वोकिज्म अपने चरम पर है। यह एक अत्यधिक प्रभावशाली आंदोलन बना रहेगा और संभवत: यह विश्व स्तर पर फैलता रहेगा। मूर्ख और वोक विचारधारा वाले इंसान में कुछ ज्यादा फर्क नहीं होता है। इनके गुण, लक्षण और स्वभाव लगभग समान ही होते हैं। इन्हें अक्ल का अंधा कहा जाए, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिस तरह से मूर्खों की पहचान करना सरल है, उससे भी ज्यादा आसान है वोक जैसी कुत्सित मानसिकता वाले लोगों की पहचान करना। मूर्खों के समान ही, वोक भी बहुत बड़े ज्ञानी होते हैं, जिन्हें सब कुछ आता है।
हर चीज की एक सीमा होती है। हर चीज का एक सहिष्णुता मूल्य भी होता है। उदाहरण के लिए, लोग उस कंपनी के उत्पाद नहीं खरीदेंगे जिनसे बहुमत असहमत होता है, या घृणा करता है। जबकि भारत में ‘woke का मुद्दा अभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, दुनिया भर में – विशेष रूप से पश्चिम में, कॉर्पोरेट ‘वोकिज्म‘ एक खतरा बन गया है। अब लोग व्यक्तिगत स्तर पर इसके खिलाफ खड़े होने लगे हैं। कई लोग बाजार के आधिपत्य के लिए विकल्प लेकर आ रहे हैं।
आपको बता दें कि 2021 में, “Harry’s Razors’ नामक एक अमेरिकी कंपनी ने द डेली वायर के साथ विज्ञापन देना बंद कर दिया, जो रूढ़िवादी विचारकों बेन शापिरो और जेरेमी बोरिंग द्वारा स्थापित एक मीडिया संगठन है। दस से कम फॉलोअर्स वाले एक ट्विटर यूजर ने जब द डेली वायर द्वारा ट्रांस- और होमो-फोबिक कंटेंट फैलाने की शिकायत की, तब उसके बाद हैरी रेज़र ने द डेली वायर के साथ अपनी साझेदारी समाप्त कर दी पर क्या इससे बाजार को फर्क पड़ता है? बिलकुल भी नहीं! बल्कि वोकिज्म तो बाजार का गुस्सा झेलने के लिए तैयार है।
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एक विकल्प का उदय
अब डेली वायर के सह-संस्थापक जेरेमी बोरिंग ने अपनी खुद की कंपनी शुरू की है। जिसे “जेरेमीज़ रेज़र” कहा जाता है, यह कंपनी पुरुषों को “विषाक्त मर्दानगी” की कथित समस्याओं और हाल के वर्षों में उदारवादियों द्वारा आविष्कार किए गए कई ‘फ़ोबिया’ के बारे में उपदेश दिए बिना शेविंग किट प्रदान करती है।
नए रेजर की घोषणा करने वाले लगभग चार मिनट के वीडियो में बोरिंग को द डेली वायर के पार्किंग स्थल में ड्राइविंग करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में, बोरिंग कहते हैं, “क्या आपको याद है जब दो लिंग हुआ करते थे और उनमें से केवल एक को अपनी मूंछें मुंडवानी पड़ती थीं?”
आपको बता दें कि तीन दिनों में, जेरेमी के रेजर्स को 25,000 सब्सक्रिप्शन मिले हैं। अब तक, कंपनी $ 59.99 के कीमत पर शेविंग किट बेच रही है। इसमें आपको आठ रेजर कार्ट्रिज की डिलीवरी के अलावा एक रेजर, ग्रीन टी और मेन्थॉल शेव क्रीम और पोस्ट शेव बाम मिलता है।
वोक कल्चर का मुकाबला
पश्चिम में कुछ कम्पनियां कुछ ज्यादा ही वोक होते जा रही हैं| उदाहरण के लिए जिलेट को देख लीजिये, जिलेट जैसी शेविंग कंपनी ने कुछ साल पहले पुरुषों को बहिष्कृत करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। उन्हें मर्दानगी के हानिकारक प्रभावों का प्रचार करना पड़ा था।
जिस वर्ष जिलेट ने अपना “वी बिलीव” अभियान शुरू किया और पूछा कि “क्या ऐसा ही आदमी सबसे बढ़िया आदमी हो सकता है?”, उस साल कम्पनी को 8 बिलियन डॉलर्स का नुकसान हुआ था|
2019 में, पुरुषों के खिलाफ अपने घृणित अभियानों के लिए व्यापक प्रतिक्रिया का सामना करने के बाद, जिलेट ने कहा कि यह “सामाजिक मुद्दों को स्थानीय नायकों में स्थानांतरित कर रहा है”।
यह मानव स्वभाव है कि लोग उन उत्पादों और सेवाओं को अस्वीकार करते हैं जो उन्हें नाराज करते हैं। कंपनियां अपने अधिकांश उपभोक्ता आधार के खिलाफ तीखा हमला नहीं कर सकती हैं। साथ ही, सामाजिक मुद्दों को उठाने और एक लिंग को लक्षित करने से किसी भी कंपनी को व्यापक नुकसान होगा।साधारण लोग सिर्फ अपना उत्पाद प्राप्त करना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि धन-संपन्न कंपनियों द्वारा व्याख्यान दिया जाए। फिर भी ठीक ऐसा ही होता आया है।
वैकल्पिक कंपनियां अब बढ़ रही हैं। अब तक, बड़ी कंपनियां अपने सामाजिक अभियानों के लिए केवल मौद्रिक नुकसान दर्ज कर रही थीं। अब, उन्हें नए प्रतिस्पर्धियों द्वारा बाजार से बाहर किए जाने के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। अब लोग woke प्रोडक्ट्स को दरकिनार करने का मन बना चुके हैं वो किसी भी तरह का बकवास नहीं सुन्ना चाहते। अपना उल्लू सीधा करने के हेतु woke अक्सर तथ्यों को तोड़ मरोड़कर तथ्य डालते है लेकिन जनता अब woke समुदाय से पीछा छुड़ाना चाहती है और एंटी woke प्रोडक्ट्स का विकल्प चुन रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि कम्पनियां केवल उत्पाद बेचें, ज्ञान नहीं!