AAP ने हिमाचल प्रदेश मे चुनाव से पहले ही भाजपा की जीत सुनिश्चित कर दी है

हिमाचल में तय है भाजपा की वापसी!

केजरीवाल

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कुनबा बढ़ाने चले थे न रहे घर के न घाट के, अब क्या करें राजनीति के स्थान पर झूठनीति पर विस्तार करने वालों के साथ होता ही यही है इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई। दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बना लेने के बाद आम आदमी पार्टी के फ्री-पुरुष अरविंद केजरीवाल ने इस मद में चूर होकर आगामी राज्यों के चुनावों के लिए ताल ठोकनी शुरू ही की थी कि पार्टी कब ठुक गई पता ही नहीं चला। जी हाँ, हिमाचल प्रदेश में बीते 1 हफ्ते के भीतर आम आदमी पार्टी अपने विस्तार पर जब जोर दे रही थी, तत्पश्चात उसके राज्य के प्रमुख नेता और पदाधिकारी उसे टाटा, बाय-बाय कर गए। ऐसे में चुनाव नजदीक आते उससे पूर्व ही हिमाचल प्रदेश में “आप” ने बीजेपी के सामने बनाने जा रही अपनी जमीन और जनाधार को पहले ही खो दिया।

हिमांचल प्रदेश मे जमीन खिसकती AAP की

दरअसल, मंडी शहर में अरविंद केजरीवाल के रोड शो के ठीक दो दिन बाद, AAP के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, संगठन महासचिव सतीश ठाकुर और ऊना अध्यक्ष इकबाल सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे।  नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए जिसके बाद आम आदमी पार्टी की जड़ें हिल गई हैं। हताश हुए पार्टी के दूसरे नंबर के नेता दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार सुबह ही प्रेस वार्ता कर ली, जिसमें उन्होंने भर-भरकर पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के बारे में कटाक्ष, संगीन आरोप मढ़े गए जैसा हमेशा से यह करते आए हैं।

सिसोदिया ने कहा था कि रात को 12 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप पार्टी के ऐसे व्यक्ति को भाजपा में शामिल करते हैं, जिसके खिलाफ पार्टी को शिकायतें मिली हुई हैं कि वे महिलाओं से गंदी बातें करते थे।” बस यही राग अलापने की आदत पड़ गई है आप नेताओं को, कोई भी पार्टी छोड़ता नहीं उसके चरित्र पर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं जैसे कि कोई मज़ाक हो।

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अब एक ओर महिलाओं की आड़ में सिसोदिया ने आरोप मढ़े तो रही बची कसार हिमाचल प्रदेश की महिला इकाई ने तब पूरी कर दी जब महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्षा और अन्य वरिष्ठ नेत्रियों ने “आप” छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। पार्टी की महिला विंग की प्रमुख ममता ठाकुर सहित पहाड़ी राज्य के कई नेताओं के सोमवार को भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने यह फैसला किया जिसके बाद आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई को आलाकमान ने भंग ही कर देने में समझदारी समझी क्योंकि जिस हिसाब से अहम पदों पर बैठे नेता-नेत्रियां पार्टी छोड़ रही थीं, उससे “आप” राज्य में तितर-बितर हो रही थी।

इस फैसले की घोषणा करते हुए आप के हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए नई राज्य कार्यसमिति जल्द ही पुनर्गठित की जाएगी। जैन ने ट्विटर  पर पार्टी के फैसले की घोषणा करते हुए ट्वीट किया, “हिमाचल प्रदेश की आम आदमी पार्टी की राज्य कार्य समिति को भंग कर दिया गया है। नई राज्य कार्य समिति का जल्द ही पुनर्गठन किया जाएगा।”

 AAP का साथ छोड़ते आप नेता

जहाँ मनीष सिसोदिया इस सपने में जी रहे थे कि, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मुखमनट्री बदली वाली रीत में अगला निशाना बनाने का प्रयास किया जा रहा था, उनके अपने ही नेता टूट के भाजपाई हो गए और पार्टी के हाथ में थमा गए झाड़ू कि पार्टी तो राज्य से साफ कर दी है शेष आलाकमान कर लेगा।

महिलाओं पर शोषण वाले आरोपों के साथ विपक्षी दलों के नेताओं को टारगेट बनाना आम आदमी पार्टी की पुरानी प्रथा है, ऐसे में अब इस प्रथा को बागी नेताओं पर लागू किया जाने लगा। हिमाचल प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जो अब पूरी तरह से भाजपाई हो चुके है जिन पर अभद्रता और संगीन आरोप जड़ने वाले सिसोदिया के लिए यही जवाब काफी था जब अनूप केसरी के तुरंत बाद पार्टी की महिला इकाई की प्रदेश प्रमुख ने भी पार्टी को टाटा, बाय-बाय कर दिया है। इससे यह तो सिद्ध हो गया कि महिलाओं पर शोषण का आरोप आम आदमी पार्टी की गंदी राजनीति का एक उदाहरण था। यदि यह सच होता तो पार्टी की महिला विंग की प्रमुख ममता ठाकुर क्यों ही पार्टी छोड़तीं।

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