हाल में 125 साल के युवा योगी स्वामी शिवानंद को पद्म पुरुस्कार से सम्मानित किया गया

स्वस्थ, खुशहाल और लंबे जीवन की कुंजी है योग

योगी स्वामी शिवानंद

स्रोत- गूगल

भारत पुरातन काल से हीं अपनी संस्कृति और अपनी सभ्यता के लिए विश्वप्रसिद्ध रहा है। भारत ने विश्व को बहुत कुछ दिया है, और उसी में से एक है योग। आज हम योग की चर्चा यहाँ इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज कल के युवा जो चार कदम चलने से थक जाते हैं वहीं 125 वर्ष का जवान जी हाँ मैं यहाँ जवान शब्द का सम्बोधन इसलिए कर रहा हूं क्योंकि उस महापुरुष का योगदान अतुलनीय है, और वह महापुरुष है, 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद। दरअसल राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में नंगे पैर चलते हुए 125 वर्षीय योगी स्वामी शिवानंद ने सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त करने पर सभी उपस्थित जनों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन प्राप्त किया।सफेद कुर्ता और धोती पहने योगी स्वामी शिवानंद को योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म पुरस्कार मिला।पुरस्कार प्राप्त करने से पहले, योग गुरु ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति के सामने साष्टांग प्रणाम किया और अभिवादन स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत झुककर जमीन को छुआ।मंच पर पहुंचने से पहले, योग गुरु ने दो बार घुटने टेके, और राष्ट्रपति ने बाहर कदम रखा और योगी स्वामी शिवानंद जी को सहारा दिया , जिसके बाद उन्होंने पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र सौंपा।

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योग की शक्ति 

यह भारत की ही संस्कृति है, जहां पर एक व्यक्ति जो 125 वर्ष का है, पर उसमें अपने देश की सभ्यता और संस्कृति के साथ विनम्रता भी मौजूद है।आपको बतादें कि योगी स्वामी शिवानंद ने अपना जीवन मानव समाज के कल्याण के लिए समर्पित किया है।उनके अनुशासित और सुव्यवस्थित जीवन के सरलतम तरीकों के साथ सुबह योग, तेल मुक्त उबला हुआ आहार और अपने तरीके से मानव जाति की निस्वार्थ सेवा ने उन्हें रोग मुक्त और तनाव मुक्त तथा लंबा जीवन दिया है। वह उपदेश देने के बजाय अपने जीवन को एक अनुकरणीय सबक के रूप में प्रदर्शित करते है।8 अगस्त 1896 को अविभाजित भारत के सिलहट जिले (अब बांग्लादेश में) में जन्मे योगी स्वामी शिवानंद आज हमारे देश के एक अमूल्य धरोहर हैं । यही नहीं पिछले 50 वर्षों से योगी स्वामी शिवानंद ने कुष्ठ प्रभावित भिखारियों से व्यक्तिगत रूप से मिल कर उनकी सेवा की  हैं। गौरतलब है कि योगी स्वामी शिवानंद के स्वस्थ और लंबे जीवन ने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें 125 साल की उम्र में खुद का टीकाकरण करने के बाद देशवासियों को COVID टीकाकरण के लिए प्रेरित करने की उनकी प्रतिबद्धता भी शामिल है।

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मोदी सरकार में मिला योग को सम्मान 

जिस सौम्यता से इतनी उम्र में भी अपनी संस्कृति और सभ्यता  को स्वामी  संभाले हुए है , उससे आज के युवा वर्ग को सीखना चाहिए जो की पश्चिमी सभ्यता के पीछे अंधे हुए जा रहे हैं | अपनी सांस्कृतिक विरासत को सँभालने के लिए हमें प्रधानमंत्री मोदी का भी अभिवादन करना चाहिए जो की सबको बराबर समझते हैं। 2014 से पहले योग को लेकर मज़ाक बनाया जाता था लेकिन आज योग को इतना बढ़ावा मिला है कि आज विश्व में योग दिवस भी मनाया जाने लगा है और इसके पीछे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बड़ा योगदान है। मोदी सरकार के सत्ता  में आने के बाद लोक संस्कृति और भारतीयता को अधिक बढ़ावा मिला है। मोदी सरकार में हर एक व्यक्ति की पूछ है, चाहे वो कोई विषय से जुड़ा हो या फिर कोई कला से। सबका सम्मान नरेंद्र मोदी सरकार कर रही है जो देश के लिए सुखद साबित हो रहा है।

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