बघेल के छत्तीसगढ़ में एक प्रतिष्ठित व्यंग्यकार एवं कार्टूनिस्ट को उसकी कला के लिए हिरासत में लिया गया

डरपोक कांग्रेसी और कर भी क्या सकते हैं!

Bhupesh Baghel

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एक बड़ा प्रसिद्ध विज्ञापन है, जिसका टैगलाइन है ‘एमपी गजब है, सबसे अजब है!” परंतु ये टैग कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ पर अधिक सुहाता है, जहां एक ओर मुख्यमंत्री एक बालक को उसके गीत को लेकर सार्वजनिक तौर पर अभिवादन करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर एक व्यंग्यकार एवं कार्टूनिस्ट को केवल उसका कार्य करने के लिए सलाखों के पीछे तक भिजवा देते हैं और उसे अपमानित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। परंतु छत्तीसगढ़ में ऐसा भी क्या हुआ, जिसके पीछे सीएम भूपेश बघेल की सरकार एक बार फिर विवादों के घेरे में आ चुकी है?

असल में 3 मार्च 2022 को छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर के रहने वाले एक पत्रकार नीलेश शर्मा को उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य (Political Satire) के लिए गिरफ्तार किया। उन पर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया गया है। अब ये नीलेश शर्मा कौन है? नीलेश शर्मा वेब पोर्टल indiawriters.co.in और प्रिंट पत्रिका ‘India Writers’ के संपादक हैं। वो ‘घुरवा के माटी’ के नाम से राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित एक चर्चित सीरीज चलाते हैं। सीरीज में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं और विधायकों के काल्पनिक कैरेक्टर को दिखाया जाता है।

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भाजपा और RSS का पक्ष लेने का आरोप

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस कार्यकर्ता खिलवान निषाद ने शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज कराते हुए उन पर राज्य के कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पुलिस की साइबर सेल ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए नीलेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने शर्मा पर आईपीसी की धारा 504, 505, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत FIR दर्ज की है।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कांग्रेस कार्यकर्ता निषाद ने पत्रकार पर भाजपा और RSS का पक्ष लेने का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘गोदी मीडिया’ का हिस्सा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मा अपने शो ‘घुरवा के माटी’ के जरिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने FIR में कहा, “पोर्टल indiawriters.co.in नकारात्मकता फैला रहा है और कांग्रेस के नेताओं एवं पदाधिकारियों के बीच मतभेद पैदा कर रहा है।”

मजे की बात तो ये है कि इसी वेब पोर्टल ने पूर्व में भाजपा के रमन सिंह प्रशासन के विरुद्ध एक आलोचनात्मक सीरीज चलाई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा सरकार की काफी आलोचना की गई थी। इससे पहले अक्टूबर महीने में एक अन्य वेब पोर्टल के दो पत्रकारों को राज्य में कांग्रेस सांसदों के खिलाफ कथित रूप से सामग्री प्रकाशित करने और उनसे जबरन वसूली करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। लेकिन ये तो कुछ भी नहीं है। नीलेश शर्मा का चरित्र हनन करने की मानों कांग्रेस सरकार ने शपथ ले ली है। ध्यान देने वाली बात है कि रायपुर पुलिस ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की है, जिसके अनुसार नीलेश शर्मा ब्लैकमेलिंग और अश्लील वीडियो क्लिप्स शेयर करने में रुचि रखते हैं। इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोप लगाया कि नीलेश ने अवैध रूप से कॉल रिकॉर्ड जुटाए और इसके लिए सरकारी एजेंसियों से उगाही भी करते थे। हालांकि, इसके समर्थन में वे कोई ठोस साक्ष्य नहीं जुटा पाए –

कांग्रेस की आदत है नैतिकता को ताक पर रखना

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ प्रशासन ने ऐसी निरंकुशता दिखाई हो। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे अनेक अवसर देखने को मिले हैं, जब भूपेश बघेल ने सत्ता में बने रहने की होड़ में नैतिकता तक को ताक पर रख दिया है। ध्यान देने वाली बात है कि इन सब मामलों के इतर छत्तीसगढ़ अब कट्टरपंथी इस्लाम के नए गढ़ के रूप में भी उभर रहा है। जनवरी में प्रकाशित TFI Post के एक विश्लेषणात्मक लेख के अनुसार, भाजपा के नेताओं ने सोशल मीडिया पर बताया था कि दावत-ए-इस्लामी की तरफ से 10 हेक्टेयर जमीन रायपुर के बोरियाखुर्द में मांगी गई थी। यह जमीन सामुदायिक भवन के लिए मांगी गई थी, जिसके बाद कांग्रेस सरकार ने उसे आवंटित भी कर दिया था। भाजपा के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ट्वीट कर राज्य के कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी को 25 एकड़ जमीन आवंटित कर चुकी है।

भाजपा नेता ने ट्वीट करते हुए कहा था कि “छत्तीसगढ़ सरकार रायपुर में दावत-ए-इस्लामी नाम के संगठन को 25 एकड़ (10 हेक्टेयर) जगह आवंटित कर रही है। दावत-ए-इस्लामी एक पाकिस्तानी संगठन है, जिसकी शाखाएं हमारे देश में खोलने का काम यह कांग्रेसी कर रहे हैं। दावत-ए-इस्लामी के ऊपर मतांतरण और आतंकवाद फैलाने व चंदे के जरिए फंडिंग के आरोप लग चुके हैं और इस संगठन से जुड़े आतंकवादियों/जासूसों को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने पकड़ा है।”

अब हाल ही में कार्टूनिस्ट को हिरासत में लेकर भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सिद्ध कर दिया है कि वह सत्ता में बने रहने के लिए किस हद तक गिर सकता है। जिस प्रकार से एक व्यंग्यकार एवं कार्टूनिस्ट को अकारण हिरासत में लेकर उसके विरुद्ध अतार्किक आरोप लगाए जा रहे हैं, उससे स्पष्ट होता है कि भूपेश बघेल सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

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