सिंह ने किया खुलासा
इस बारे में ED ने परमबीर सिंह से पूछा था कि, “जाँच की अवधि के दौरान यह पता चला कि अनिल देशमुख सीधे सचिन वाजे को निर्देश देते थे। इसके बारे में बताएँ?” इस पर परमबीर सिंह ने जवाब दिया कि “जारी जाँच को लेकर अनिल देशमुख, सचिन वाजे के साथ अक्सर बैठकें किया करते थे और इस बारे में उन्हें निर्देश भी देते थे। इनमें एक प्रमुख मामला रिपब्लिक TV के TRP केस का भी है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब समेत अन्य मंत्री भी वाजे को निर्देश देते थे।“
#TRPHoaxExposed | How can CM be misled by Police Commissioner? Where is the question of being misled. It is Mr Anil Deshmukh who re-opened the case, it is the govt of the day that planted the TRP case: @rahulnarwekar, MLA & Spokesperson, BJP Maharashtra https://t.co/GoKVTowNIK pic.twitter.com/GPKnthuSAh
— Republic (@republic) February 3, 2022
2021 में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, BARC के अधिकारियों ने सचिन वाजेको रिश्वत देने के बारे में बयान भी दिया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे सारा पैसा एक डमी कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। इसके अलावा इस घोटाले के फर्जी होने के संकेत तभी दिखने प्रारंभ हो चुके थे, जब हाल ही में परमबीर सिंह ने बताया कि कैसे उन्हें निलंबित अफसर सचिन वाजेको बहाल करने के लिए ठाकरे परिवार ने दबाव डाला था।
क्या था रिपब्लिक टीवी TRP घोटाला?
दरअसल, ये TRP घोटाला वही घोटाला है, जिसके चक्कर में रिपब्लिक चैनल के स्वामी और प्रख्यात पत्रकार अर्नब गोस्वामी को झूठे मुकदमों में फँसाकर जेल भेजा गया और मानसिक एवं शारीरिक तौर पर प्रताड़ित भी किया गया था। बता दें कि इस खुलासे के बाद रिपब्लिक टीवी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इस मामले से जुड़े सभी लोगों की जाँच की माँग की है। रिपब्लिक मीडिया का कहना है कि व्यवसायिक हितों एवं अन्य कारणों की वजह से इस धोखाधड़ी को बढ़ावा दिया।
ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएगी उद्धव ठाकरे की भ्रष्ट सरकार
परमबीर सिंह के अनुसार सस्पेंड चल रहे सचिन वाजे की फिर से बहाली के लिए उन पर सीधे महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का दबाव था। सचिन वाजे प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक गाड़ी रखने और उस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी भी है। परमबीर सिंह ने यह खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पूछताछ में किया है। परमबीर सिंह ने यह भी खुलासा किया है कि सचिन वाजे को शिवसेना में लिए जाने के बाद उसकी नियुक्ति अहम पदों पर करने का भी दबाव डाला गया था।
वहीं, अनिल देशमुख ने ED द्वारा की गई पूछताछ में परमबीर सिंह के आरोपों को नकार दिया है। देशमुख ने उल्टा यह कहा है कि एंटीलिया विस्फोट और मनसुख हिरेन की हत्या मामले का मास्टरमाइंड परमबीर सिंह ही थे। उन्होंने ED अधिकारियों से यह भी कहा कि परमबीर सिंह किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया करते थे। वे हमेशा उलझा हुआ ही जवाब देते थे।
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लेकिन पुलिस विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को देशमुख ने शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब की ओर पास कर दिया। उन्होंने कहा अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट उन्हें अनिल परब लाकर देते थे।इतना तो स्पष्ट है कि परमबीर सिंह ने ED के समक्ष रिपब्लिक टीवी TRP घोटाला को फर्जी बताया है। ऐसे में, अब महाविकास अघाड़ी के विनाश सुनिश्चित हो चुकी है। वहीं, अब देखना यह होगा कि उद्धव ठाकरे की भ्रष्ट सरकार कितने दिन टिक पाती है।