लार पर प्रतिबंध, Mankading की अनुमति – क्रिकेट के नियमों में हालिया बदलाव एक नई क्रांति की शुरुआत करेंगे

क्रिकेट में होंगे क्रांतिकारी बदलाव

ICC, MCC

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क्रिकेट की लोकप्रियता अपने आप में देखते ही बनती है। अब इसे एक नया एक मंच देने हेतु ICC ने खेल के अधिनियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्णय लिया है। क्रिकेट की सर्वोच्च संस्थाओं में से एक MCC यानी मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के सुझावों के आधार पर ICC ने जिन अधिनियमों में बदलाव किए हैं, वो क्रिकेट का रंग रूप बदलने के लिए पर्याप्त हैं।

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अब ‘Mankading’ भी होगा रन आउट

सर्वप्रथम, अब ‘Mankading’ जैसे गैर पारंपरिक रन आउट टेक्नीक भी क्रिकेट का आधिकारिक हिस्सा बनेंगे। इसका प्रारंभ भले ही एक अंग्रेज़ फर्स्ट क्लास क्रिकेटर ने किया, परंतु इसे लोकप्रिय वीनू मांकड़ ने किया और अभी के समय में रविचंद्रन अश्विन जाने अनजाने ‘Mankading’ का सबसे लोकप्रिय चेहरा बन चुके है। पहले Mankading को हेय की दृष्टि से देखा जाता था और इसे करने वाले क्रिकेटर को खेल भावना का अपमान करने का दोषी माना जाता था। परंतु जिस प्रकार से रविचंद्रन अश्विन ने इस दुर्भावना के विरुद्ध अपनी लड़ाई लड़ी, कहीं न कहीं आज उसका सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आया है।

अब गेंद पर थूक नहीं लगा सकेंगे खिलाड़ी

परंतु बात यहीं पर नहीं रुकती। अक्सर आपने देखा होगा कि गेंदबाज़ गेंद, को विशेषकर टेस्ट क्रिकेट के दौरान चिकना बनाने हेतु थूक यानी Saliva का उपयोग करते हैं, ताकि गेंद में चमक आ सके। परंतु कोरोना और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए MCC ने कहा कि नए नियम के अंतर्गत कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाएगा। एमसीसी ने इस पर रिसर्च के दौरान ये पाया कि थूक लगाने से बॉलर की स्विंग पर कोई खास असर देखने को नहीं मिलता है। इसके अतिरिक्त अगर कोई खिलाड़ी आउट हो जाता है, तो उसके बाद मैदान पर दोबारा से आने वाला खिलाड़ी ही स्ट्राइक पर होगा। चाहे आउट होने से पहले खिलाड़ियों ने अपनी स्ट्राइक बदली हो या नहीं। इससे पहले ऐसा था कि अगर कैच आउट होने से पहले बल्लेबाज बॉलिंग एंड पर पहुंच जाता था, तो नया बल्लेबाज स्ट्राइक पर नहीं जाता था। ध्यान देने वाली बात है कि इसका ट्रायल ECB ने एक स्थानीय टूर्नामेंट में पहले ही कर लिया था।

यही नहीं, डेड बॉल के नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। MCC के प्रस्ताव के अनुसार, मैच के दौरान किसी व्यक्ति, वस्तु या फिर जानवर या किसी को भी कोई चोट लगती है, तो वो बॉल डेड बॉल मानी जाएगी। इसके अलावा नियम 21.4 के तहत अगर कोई गेंदबाज अपनी डिलीवरी करने से पहले स्ट्राइकर को रन आउट करने की कोशिश करेगा तो ये डेड बॉल होगी। जबकि इससे पहले तक इसे ‘नो बॉल’ कहा जाता था। ऐसे में अब ये कहना गलत नहीं होगा कि क्रिकेट को अधिक लुभावना और रोचक बनाने हेतु ICC एड़ी चोटी का जोर लगाने को तैयार है। जिस प्रकार से नियमों में व्यापक परिवर्तन हुए हैं, उससे स्पष्ट होता है कि वह क्रिकेट की लोकप्रियता को अक्षुण्ण रखने हेतु किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

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