अब्बास अंसारी ने किया समाजवादी पार्टी के नापाक एजेंडे का खुलासा

शुरू हो गई है समाजवादी पार्टी की उल्टी गिनती!

Akhilesh Yadav and Abbas Ansari

Source- Google

सत्ता की चाबी हाथ आते ही नेताओं के सुर बदल जाते हैं, यह बात तो सबने सुनी है। पर अभी हाल यह हो चला है कि सत्ता हाथ आई नहीं, उससे पहले ही गुंडई के पर्याय मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने पुलिस अधिकारियों को धमकाना शुरू कर दिया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने चुनावी जनसभा में दावा किया कि उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सरकार बनाने के तुरंत बाद अधिकारियों को स्थानांतरित नहीं करने के लिए कहा है, क्योंकि पहले हिसाब किया जाएगा।

हिसाब-किताब की बात का शाब्दिक अर्थ होता है देनदारी को पूर्ण करना, ऐसे में मुख्तार और पुलिस अधिकारियों के बीच जेल भेजने और वहां उनपर नज़र रखने वाली देनदारी ही है, जिसका बदला अंसारी पुत्र निकालने के लिए सपा के सत्ता में आने का इंतज़ार कर रहे हैं। अब तक जनता और आम आदमी की प्रताड़ना से लेकर उसके शोषण में संलिप्त मुख्तार अंसारी के परिवार को अब भी चैन नहीं है। सत्ता की सनक और बाहुबली टैग के मद में चूर मुख़्तार अंसारी की भावी पीढ़ी उसी माफिया और दंगाई टैग को संजोने में जुट गई है, जिससे मुख्तार अंसारी के पतन की नींव रखी गई थी।

और पढ़ें: मिलिए पूर्वांचल के ‘बाहुबलियों’ से, जो आगामी चुनाव के बाद बन सकते हैं इतिहास

पुलिस महकमे को धमकाते हुए अब्बास अंसारी ने बीते दिन गुरुवार को कहा, “मैंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कहा है कि सरकार आते ही छह महीने तक कोई तबादला या पोस्टिंग नहीं होगी। पहले उनके (आला अफसरों) साथ ‘हिसब किताब’ होगी। उसके बाद ही उनके स्थानांतरण प्रमाणपत्रों पर मुहर लगाई जाएगी।” अब्बास अंसारी की विवादास्पद टिप्पणी का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि की और आदेश दिया है कि अब्बास अंसारी के विरुद्ध आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की जाए।

और पढ़ें: कभी भारतीय राजनीति पर राज करता था ‘अंसारी परिवार’, अब हालात ऐसे हैं कि कोई पूछता भी नहीं!

बाप के बदमाश होने का गुरूर सिर से उतरा नहीं है!

आपको बता दें कि 30 वर्षीय अब्बास अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होना है। उनके पिता खूंखार माफिया डॉन मुख्तार अंसारी इस बार चुनावी मैदान में नही हैं। इस सीट पर अब्बास अंसारी का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार अशोक सिंह, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर और कांग्रेस उम्मीदवार माधवेंद्र बहादुर सिंह से होगा। अभी राजनीति में आए हुए अब्बास अंसारी को चार दिन नहीं हुए और वो जनता तो छोड़िए पुलिस को ही धमकाने में लग गए हैं। ऐसे में बाप के नामी बदमाश होने का गुरूर और उसी नीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे अब्बास के मन में बाप के जेल में पड़े होने की पीड़ा ने उन्हें बावला बना दिया है। वो अपना सुध-बुध खो चुके हैं और इस नेता को कहां क्या बोलना है, शायद उन्हें भी नहीं पता।

अखिलेश की सरकार की आस में बैठे अब्बास का समाजवादी पार्टी की घृणित मानसिकता से मेल इसलिए सटीक बैठता है, क्योंकि अखिलेश यादव का भी इस मामले पर यही कहना है कि अफसरों से वो बदला निकालेंगे फिर आगे बढ़ेंगे। वैसे भी पुलिस के प्रति अखिलेश यादव का व्यवहार कैसा है, वो तो बीती एक रैली में पता चल ही गया था जहां अखिलेश ने मंच से “ऐ पुलिस, ऐ पुलिस” कहकर पुलिस जवानों को हड़काने की कोशिश की थी। ऐसे में पुलिस और संबंधित विभाग के अधिकारियों के प्रति सपा का नीच रवैया उनके लोकतांत्रिक व्यवस्था को न मानने वाले रुख को स्पष्ट रूप देता है।

और पढ़ें: गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की संपत्तियों पर यूपी सरकार ने कसी नकेल

Exit mobile version