Google Chrome को “उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित” बनाने वाले इस भारतीय को जान लीजिये

बड़ी टेक कम्पनियों की खामियों को सबके सामने लाते हैं ऐसे भारतीय युवा!

source- tfipost

दुनिया की दिग्गज कम्पनियां अपने प्रोडक्ट्स में खामियों को उजागर करने वाले को इनाम देती है। ऐसे में में टेक कम्पनियों को अपनी समस्या मालूम चलती है और उन्हें सही करके ऐसी कम्पनियां अपने ग्राहकों को बढ़िया एवं गुणवत्तापूर्ण सामान देती है। इस साल ऐसे ही समस्या को ढूंढने वाले युवक को गूगल करोड़ों रूपये दे चुकी है।

Google ने इंदौर के एक तकनीकी विशेषज्ञ अमन पांडे को 2021 में Vulnerability Rewards Program (VRP) के तहत Android में कमजोरियों का पता लगाने के लिए लगभग 65 करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया है। पांडे ने 2021 में Google के ऑपरेटिंग सिस्टम – एंड्रॉइड – में कुल मिलाकर 232 कमजोरियों की खोज की थी। पांडे अपने समकक्ष मानस के साथ इंदौर स्थित एक स्टार्टअप, बग्समिरर चलाते हैं, जो तकनीकी कंपनियों को उनके कोड में बग खोजने में मदद करती है। अमन के अलावा, Google ने एक चीनी एंड्रॉइड सुरक्षा शोधकर्ता यू-चेंग लिन का भी विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने 2021 में कुल 128 वैध रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

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अमन के स्टार्टअप को Google, Samsung और Apple द्वारा बनाए गए सॉफ़्टवेयर में बग मिले हैं। Google द्वारा 2019 में अपने एक एप्लिकेशन में बग खोजने के लिए 70,000 रुपये का भुगतान करने के बाद पांडे ने अपनी कंपनी शुरू की। वह उस समय भी एक छात्र थे।

ANI से बात करते हुए, अमन ने कहा, “मैंने “बग्समिरर” के सह-संस्थापक, मानस के साथ, Google के विभिन्न अनुप्रयोगों में 600 से अधिक बग पाए हैं, और कंपनी ने बदले में हमें करोड़ों रुपये का भुगतान किया है। हमने भी सैमसंग और ऐप्पल जैसी कंपनियों के अनुप्रयोगों में बग पाया है।”

छोटे शहर से बड़ा काम किया है अमन ने-

अमन ने यह कारनामा किसी अमेरिकी कंपनी से नहीं बल्कि भोपाल जैसे शहर से किया है। पांडे ने बीटेक की डिग्री एनआईटी भोपाल से पूरी की है। वह मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, जावा, सास और तकनीकी उत्पादों के विकास में माहिर हैं। वे करीब चार साल से सुरक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने साइबर सुरक्षा खतरों के खिलाफ लोगों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से अपनी कंपनी बग्समिरर की स्थापना की थी। उन्होंने ANI को बताया कि उनकी कंपनी को अब भारतीय कंपनियों से भी कारोबार मिल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘अभी तक हमारे पास केवल अंतरराष्ट्रीय ग्राहक थे लेकिन अब भारतीय ग्राहक भी अपने उत्पादों के सुरक्षा ऑडिट के लिए हमारे पास आ रहे हैं। अभी तक, स्टार्टअप में दो संस्थापकों सहित 15 कर्मचारियों का स्टाफ है।

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आपको बता दें कि दुनिया के तकनीकी क्षेत्र पर राज करते हुए, Google लगातार साइबर सुरक्षा की बारीकियों को आकार दे रहा है। जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है और इस डिजिटल बदलाव की ओर बढ़ रही है, साइबर सुरक्षा सभी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है और यहीं पर पांडे जैसे तकनीकी विशेषज्ञ इस प्रौद्योगिकी-संचालित दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पांडेय की कंपनी बग्समिरर की स्थापना “साइबर सुरक्षा खतरों के खिलाफ सभी को सुरक्षित और मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि आपके स्मार्टफोन, पीडीए या कोई भी IOT डिवाइस मैलवेयर और वायरस से मुक्त हैं। इस दृष्टि से, वर्तमान में हमारा ध्यान Android पर है। आज के परिदृश्य में Google इन मुद्दों पर लोगों को पुरस्कृत कर रहा है और हमें पांडे जैसे शोधकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहिए जिनके कारण आज इंटरनेट और एंड्रॉइड सुरक्षित स्थान बन गए हैं।

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