Dear Britain, भारत अब तुम्हारा गुलाम नहीं, कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोचो

भारतीयों ने Britain को दिखाया आइना!

आखिरकार भारत ने रूस का साथ दे दी ही दिया। यूक्रेन विवाद पर सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में भारत रूस के साथ खड़ा रहा। अब इससे पश्चिम के देश बौखला गए हैं और भारत के बारे में फिजूल की बयानबाज़ी कर रहे हैं। इस पर जाने-माने न्‍यूज प्रेजेंटर एलेस्‍टेयर स्‍टीवर्ट (Alastair Stewart) ने खासतौर से भारत-पाकिस्‍तान पर निशाना साधा। ब्रि‍टेन से उन्‍हें सहायता के तौर पर आगे से एक पाई देने से मना करने की अपील की।

दरअसल, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में बुधवार को रूस की निंदा करने वाला प्रस्‍ताव लाया गया था। इसमें 141 देशों ने यूक्रेन के पक्ष में वोट किया था। भारत, पाकिस्‍तान और चीन समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया। 5 देशों ने रूस का खुलकर समर्थन किया।

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एलेस्‍टेयर स्‍टीवर्ट ने ऐसा क्या कह दिया अपने ट्वीट में

इस पर जीबी न्‍यूज के प्रेजेंटर एलेस्‍टेयर स्‍टीवर्ट ने एक ट्वीट किया। उन्‍होंने वोटिंग वाले चार्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘इसका अनुमान लगाया जा सकता था। लेकिन, भारत और पाकिस्तान को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए। अब से ब्रिटेन से इन्‍हें एक पैसा भी सहायता नहीं मिलनी चाहिए।’

पर एलेस्‍टेयर स्‍टीवर्ट के द्वारा ऐसा ट्वीट करते ही भारतीय सोशल मीडिया पर उनके मज़े लेने लगे। किसी ने ब्रिटेन को उसकी औकात बताई तो किसी ने ब्रितानी नृशंसता और भारत के सामर्थ्य की कहानी दोहराई।

पद्म पुरस्‍कार विजेता डॉ संजीव बगई ने एलेस्‍टेयर के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि ताज्‍जुब है कि एक ऐसा देश (ब्रिटेन) जिसने 200 साल तक भारतीयों को लूटा, उन्‍हें धोखा दिया, जिसका साम्राज्‍यवाद का काला इतिहास है वह दूसरों को सीख दे रहा है। पहले अपने स्‍कूल के करिकुलम में इन बातों को पढ़ाएं। भारत का सिर ऊंचा है और हमेशा ऊंचा रहेगा।

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वहीं, देवी प्रसाद राव नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा- हमें ब्रिटेन से एक पैसा भी सहायता नहीं मिलती है। हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। याद है क्‍या? हमें अपना सिर ऊंचा रखने के लिए आपकी इजाजत की जरूरत नहीं है। हमने ऐसा करने का अधिकार खुद पाया है। हमारी प्राचीन संस्कृति की लूट और शोषण के लिए क्‍या क्षतिपूर्ति के तौर पर ब्रिटेन 45 ट्रिलियन पौंड लौटाएगा।

 

रूस के खिलाफ वोट नहीं करने पर बौखलाया गया है पश्चिम

रूस के खिलाफ वोट नहीं करने के बाद अमेरिकी हलकों में भी काटसा (Countering American Adversaries through Sanctions Act) से भारत को मिली छूट बंद करने की मांग हो रही है। रूस पर पहले से ही कुछ प्रतिबंध अमेरिका ने लगाए थे और तो और अब कुछ अधिक कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इसके तहत रूस से घातक हथियार खरीदने वालों पर भी अमेरिका प्रतिबंध लगाता है और हम भी रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम ले रहे हैं। पर,चीन के खिलाफ अपने हितों की रक्षा के लिए अमेरिका ने भारत को अपवाद मान छूट दे रखी थी। अमेरिका अब अगर इस छूट को खत्म करना चाहता है तो ये उसका फैसला होगा। साफ है अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश अपने हिसाब से सोचते हैं और सोचता रहेंगे। ये उनकी आजादी है। भारत की अपनी।

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हम दुनिया की बड़ी अर्थ और सैन्य शक्ति वाले देश हैं। स्पेस, आईटी, तकनीक और क्रिकेट के मामले में हम ब्रिटेन से भी आगे है। ब्रिटेन क्या भारत को मदद देगा जिनकी रानी अभी भी भारत का कोहिनूर दिखाकर दुनिया के आगे अपने संपन्नता का झूठा ढिंढोरा पीट रहीं है।

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