प्रशांत किशोर को लेकर झगड़ रहे थे राहुल प्रियंका, अब पीके ने दिखा दिया ठेंगा!

कांग्रेस के आगे पीके ने भी जोड़ लिये हाथ

प्रशांत किशोर कांग्रेस

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2014 में लोकसभा चुनाव के समय हर-हर मोदी, घर-घर मोदी के नारे को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध रहे तथाकथित राजनीतिक सलाहकार PK आज एक व्यापारी बन कर नेताओं से माल उगाही के कार्य में लग चुके हैं। कभी भाजपा, कभी नीतीश, कभी ममता तो कभी जगनमोहन रेड्डी, प्रशांत किशोर चारों तरफ अपना राजनीतिक व्यापार का विस्तार कर चुके हैं। अब इसी क्रम में प्रशांत किशोर की आंखें बूढ़ी कांग्रेस पर टिक चुकी हैं।

प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए पहले भी कर चुके हैं काम

आपको बता दें कि PK ने पहले भी 2017 में उत्तर प्रदेश में विनाशकारी अभियान पर कांग्रेस के साथ काम किया था और पंजाब कांग्रेस के साथ महीनों पहले काम किया था और फिर से सुगबुगाहट थी कि कांग्रेस के साथ पीके की बात बन सकती है, लगा जैसे एक बार फिर उन्हें कांग्रेस अपने साथ शामिल करने के लिए तैयार हैं। 5 राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जोरदार हार के बाद कांग्रेस अपने डूबते भाग्य को बदलने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर मुड़ती दिख रही थी लेकिन प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस से हाथ जोड़ लिया। वो कैसे, तो इस पर भी आइए गौर कर लेते हैं।

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वैसे प्रशांत किशोर ने हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व को एक लंबी प्रस्तुति दी थी, जिसमें पार्टी को अभी अपनी बेहोशी की स्थिति से पुनर्जीवित करने और उन्हें 2024 में अगले आम चुनावों में एक मजबूत प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने की अपनी योजनाओं को रेखांकित किया था। किशोर द्वारा अपनी प्रस्तुति में सुझाए गए प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक डिजिटल स्पेस था, जहां कांग्रेस हर चीज की कोशिश करने के बावजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हमेशा पीछे रही है। इन सुझावों के बाद भी कांग्रेस और PK की बन नहीं पायी।

प्रशांत किशोर ने आधिकारिक तौर पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया

कांग्रेस ने सोमवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ कोई विशेष व्यवहार करने से इनकार कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पीके भव्य पुरानी पार्टी में शामिल होने की शर्त के रूप में नेतृत्व के ढांचे में बदलाव नहीं कर सकते हैं। ऐसे में पीके ने भी अपना रुख पूरी तरह से साफ कर दिया। प्रशांत किशोर ने आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट कर दिया है कि वो कांग्रेस पार्टी नहीं ज्वाइन करने वाले हैं। ट्विटर के माध्यम से प्रशांत किशोर ने लिखा- मैंने कांग्रेस के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के #कांग्रेस के उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा, मेरी विनम्र राय में परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे अधिक नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।

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किशोर के स्पष्टीकरण के बाद अब ऐसी स्थिति में TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने कहा कि PK केवल जीतने वाले घोड़े पर दांव लगाते हैं और फिर पार्टी नेतृत्व और कैडर की जीत को अपनी जीत बताने के लिए ओवरटाइम काम करता है।

यह बात भी सत्य है कि प्रशांत किशोर जैसे राजनीतिक बिचौलिए का कोई धर्म-ईमान नहीं है उनको जहां पैसा मिलेगा वहां चले जाएंगे लेकिन इतना साफ हो गया है कि प्रशांत किशोर कमज़ोर उम्मीदवार और पार्टी के साथ खड़े होने से घबराते हैं जिससे उनके रणनीति आजीविका पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

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