कोई हॉलीवुड प्रेमी हो और ‘द मेट्रिक्स’ के बारे में नहीं जानता हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। इस फिल्म फ्रैंचाइज़ का नवीनतम संस्करण उसके चौथे, ‘The Matrix: Resurrections’, के रूप में आया। पर क्या आपने कभी सोचा है कि मैट्रिक्स जैसी फिल्में सनातन संस्कृति के दर्शन भी करा सकती हैं?
‘The Matrix Series’ एक Sci Fi थ्रिलर है जिसने विश्व भर में कई लोगों को आकर्षित कर रखा है, और ये उन चन्द फिल्मों में से है, जहाँ एक ऐसे भविष्य की परिकल्पना की गई है जिसमें Artificial Intelligence का बोलबाला है और मानव सिर्फ AI के हाथ की कठपुतली। The Matrix वास्तव में एक ऐसा प्रोग्राम है, जो मानव को यह सोचने पर विवश करता है कि वे सामान्य जीवन जी रहे हैं।
मनुष्यों ने प्रारंभ में देखा और महसूस किया कि वे सामान्य जीवन जी रहे हैं – स्कूल जाना, काम करना, शादी करना और बच्चे पैदा करना। यह सब उसे वास्तविक लगा। लेकिन यह सब भ्रम था। मैट्रिक्स ने उन सभी मानवीय विषयों के लिए एक शानदार सपना बनाया, जिन्हें अनजाने में पॉड्स के भीतर रखा गया था।
मैट्रिक्स का सार यह है कि दुनिया एक भ्रम है; एक सपना। यह एक योगिक फिल्म है। जो सब मनुष्यों को रोके हुए है वह माया है। इसने उन्हें अंधा कर दिया है, और वे सोचते हैं कि माया द्वारा बनाई गई एक काल्पनिक दुनिया वास्तविक है, जबकि वास्तव में, उन सभी को बरगलाया जा रहा है। फिल्म इस बात पर भी जोर देती है कि कैसे, अगर हम भ्रम को दूर कर सकते हैं और कुछ बड़े से जुड़ सकते हैं, तो हम हर तरह की चीजें कर सकते हैं – यहां तक कि अलौकिक भी।
लेकिन प्रश्न अब भी विद्यमान है – मैट्रिक्स और सनातन में कनेक्शन कितना गहरा है?
क्या आप जानते हैं कि दूसरा दर्शन दुनिया को क्या कहता है? उदाहरण के लिए अद्वैत वेदांत का प्राचीन हिंदू दर्शन। अद्वैत को मानने वाले लोग मानते हैं कि उनकी आत्मा ब्रह्म से अलग नहीं है। अद्वैत वेदांत की शिक्षा देने वाले सबसे प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक आदि शंकराचार्य थे, जिन्होंने एक हजार वर्ष पूर्व भारत यात्रा की थी।
वेदांत वेदों का दर्शन है। इसकी मूल शिक्षा यह है कि हमारा वास्तविक स्वरूप दिव्य है। इसलिए, धर्म ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक जागृति और आत्म–साक्षात्कार का मार्ग है।
अब यहाँ मैट्रिक्स से कुछ संवाद है,
“क्या हो अगर मैं तुम्हे ऐसे स्वप्न से जगा दूं, जो इतना सत्य हो कि आप स्वप्नलोक और वास्तविक लोक में अंतर करने में चकरा जाएँ?”
“जो तुम्हारी दिखावट है न, उसे हम अपने छवि का एक भाग मानेंगे!”
“मैट्रिक्स हर जगह है। इस कमरे में भी है, खिड़की पर देख लो, टीवी खोल कर देख लो। आप इसे महसूस कर सकते हो जब आप काम पर जाते हो, जब आप कर चुकाते हो। मैट्रिक्स वो आवरण है जो आपके आँखों पर चढ़ाया, ताकि सत्य का आभास न हो सके!”
क्या आपको ये संवाद सनातन से प्रेरित नहीं प्रतीत होते? ऐसा लगता है जैसे किसी सनातनी ने ये लिखे हों। कई जगह प्रतीत होता है कि इनके स्त्रोत तो उपनिषद भी हैं।
ठीक इसी प्रकार से जब Trinity से Neo मिलता है, तो उस वार्तालाप से भी पता चलता है कि The Matrix का सनातन संस्कृति से कितना गहरा नाता है।
The Matrix केवल VFX से ही सम्पन्न नहीं है, अपितु उसमें ऐसे गूढ़ सनातनी विषय छुपे है, जिसके लिए जितना भी उसे देखें, कम पड़ेगा।