देश के जाने माने अभिनेता अमिताभ बच्चन की पत्नी और अपनी नकारात्मकता एवं गुस्से के लिए मशहूर जया बच्चन हमेशा अपने बड़बोले बयानों के लिए चर्चाओं में बनी रहती हैं। अपने गुस्से की समस्या और सार्वजनिक स्थानों पर अमर्यादित टिपण्णी के लिए बदनाम, समाजवादी पार्टी की नेता जया ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान तीर्थ यात्रा पर जाने की सलाह दी थी।
योगी सरकार पर संसद में महिला मुद्दों को नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए जया ने कहा, ‘वे केवल महिला सुरक्षा की बात करते हैं, लेकिन भाजपा के एक भी सांसद ने संसद में इस मुद्दे को नहीं उठाया। मुख्यमंत्री यूपी की महिलाओं का दर्द नहीं समझ सकते। इससे अच्छा है कि वह तीर्थ यात्रा पर जाएं।”
अपनी पार्टी के नेता के खिलाफ चुप्पी साध लेती हैं श्रीमती बच्चन
एक तरफ तो जया बच्चन महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करती हैं तो वहीं दूसरी तरफ जया वही नेता हैं जिन्होंने अपनी पार्टी के पूर्व प्रमुख के महिलाओं के बारे में उनके गलत और सेक्सिस्ट विचारों का खुलकर समर्थन किया था। TFI की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में मुंबई में शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले के बाद पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कुछ बहुत ही चौंकाने वाले बयान दिए। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रमुख ने टिप्पणी की थी कि “लड़कों से ऐसी गलतियां होती हैं तो इसका ये मतलब नहीं की फांसी दे दी जाए।” मुलायम ने तब राय दी थी कि बलात्कार के आरोपी के लिए मौत की सजा “अनुचित” थी। हालांकि, एक ‘नारीवादी’ जया बच्चन ने अपनी पार्टी के नेता के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला और पूरी बातचीत को आसानी से टालने का फैसला किया।
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इसके अलावा, जया बच्चन ने अपना मुंह बंद करने का फैसला तब भी किया था जब उनकी सह-अभिनेत्री और कभी सपा में उनकी साथी नेता रहीं जया प्रदा को उनकी ही पार्टी के नेता द्वारा सेक्सिस्ट और गलत टिप्पणियों से बदनाम किया जा रहा था। जब जया प्रदा ने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां द्वारा उनकी मॉर्फ्ड, भद्दी तस्वीरें प्रसारित की जा रही हैं तो इस पर तो श्रीमती बच्चन ने चुप्पी साध ली।
ईडी द्वारा बहू को तलब किए जाने के बाद जया का बवाल
हाल ही में जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पनामा पेपर्स लीक को लेकर जया बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय को तलब किया तो जया को धक्का लगा। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में अमर्यादित टिप्पणी करते हुए सरकार को कहा कि “आपके बुरे दिन आने वाले हैं।” नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा के दौरान जया ने ट्रेजरी बेंच की ओर इशारा करते हुए कहा था कि “आपके बुरे दिन बहुत जल्दी आने वाले हैं। मैं आपको श्राप देती हूं।” उन्होंने विपक्ष की बात न सुनने के लिए अध्यक्ष को फटकार लगाई और कहा कि “…आप गला घोंट दीजिए हम सबका”
बॉलीवुड और उसकी दवा संस्कृति की रक्षा करता है
पिछले साल सितंबर में राज्यसभा में बोलते हुए सपा सांसद ने बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन को फटकार लगाई थी और कहा था कि “कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं।” यह देखकर दुख होता है कि जया एक ऐसे उद्योग की रक्षा के लिए खड़ी होती हैं जिसने पिछले वर्षों में अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
जनता में जया और उनके नखरे
जया को फैंस और पपराजी से भी बहुत दिक्कतें हैं। 2019 में जब एक प्रशंसक ने मोबाइल फोन का उपयोग करके उनकी तस्वीर लेने की कोशिश की तो निराश जया ने मुड़कर फैन को डांटते हुए कहा कि “आप मोबाइल पर क्यों फोटो ले रहे हो? पुछा मुझसे आपने? तमीज़ सीखो,” (आप अपने फ़ोन पर फ़ोटो क्यों ले रहे हैं? क्या आपने मुझसे पूछा? कुछ शिष्टाचार सीखें)।
इसी तरह वर्ष 2013 में सुभाष घई की बर्थडे पार्टी के दौरान एक फोटो जर्नलिस्ट ने ऐश्वर्या को ऐश कहा ऐसे में जाहिर सी बात है कि फोटो जर्नलिस्ट का ऐसा कहना जया को चिढ़ा गया। उन्होंने पत्रकार को फटकार लगाई और कहा, “ये ऐश्वर्या क्या होता है हां?, तुम्हारी क्लास में पढ़ती थी क्या?” यही नहीं जब 2014 में पूरा बच्चन परिवार वोट डालने के लिए निकला था तब भी उन्होंने फोटोग्राफरों की ओर देखते हुए गुस्से में टिप्पणी की थी कि “ऐसे जंगली की तरह व्यवहार कर रहे हैं।” तब उनके बेटे अभिषेक बच्चन ने उन्हें शांत किया था।
फ़िल्मी दुनिया में जया बच्चन के पति को एंग्री यंग मैन कहा जाता है पर अगर खुद जया बच्चन की बात की जाए तो उन्हें परेशान महिला और दुखी आत्मा कहना उचित होगा।
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