लिबरलों ने जिसे ‘भगवा आतंकी’ कहा, क्या वो वास्तव में अल्पसंख्यकों की परवाह करेगा ?

योगी आदित्यनाथ हर बार यह सुनिश्चित करते आये हैं कि किसी के भी साथ अन्याय ना हो!

बाबर योगी

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वर्षों से, हर हिंदू के प्रति लिबरल समुदाय घृणा करता आया है। हर किसी भी समस्या को हिन्दुओं से जोड़ कर ये पक्षपाती वामपंथी अपनी कुंठा दिखाने से बाज नहीं आते हैं। एक समय उदारवादियों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा पहने जाने वाले भगवा वस्त्र पर भी आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया था कि एक धार्मिक व्यक्ति एक धर्मनिरपेक्ष देश के राज्य पर शासन करने के लायक नहीं है। हालांकि, लिबरलों की मुस्लिम विधायकों और सांसदों को आधिकारिक पद पर रहते हुए टोपी पहनने से कोई आपत्ति नज़र नहीं आती है।

उदारवादियों ने हमेश योगी को एक ‘हिंदू राष्ट्रवादी’, एक ‘कट्टर साधु’ की तरह देखा है, जो मुसलमानों से नफरत करता है। जबकि योगी को वामपंथियों से किसी भी मान्यता की आवश्यकता नहीं है। रही बात कानून व्यवस्था की तो वह किसी भी अपराधी चाहे वो किसी भी कौम का हो उससे सजा दिला कर हीं मानते हैं। योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तब से वो किसी पर भी अन्याय नहीं होने देते।

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का जश्न मनाने के बाद एक मुस्लिम युवक की उसके पड़ोसियों ने हत्या कर दी। यह घटना उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रामकोला थाने के काठघरी गांव की है, जहां बाबर नाम के युवक की इसलिए पीट-पीटकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए प्रचार किया था और योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद मिठाई बांटी थी।

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20 मार्च 2022 को बाबर को उसके पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बुरी तरह पीटा। युवक को जिला अस्पताल और फिर लखनऊ रेफर कर दिया गया जहां रविवार 27 मार्च 2022 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। स्थानीय भाजपा विधायक पीएन पाठक के मौके पर पहुंचने के बाद ही परिवार को थोड़ा न्याय मिला। विधायक पीएन पाठक व प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। मृतक बाबर के शव को खुद क्षेत्र के विधायक ने कंधा दिया था। इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक बाबर के परिवार वालों ने कहा कि पड़ोस में रहने वाले लोग इसलिए नाराज थे क्योंकि बाबर बीजेपी के लिए प्रचार कर रहा था. कई बार बाबर को चेतावनी दी गई कि वह भाजपा के लिए प्रचार न करें। बाबर ने रामकोला थाने से कई अधिकारियों से सुरक्षा मांगी, लेकिन उसकी याचिका नहीं सुनी गई। रामकोला थाने ने उसका कोई जवाब नहीं दिया तो गुंडों का हौसला बढ़ा और उन्होंने बाबर को बुरी तरह पीटा और फिर छत से नीचे फेंक दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

जबकि देश के कथित अल्पसंख्यक समुदाय का इस हद तक ब्रेनवॉश किया गया है कि वह एक राष्ट्रवादी सरकार का समर्थन करने के लिए अपने ही सदस्यों को मार डाल रहे हैं  वहीं न्यायसंगत योगी आदित्यनाथ प्रशासन इस मामले में एक कड़ी मिसाल कायम कर रहा है।योगी आदित्यनाथ अपने न्यायिक स्वाभाव के लिए जाने जाते हैं और वो बिना किसी जात-धर्म देख कर लोगों को न्याय दिलाते हैं और उत्तर प्रदेश की जनता भी जानती है की योगी सरकार बाबर को न्याय जरूर दिलाएगी और लिबरलों का योगी पर भी भौंकना बंद हो जाएगा।

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