Dear Mamata Banerjee, चुनाव आयोग अब आपको ठीक करने के लिए आ रहा है

अब गुंडई छोड़ने के लिए तैयार हो जाये तृणमूल कांग्रेस!

नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती

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बंगाल में अब पूरी तरह से जंगल राज आ चूका है। पिछले साल के विधानसभा चुनाव के समय से दर्जनों दंगो का साक्षी बन चूका है बंगाल। आज हालत यह की बंगाल के नागरिक खुद अपने ही राज्य में भय का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अभी कुछ हफ्ते पहले ही बंगाल के बीरभूम के एक गांव में भीड़ द्वारा आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने के बाद राजनीतिक लड़ाई बढ़ गई थी। इस मामले में विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री पर राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने का आरोप लगाया था। वर्तमान घटना ने तृणमूल कांग्रेस की पोल खोल रख दी है। इस घटना से राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि भाजपा सहित विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहा है। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि वहीं तृणमूल कांग्रेस के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने मतदाताओं पर धमकाने का आरोप लगा है जिसके बाद चुनाव आयोग ने नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती की नकेल कस दी है।

दरअसल चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती को भाजपा मतदाताओं और समर्थकों को कथित तौर पर खुली धमकी देकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करने से रोक दिया है।

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पांडबेश्वर विधायक को हाल ही में एक कथित वीडियो में पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा समर्थकों को डराने-धमकाने के लिए कहते हुए सुना गया ताकि वे मतदान केंद्रों पर न जाएं। वीडियो फुटेज की जांच के बाद, चुनाव आयोग ने 29 मार्च 2022 को सख्त कार्रवाई की। नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती को सात दिनों के लिए 6 अप्रैल 2022 तक प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। तब तक, वह कोई बैठक, जुलूस या कोई मीडिया के लिए साक्षात्कार भी नहीं दे पाएंगे। आपको बता दें कि आसनसोल लोकसभा क्षेत्र और बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव 12 अप्रैल को होंगे और वोटों की गिनती 16 अप्रैल को होगी।

चुनाव आयोग ने पुलिस से कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा है। सभी राजनीतिक दलों के लिए एक संदेश में, इसने नेताओं और कार्यकर्ताओं से मतदाताओं को डराने-धमकाने से बचाने का भी आग्रह किया है।

आपको बता दें कि भाजपा ने मंगलवार को नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के खिलाफ शीर्ष चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और विवादास्पद वीडियो क्लिप भी सौंपी थी। इसकी औपचारिक शिकायत वेस्ट बर्दवान एसपी से भी की गई थी। क्लिप में, विधायक को यह कहते हुए सुना जा सकता है: “हमें भाजपा समर्थकों को धमकाने की जरूरत है। उन्हें बताएं कि वे अपने जोखिम पर मतदान कर सकते हैं।” चुनाव आयोग ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के बाद विधायक के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया, हालांकि नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कारण बताओ नोटिस के जवाब में दावा किया कि यह “एक पुरानी क्लिप” थी।

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