The Kashmir Files ने लिबरलों के अंग विशेष में आग लगा दी है!

लिबरलों की सुलग पड़ी है!

The Kashmir Files

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कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुई त्रासदी पर आधारित ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को इस समय दर्शकों का अपार प्रेम मिल रहा है। विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने सीमित स्क्रीन मिलने के बावजूद भयंकर कलेक्शन किया है और पहले ही दिन 3.55 करोड़ रुपये की कमाई की है। ऐसी फिल्म जिसे प्रारंभ में 1000 से भी कम स्क्रीन मिले हो, उसके लिए पहले दिन ही ऐसी कमाई करना अपने आप में एक आश्चर्य से कम नहीं है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि इस बेजोड़ मूवी की अपार सफलता ने लिबरलों की सुलगा रखी है।

हाल ही में रिलीज हुई ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है। अपने दमदार कंटेंट और कश्मीरी हिंदुओं को लेकर अपने बेबाक दृष्टिकोण के बीच इस फिल्म ने काफी प्रशंसा बटोरी है। इस फिल्म को चर्चित फिल्म रेटिंग साइट IMDb पर 10 में से 9.9 की रेटिंग मिली है। सुपरस्टार प्रभास अभिनीत फिल्म राधे श्याम जैसी बड़ी बजट की फिल्म के साथ रिलीज़ होने के बाद भी इस फिल्म की सफलता ऐसी है कि अब डिस्ट्रीब्यूटर स्वयं इसके स्क्रीन बढ़ाने को तैयार है, जिसकी पुष्टि फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श ने भी की है।

लिबरलों की सुलग पड़ी है

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इस चीज़ से भी घृणा है। हो भी क्यों न, The Kashmir Files ने विधु विनोद चोपड़ा की ‘शिकारा’ की भांति चाशनी में घोलकर कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को नहीं दिखाया, अपितु दर्पण की भांति उस समय के सत्य को सबके समक्ष वैसे ही प्रस्तुत किया, जैसी घटना घटित हुई थी। इस फिल्म को लेकर कुछ वामपंथियों ने फिल्म कंपैनियन और द इंडियन एक्सप्रेस की शुभरा गुप्ता की भांति ओछे रिव्यू देकर अपनी इतिश्री करा ली। पर कुछ वामपंथी ऐसे भी थे, जो जब तक ज्ञान की उल्टी गंगा न बहा लें, तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता और उन्हीं में से एक है हमारे फेक न्यूज शिरोमणि, वामपंथियों के राजदुलारे ध्रुव राठी! जिन्होंने The Kashmir Files पर अपनी कुंठा प्रदर्शित किया है। राठी ने ट्वीट करते हुए कहा-

“दुनिया में दो तरीके हैं एक बेहद हृदयविदारक घटना के बारे में बात करने की –

वहीं, दूसरी ओर अनुपमा चोपड़ा ने यह निष्कर्ष निकाला कि कश्मीरी पंडितों का नरसंहार भारतीय दक्षिणपंथ की कल्पना की उपज थी। लेकिन ध्रुव राठी और चोपड़ा के इस अधकचरे ज्ञान से किसी को कोई अंतर नहीं पड़ा और उल्टे उसे जमकर ट्रोल किया गया। यहां तक कि चर्चित यूट्यूबर Abhi & Niyu ने बिना नाम लिए उनके खोखले दावों का जमकर मज़ाक उड़ाया। अपने ट्वीट्स में उन्होंने बताया, “अगर लोग हैदर और मिशन कश्मीर को सिनेमा के नाम पर स्वीकार सकते हैं, तो द कश्मीर फाइल्स को क्यों नहीं? क्योंकि उसे पचाना सरल नहीं, इसका अर्थ ये नहीं कि वह सत्य नहीं। सिनेमा का लक्ष्य सीमाओं को मिटाना और अपने विजन को आगे बढ़ाना है और इसमें द कश्मीर फाइल्स सफल रहा। अगर कुछ लोगों को लगता है कf इसे बनाने के बेहतर तरीके थे, तो आपके पास तीस साल थे भैया। सच तो यह है कि वे इस दिशा में काम ही नहीं करना चाहते हैं और यहीं कश्मीर फाइल्स जीत गया!”

वास्तविकता तो यह है कि वामपंथी इस बात को अब भी नहीं पचा पा रहे हैं कि जिस क्षेत्र में वे निपुण थे, जिन कलाओं पर उनका एकछत्र राज था, अब वहां भी उन्हें चुनौती मिलने लगी है, अब वहां भी द कश्मीर फाइल्स जैसे फिल्मों के साथ दक्षिणपंथ से लोग चुनौती देने लगे हैं।

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