टाटा समूह अब भारतीय कार बाजार का चैम्पियन बन चुका है। दिसंबर 2021 में टाटा मोटर्स हुंडई को पछाड़ते हुए यात्री वाहनों का दूसरा सबसे बड़ा विक्रेता बन चुका है। अभी दिख रहे परिणाम की नींव अभी नहीं, बहुत पहले ही रख दी गई थी। आज जब ये बड़ा विकास हम सब देख रहे हैं तो यह आवश्यक है की हम टाटा समूह को समझने की कोशिश करें। कैसे एक भारतीय कंपनी ने अपने बेहतर योजनाओं के दम पर भारतीय बाजार के साथ साथ विदेशी बाजार तक अपनी मौजूदगी को मजबूत किया, यह समझना आवश्यक है।
दिसम्बर माह में मारुति सुजुकी 123,016 इकाइयों की बिक्री के साथ देश की शीर्ष कार निर्माता बनी हुई है जबकि टाटा मोटर्स 35,299 इकाइयों की बिक्री करने में सफल रही। टाटा मोटर्स के लिए यात्री वाहनों खंड में यह एक शानदार वापसी है जो इसके प्रभाव डिजाइन के परिणामस्वरूप आया है।
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टाटा मोटर्स कई दशकों से भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में जाना जाता रहा है। भारी वाहन क्षेत्र में तो टाटा निर्विवाद चैम्पियन है। रोडवेज बस से लेकर कमर्शियल टेम्पो या ट्रक, और मिलिट्री ट्रक तक, टाटा मोटर्स कुछ सहन करने योग्य भारी वाहन बनाती है।
लेकिन, इसने 1990 के दशक के अंत में भारतीय पीवी बाजार में अपनी छाप छोड़ी। इसकी शुरुआत 1998 में सफारी के लॉन्च के साथ हुई थी। यह कार तुरंत लोकप्रिय हो गई और इसे “भारत की पहली सच्ची एसयूवी” के रूप में वर्णित किया गया।
फिर, टाटा मोटर्स कुछ और नया किया। इसने इंडिका को डीजल संस्करण में लॉन्च किया। यह डीजल संस्करण के साथ लॉन्च होने वाली पहली छोटी कारों में से एक थी और कई सालों तक यह एक कमर्शियल टैक्सी विकल्प के रूप में लोकप्रिय रही। फिर, टाटा मोटर्स ने इंडिगो को लॉन्च किया जो कि किफायती सब-फोर मीटर सेगमेंट में लॉन्च होने वाली पहली सेडान थी। यही रणनीति बाद में सुजुकी, होंडा और हुंडई ने क्रमशः डिजायर, अमेज और एक्सेंट के रूप में अपनाई।वर्ष 2000 से 2010 तक, टाटा मोटर्स पीवी सेगमेंट में इसे बड़ा बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।
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लेकिन, 2010 की शुरुआत तक टाटा मोटर्स पीवी सेगमेंट में काफी पीछे रह गया था। नए मॉडल सामने नहीं आ रहे थे और इंडिका तथा इंडिगो के रीमॉडेल्ड संस्करण बाज़ार को बहुत अधिक प्रेरित नहीं कर रहे थे।
दूसरी ओर, हुंडई और सुजुकी कार बाजार में तेजी से प्रगति कर रही थीं और कुछ समय के लिए, ऐसा लग रहा था कि टाटा मोटर्स भारी ऑटोमोबाइल तक ही सीमित रहेगा लेकिन इसकी प्रभावशाली डिजाइन जल्द ही सबकुछ बदलने के लिए तैयार थी।
इम्पैक्ट डिजाइन से टाटा मोटर्स की शानदार वापसी की
2016 में, टाटा मोटर्स ने अपनी इम्पैक्ट डिजाइन पेश की। इस ब्रांड के नए कॉन्सेप्ट की पहली पेशकश Tiago थी। यह डिजाइन पहली ही नजर में बाज़ार को लुभा गया। इसने टाटा मोटर्स को तुरंत पीवी सेगमेंट में फिर से सुर्खियों में ला दिया। टियागो बेशक एक सफल लॉन्च था और जल्द ही, टाटा मोटर्स ने एक ही डिजाइन संस्करण के आधार पर कई नए मॉडल लॉन्च किए जैसे कि हेक्सा, टिगोर और नेक्सॉन। यह सारे मॉडल ना सिर्फ दिखने में अच्छे थे बल्कि सुरक्षा मानकों पर भी ये गाड़ियां लाजवाब थीं।
भविष्य के लिए डिजाइन
2010 की शुरुआत में, टाटा मोटर्स अपने डिजाइनों से उपभोक्ताओं को प्रभावित करने में सक्षम नहीं थी और डिजाइन ही टाटा की एकमात्र समस्या थी, क्योंकि सुरक्षा, मजबूती और प्रदर्शन के मामले में टाटा मोटर्स ने कभी समझौता नहीं किया है। इम्पैक्ट डिजाइन ने डिजाइन के मोर्चे पर भी टाटा मोटर्स को उच्च स्कोर करने में मदद की है।
2018 में, टाटा मोटर्स ने अपनी इम्पैक्ट डिजाइन का और विस्तार करने का फैसला किया। इसने अधिक समकालीन विशेषताओं के साथ इम्पैक्ट डिजाइन 2.0 लॉन्च किया। यह डिजाइन ‘एक्स और 3’ पर केंद्रित है, जो अभिव्यक्तिपूर्ण बाहरी सतहों और गाड़ी के आंतरिक स्थान को खूबसूरत बनाता है जिसका परिणाम टाटा हैरियर नामक एक शानदार उत्पाद है।
Tata Motors ने COVID-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान एक और बड़ा कदम उठाया। इसने इम्पैक्ट डिज़ाइन 3.0 की कल्पना की, जो उत्पादों की एक पूरी नई श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए तैयार है।
टाटा मोटर्स के नए वैश्विक डिजाइन प्रमुख मार्टिन उहलारिक ने एचटी ऑटो के साथ बातचीत की और कहा कि इंपैक्ट 3.0 डिजाइन भविष्य में और अधिक डिजिटल सतहों की ओर ले जाएगी। उहलारिक ने कहा- “इम्पैक्ट 3.0 यह बताएगा कि कार को कैसे डिजाइन किया गया है, इसे किसके लिए डिजाइन किया गया है।”
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उदाहरण के लिए, टाटा सिएरा इस नई डिजाइन के साथ वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह मूल पिकअप-आधारित टू-डोर SUV से बहुत अलग होगी जिसे 1991 में लॉन्च किया गया था। इस प्रकार इम्पैक्ट डिजाइन टाटा मोटर्स को भारतीय कारों के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने और शानदार वापसी करने में मदद कर रही है। अब आप एक उपभोक्ता के नजरिए से देखिये, आपके पास सबसे उन्नत तकनीक की कार हो, जो साडी सुविधाओं से लैस हो और उसके साथ टाटा का विश्वास जुड़ा हो, तब क्या आप वह गाड़ी नहीं खरीदेंगे? देर आये पर दुरुस्त आये का सबसे बड़ा उदाहरण टाटा समूह है और अब वह फिर से धमाकेदार एंट्री के लिए तैयार है।