दूरदर्शन के शक्तिमान को सोनी पिक्चर्स देगा एक नई उड़ान

अब भारतीय सुपरहीरोज़ को मिलेगा सम्मान!

शक्तिमान सोनी पिक्चर्स
“शक्तिमान!”

इस एक ध्वनि या धुन के पीछे पूरा राष्ट्र दीवाना हुआ करता था और कई बच्चों को जब भी अवसर मिले वहां अपने प्रिय ‘शक्तिमान’ का अनुसरण करते थे। हो भी क्यों न, जिस देश में विदेशी सुपरहीरोज़ की भरमार हो और उनके भारतीय संस्करण लगभग न के बराबर हो, वहां पर एक भारतीय सुपरहीरो उभर कर आये, वो अच्छा नहीं होगा? अब हमारे ‘शक्तिमान’ को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने वाली है। जी हाँ, शक्तिमान एक विशेष Trilogy में परिवर्तित होगी। आपको यह सोच कर असंभव लग रहा होगा! लेकिन ऐसा ही है।

शक्तिमान को बड़े पर्दे पर लाएगा सोनी पिक्चर्स 

दरअसल, डी डी नेशनल के सुप्रसिद्ध कार्यक्रम शक्तिमान को सिनेमा के माध्यम से जीवित किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी सक्रिय रूप से Sony Pictures Film India के पास होगी। वहीं, Bheeshm International भी इस फिल्म निर्माण में सहयोग देगा। स्मरण रहे कि Bheeshm International वही कंपनी है, जिसे शक्तिमान का मूल किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना ने स्थापित की थी और ऐसे में उनका इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के साथ जुड़ना इस बात को स्थापित करता है कि यह परियोजना लगभग सुरक्षित हाथों में हो सकती है। सोनी पिक्चर्स इंटरनेशनल प्रोडक्शंस ने बीते गुरुवार को एक टीज़र के माध्यम से इसकी घोषणा भी की।

ट्विटर पर सोनी पिक्चर्स इंडिया ने सुपरहिट दूरदर्शन टीवी धारावाहिक शो में शक्तिमान की भूमिका निभाने वाले मुकेश खन्ना को टैग करते हुए लिखा, “भारत और पूरी दुनिया में हमारी कई सुपरहीरो फिल्मों की सुपर सफलता के बाद, अब हमारे देसी सुपरहीरो का समय है!” 

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दूरदर्शन का सुपरहिट शो था शक्तिमान 

मालूम हो कि दूरदर्शन पर वर्ष 1997 से 2000 तक के बीच शक्तिमान का प्रसारण हुआ था। शक्तिमान का किरदार मुकेश खन्ना निभाते दिखे थे। वहीं शो में मुकेश खन्ना, पंडित विद्याधर मायाधर ओमकारनाथ शास्त्री जी का भी किरदार निभाते थे, जो एक पत्रकार था और यही पत्रकार बाद में दुष्टों का विनाश करने के लिए शक्तिमान नामक सुपरहीरो में परिवर्तित हुआ।

ये निस्संदेह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है और इससे न केवल अन्य सुपरहीरोज़ को भी मंच मिलगा अपितु हमारे देश के सुप्त कॉमिक उद्योग को भी नई उड़ान मिलेगी। वो कैसे? क्या आपने नागराज और डोगा का नाम सुना है? अगर हाँ, तो इनसे सम्बंधित कॉमिक्स भी अवश्य पढ़े होंगे। 70 और 80 के दशक में, भारत में अनेक कॉमिक्स प्रकाशक थे, जिनमें चम्पक, डायमंड कॉमिक्स, राधा कॉमिक्स, तुलसी कॉमिक्स, किंग कॉमिक्स, राज कॉमिक्स जैसे प्रकाशक प्रमुख थे।

हालांकि, सन 2000 के बाद भारतीय कॉमिक बुक की बिक्री को मध्यम वर्गीय परिवारों में वीडियो गेम की शुरुआत के साथ-साथ लगभग सभी घरों में टेलीविजन के आगमन के कारण एक बड़ा धक्का लगा। बिक्री और प्रचलन में गिरावट आई और कॉमिक बुक प्रकाशन कंपनियों को या तो तोड़ दिया गया या विलय कर दिया गया। यह करो या मरो’ की स्थिति थी और जैसा कि कहा जाता है यदि आप उन्हें हरा नहीं सकते हैं, तो उन्हीं के साथ शामिल हो जाओ।

भारतीय सुपरहीरोज़ को भी मिलेगा उचित स्थान

वहीं, एक और भी कारण था जिसके पीछे आधुनिक युवा भारत के प्रिंट आधारित कॉमिक्स से जुड़ नहीं पाए। TFI Post के एक विश्लेष्णात्मक अध्ययन के अनुसार, “90 के दशक की प्रारंभ में, राज कॉमिक्स उन सभी में सबसे बड़ी कॉमिक्स प्रकाशक बनकर उभरी। जल्द ही अन्य प्रकाशकों को या तो अधिग्रहित कर लिया गया या पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इससे राज कॉमिक्स भारतीय कॉमिक्स उद्योग का एकमात्र पर्याय बन गया। राज कॉमिक्स में हर बच्चे की पसंद और नापसंद को पूरा करने वाले सुपरहीरो की एक विस्तृत कहानी थी, उदाहरण नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, शक्ति, परमाणु, बांकेलाल, डोगा आदि।

न केवल नायक, बल्कि उनके पास नागपाशा, ग्रैंड मास्टर रोबो, काल पहेली, वामन आदि जैसे खलनायक भी थे। समय के साथ-साथ अधिक सुसज्जित और लड़ाकू पात्रों के बजाय, राज कॉमिक्स ने पौराणिक कथाओं और फिर कहानी में एक ही पात्र के साथ Time Traveling आधारित कर दिया। इससे पहले ही TV और इंटरनेट के वजह से घटती लोकप्रियता के बाद कॉमिक्स पढ़ने वाले और बोर होते गए।”

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लेकिन अब और ऐसा नहीं चलेगा। शक्तिमान को एक वैश्विक मंच मिलने से अब एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि भारतीय सुपरहीरोज़ को भी उनका उचित स्थान मिलेगा और वे भी वैश्विक मंच पर अपना दमखम दिखा सकेंगे!

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