भारत तब तक नहीं बनेगा टेस्ला का बाज़ार, जब तक कंपनी भारत का पैसा चीन में भेजती रहेगी

भारत में बेचना है, तो भारत में बनाओ!

भारत टेस्ला

भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की प्रतीक्षा का कोई अंत नहीं है क्योंकि अमेरिकी ऑटो निर्माता अपने उत्पादों के लिए आयात शुल्क में कटौती करना चाहता है, वहीं भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला स्थानीय स्तर पर उत्पादों का निर्माण करे। केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हाल ही में अपने विचार स्पष्ट किए जब उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां बाजार भारत हो लेकिन चीन में रोजगार पैदा हो।

भारत सरकार पहले स्पष्ट कर चुकी है कि किसी भी कर रियायत पर विचार करने से पहले टेस्ला को स्थानीय रूप से निर्माण करने की आवश्यकता है। मंगलवार को लोकसभा में टेस्ला पर एक सवाल के जवाब में, भारी उद्योग राज्य मंत्री गुर्जर ने एक बार फिर सरकार की स्थिति पर प्रकाश डाला और कहा, “कंपनी चीन और भारत के बाजार से श्रमिकों को चाहती है। मोदी सरकार में यह संभव नहीं है। हमारी सरकार की नीति है कि अगर भारत के बाजार का इस्तेमाल करना है तो भारतीयों को रोजगार के अवसर देने होंगे।”

गुर्जर कांग्रेस सदस्य के सुरेश के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। गुर्जर ने पूछा “सदस्य से यह पूछना चाहता हूं कि क्या वे चाहते हैं कि भारत का पैसा चीन में जाए?” उस कंपनी ने हमारी नीति के अनुसार आवेदन नहीं किया है। उसके लिए (कंपनी), भारत के दरवाजे खुले हैं, वे नीति के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। कंपनी स्थापित करो, हमारे लोगों को रोजगार दो, सरकारी राजस्व बढ़ाओ।”

भारत में ईवी आंदोलन गति प्राप्त कर रहा है, भले ही यह बड़े पैमाने पर दो और तीन-पहिया क्षेत्र में उत्पादों द्वारा संचालित हो रहा हो। मर्सिडीज-बेंज, ऑडी, जगुआर लैंड रोवर और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कार निर्माता भारत में उत्पाद लाए हैं, जबकि टाटा मोटर्स, हुंडई और एमजी मोटर इंडिया जैसे बड़े पैमाने पर बाजार वाले निर्माताओं के पास भी विकल्प उपलब्ध हैं।

टेस्ला के CEO एलोन मस्क ने हाल ही में एक ट्वीट के जवाब में कहा कि उनकी कंपनी ‘सरकार के साथ चुनौतियों’ के कारण अभी भारत में नहीं है। कई राज्य सरकारें मस्क को आमंत्रित करने और लुभाने के लिए तत्पर दिखी। पश्चिम बंगाल से लेकर पंजाब और महाराष्ट्र तक पूरे देश में न्योता भेजा गया था। लेकिन भारतीय संदर्भ में, आयात कर में कटौती जैसे महत्वपूर्ण कारक केवल केंद्र सरकार द्वारा तय किए जा सकते हैं और फिलहाल, ऐसा प्रतीत होता है कि टेस्ला स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए अनिच्छुक हो सकती है।

आपको बतादें कि Tesla कंपनी भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है, लेकिन उनका कहना है कि भारत में कर का दर दुनिया में सबसे ज्यादा है। भारत 40,000 डॉलर या उससे कम लागत वाले EV पर 60 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाता है और 40,000 डॉलर से अधिक की कीमत पर 100% शुल्क लगाता है। बताते चलें कि “CEO Elon Musk ने पहले कहा था कि अगर आयात में सफलता मिलती है, तो Tesla भारत में एक कारखाना खोलने पर विचार करेगी।”

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आपको ज्ञात हो कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहन के परिचालन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी Tesla को हड़काते हुए कहा था कि “भारत में वो इलेक्ट्रिक कारें न बेचें, जो आपकी कंपनी ने चीन में बनाई है।” गडकरी ने आगे कहा था कि “अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक वाहन निर्माता को भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करना चाहिए और भारत से कारों का निर्यात भी करना चाहिए।” ऐसे में भारत सरकार का रुख मामले पर साफ है।

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