सत्ता में वापसी के साथ ही योगी सरकार ने मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है

योगी बाबा ने मचा दिया है धमाल!

मदरसों में राष्ट्रगान

Source- TFIPOST

नेताओं की चिकनी-चुपड़ी बातें चुनाव खत्म होते ही खत्म हो जाती है। देश की राजनीति में ये कथन काफी पहले से ही सुर्खियां बटोरते आ रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में तो यह बिलकुल भी संदर्भित नहीं किया जा सकता है। चुनावी वर्ष आते ही वादों का पिटारा, योजनाओं का संदूक खुल तो जाता है पर भारतीय राजनीति में राजनेताओं के दावे और वादे उतने ही चलते हैं जितना चीन के फ्यूज बल्बों के झालर। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से पिछले पांच सालों में प्रदेश की छवि बदली है और राज्य में योगी सरकार के फिर से चुने जाने के बाद यह परिलक्षित होता है कि जनता को योगी सरकार का काम कितना पसंद आ रहा है। योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में राज्य के कानून व्यवस्था और शिक्षा क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। इसी बीच योगी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसे लेकर सरकार की जमकर तारीफ हो रही है।

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मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य

दरअसल, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड ने अब यूपी के मदरसों में छात्रों के लिए राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। बीते गुरुवार को आयोजित एक बैठक में यूपी बोर्ड ने मदरसा शिक्षा के संबंध में कई निर्णय लिए, जिनमें राष्ट्रगान का अनिवार्य गायन भी शामिल है। बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन के अध्यक्ष ने कहा, “यूपी में मदरसा के छात्र अपनी दैनिक कक्षाएं शुरू करने से पहले राष्ट्रगान का पाठ करेंगे। उनकी सुबह की प्रार्थना के साथ राष्ट्रगान गाया जाएगा। विभिन्न स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जाता है और हम मदरसा के छात्रों में भी देशभक्ति की भावना जगाना चाहते हैं, ताकि वे धार्मिक अध्ययन के अलावा हमारे इतिहास और संस्कृति को जान सकें।”

उन्होंने कहा, यह पहले से ही कुछ मदरसों में पढ़ा जाता है। हमने अब आने वाले शैक्षणिक सत्र से इसे अनिवार्य कर दिया है। राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने के अलावा बोर्ड आगामी शैक्षणिक सत्र से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक के छात्रों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान जैसे विषयों को भी अनिवार्य करेगा।अध्यक्ष ने आगे कहा, “इन विषयों को जोड़ने के साथ छह परीक्षा के प्रश्नपत्र अनिवार्य कर दिए जाएंगे। ये विषय अब तक वैकल्पिक थे और एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाए जाते थे। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र मुख्यधारा का हिस्सा बनें।”

TET की तर्ज पर मदरसा शिक्षकों के लिए MTET

बोर्ड बैठक में तय हुआ कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत संचालित मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन कराया जाएगा। स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए जो प्रस्ताव आए हैं वह विनियमावली 2016 के अनुरूप हो तो उन्हें स्वीकृत किया जाए अन्यथा वापस भेज दिया जाए। भूमि व भवन के ट्रांसफर संबंधी प्रस्ताव बोर्ड के रजिस्ट्रार निस्तारित करेंगे। आगामी सत्र से मदरसों में छात्रों के पंजीकरण आनलाइन कराए जाने की व्यवस्था कराने व आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मदरसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम की स्थापना की जाएगी।

आपको बताते चलें कि बोर्ड अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में परीक्षा, उपस्थिति और शिक्षकों की भर्ती से संबंधित कई अन्य निर्णय लिए गए। यह निर्णय लिया गया कि मदरसा शिक्षक बनने के लिए पूर्व योग्यता के रूप में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) आधारित मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (MTET) शुरू की जाए। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में भाई-भतीजावाद का क्रम बन गया है। यही कारण है कि बोर्ड ने MTET को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है, लेकिन चयन प्रक्रिया को प्रबंधन द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। एक औपचारिक प्रस्ताव जल्द ही सरकार को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि योगी सरकार में इस तरह का फैसला आना अपने में ही एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि मदरसा में भी बाकी स्कूलों की तरह पढाई मुस्लिम बच्चों का भविष्य सुरक्षित करेगा।

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