पार्टी फंड पर AAP की टकटकी, तभी तो राज्यसभा के लिए अमीर उम्मीदवार चुने हैं!

AAP नहीं है आम आदमी की पार्टी, ये रहा पक्का प्रमाण!

पार्टी फंड पर आम आदमी पार्टी

सौजन्य से दैनिक भास्कर

पंजाब में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान AAP ने 117 में से 92 सीटें ला कर सभी को चौंका दिया। प्रचंड बहुमत से सरकार बनी और भगवंत मान को सीएम बना दिया गया। आप ने जमीन से जुड़े लोगों और आम आदमी को राजनेता बनाने के अपने पीआर स्टंट को खूब भुनाया। लाभ सिंह उगोके जिन्होंने चन्नी को हराया और जीवनजोत कौर जिन्होंने सिद्धू और मजीठिया को उभारा, इनके नाम खूब उछल गए।

पार्टी फंड पर है आप का पूरा ध्यान

सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच अंदरूनी कलह से तंग आकर राज्य के लोगों ने एक नई पार्टी के लिए मतदान किया जिसने आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने का वादा किया था।  लोगों को लग रहा था की सचमुच वादे के अनुरूप काम हो रहा है। लेकिन क्या असल में ऐसा हो रहा है? दरअसल, जब पंजाब के पूर्व कॉमेडियन और सीएम के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंजाब प्रशासन ने 2 करोड़ रुपये खर्च किए तब लोगों का भ्रम टूटा और अब टूटता ही जा रहा है क्योंकि राज्यसभा के लिए आप ने जिन्हें चुना है वो सच में ‘आम आदमी’ तो नहीं हैं।

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इस प्रकार, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी अब ‘आम’ नहीं रही और अब वह अपने पार्टी फंड को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा का नेता चुन रही है ना की आम जन के  कल्याण के लिए।  पार्टी ने पैसा कमाने की योजना के तहत राज्यसभा के लिए सबसे धनी उम्मीदवारों को टिकट देना शुरू कर दिया है।

राज्यसभा चुनाव के लिए आप के अमीर उम्मीदवार

आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को घोषणा की कि पंजाब से राज्यसभा सीटों के लिए उसके उम्मीदवार दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा, पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह, आईआईटी-दिल्ली के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर संदीप पाठक, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक और चांसलर अशोक मित्तल तथा लुधियाना के व्यवसायी संजीव अरोड़ा होंगे। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी मुलाकात की। पंजाब से पांच सहित छह राज्यों में 13 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान 31 मार्च को होगा। शेष दो सीटों पर मतदान जुलाई में होगा।

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अभी तक तीन-तीन सीटें कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पास हैं।  बाकी भाजपा के पास है।  पार्टी ने कहा- ”श्री अरोड़ा ‘कृष्ण प्राण ब्रेस्ट कैंसर केयर चैरिटेबल ट्रस्ट’ भी चलाते हैं, श्री पाठक कई वर्षों से आप के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं और पंजाब में पार्टी संगठन के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है।  पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के लिए पूरी रणनीति तय करने और फंड जुटने के पीछे वही व्यक्ति थे।

आप के खासप्रत्याशी

अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा, दोनों व्यवसायी हैं और हरभजन सिंह एक लोकप्रिय क्रिकेटर।  अशोक, कथित तौर पर भारत के सबसे बड़े शैक्षणिक संस्थान, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के संस्थापक चांसलर हैं।  वह एक कुशल उद्यमी हैं। संजीव अरोड़ा कई बिजनेस भी चलाते हैं।  वह कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं लेकिन उनका मुख्य व्यवसाय एक्सपोर्ट हाउस है।  इसके अलावा, वह दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के गवर्निंग बोर्ड में भी हैं।

हरभजन सिंह भारत के सबसे सफल ऑफ-स्पिन गेंदबाज हैं, जो 1998 और 2016 के बीच भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेले। सिंह इंडियन प्रीमियर लीग टीम मुंबई इंडियंस के कप्तान थे और 2012-13 के रणजी ट्रॉफी सीज़न के लिए पंजाब की कप्तानी की। इसके साथ साथ विगत दिनों में उनका खालिस्तान प्रेम भी देखने को मिला था हालांकि उन्होंने माफी मांग ली थी।

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आम आदमी पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले संदीप पाठक आईआईटी-दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।  राघव चड्ढा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक हैं।  उन्होंने 2012 में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और दिल्ली लोकपाल विधेयक के प्रारूपण में अपने पहले कार्य के रूप में शामिल हो गए।

हरभजन सिंह और दो अन्य व्यवसायी राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि आप राज्यसभा में इन लोकप्रिय और ‘खास’ चेहरों को शामिल करके अधिक पैसा बनाने की योजना बना रही है।

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