इस्लाम में धर्मांतरण का नया मोड बन गया है पिरामिड स्कीम, यहां समझिए आखिर यह है क्या?

सरकार को जल्द से जल्द उठाना होगा कोई ठोस कदम

इस्लाम में परिवर्तित

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सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट ने 37 हिंदू परिवार और 100 हिंदूओं को धन देकर इस्लाम में परिवर्तित करने वाले वरयावा अब्दुल वहाब महमूद को जमानत देने से मना कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल वहाब महमूद अपने पांच साथियों शब्बीर, समद, अब्दुल, यूसुफ और अय्यूब के साथ मिलकर एक रैकेट चलाता था, जिसके द्वारा गैरकानूनी तरीके से हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया जाता है। इस संदर्भ में जब प्रशासन द्वारा कार्यवाही तेज की गई तो महमूद ने बेल की याचिका दायर की थी।

रिपोर्ट के अनुसार याचिका पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस बीएन करिया ने कहा, “अभियोजन की ओर से पेश रिकॉर्ड से प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि मौजूदा अपीलकर्ता ने बल प्रयोग या प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके से किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया है। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सामग्री के साथ-साथ ऊपर चर्चा किए गए कारणों को ध्यान में रखते हुए, यह न्यायालय अपीलकर्ता को अग्रिम जमानत पर रिहा करने की प्रार्थना को स्वीकार करने का इच्छुक नहीं है..”

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इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा इस्लाम में परिवर्तन

अब्दुल वहाब महमूद के रैकेट का खुलासा तब हुआ जब प्रवीणभाई वसंतभाई वासव जिनका इस्लाम में परिवर्तन किया गया था उन्होंने भरूच शहर के अंदर एक एफ आई आर दर्ज करवाई थी। वासव जी को इस्लाम में परिवर्तित करके सलमान वसन्त पटेल बना दिया गया था। उन्होंने शब्बीरभाई बेकरीवाला और समदभाई बेकरीवाला के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई थी। प्रवीणभाई वसंतभाई वासव ने जब पुनः हिन्दू धर्म में दीक्षित होने का निर्णय किया तो उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाने लगी। बार-बार मिल रही धमकियो के कारण अंततः प्रवीणभाई ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई।

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प्रथम सूचना रिपोर्ट मे हुए खुलासे

प्राथमिकी में, प्रवीणभाई ने खुलासा किया कि आरोपी यूसुफ, अय्यूब और अन्य ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया, जहां उन्होंने वीडियो, भाषण और चैट के माध्यम से हिंदू समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की और सामग्री पोस्ट की। इस मामले में धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 153(बी)(1)(सी), 506(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में जांच अधिकारी ने आईपीसी की धारा 466, 467, 468 और 471 और अत्याचार अधिनियम की धारा 3 (2) (5-ए) को जोड़ते हुए एक रिपोर्ट दर्ज की।

यह पहला अवसर नहीं है जब मुसलमानों द्वारा चलाया जा रहा है ऐसा कोई रैकेट सामने आया है। कुछ दिन पूर्व ही उत्तर प्रदेश में एक कन्वर्जन रैकेट का खुलासा हुआ था। उत्तर प्रदेश के मोहम्मद उमर गौतम ने 1000 से अधिक लोगों को डरा धमका कर इस्लाम में परिवर्तित किया था। गुजरात और उत्तर प्रदेश के मामले में एक विशेष पैटर्न देखने को मिल रहा है। कन्वर्जन के लिए पिरामिड योजना अपनाई जा रही है अर्थात एक मुसलमान 10 मुसलमान को परिवर्तित करने का काम करता है और 10 मुसलमान 100 मुसलमान को परिवर्तित करने का काम करता हैं।

ऐसे अधिकांश समूह हिंदू समुदाय के कमजोर वर्गों को अपना निशाना बनाते हैं और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करके उनके मन में हिंदू मान्यताओं और हमारी संस्कृति के विरुद्ध द्वेष, हीनता और घृणा की भावना भरते है। इस संदर्भ में कोई कठोर योजना बनाने की आवश्यकता है। साथ ही हिंदू संगठनों एवं मंदिरों को आगे आकर हिंदू समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान में सहयोग करना चाहिए जिससे वह लोग ऐसे कन्वर्जन रैकेट का निशाना न बन सके।

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