दिल्ली के CM को अपने विरोधियों को पकड़ने के लिए आखिरकार पुलिस मिल ही गई

संवैधानिक संस्था का गलत इस्तेमाल करना कोई AAP से सीखे!

पंजाब पुलिस

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सत्ता का स्वाद चखने के बाद उसका दुरूपयोग करना लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक बात होती है। निजी स्वार्थ और हीन भावना के चलते जब सरकार अपनी शक्तियों का उपयोग अपने स्वार्थ और निजी द्वेष के लिए करती है तो वो उस सरकार के लिए ही नहीं बल्कि जनता के लिए सवाल खड़े कर देती है। सवाल होता है, क्या इसीलिए ऐसी सरकार को जनता ने चुना था? अब पंजाब का ही हाल देख लीजिये जहां से आए दिन राज्य पुलिस दिल्ली की ओर कूच कर रही है, वजह सिर्फ एक है ‘विरोध!’ दरअसल, अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और भगवंत मान के विरोध में चुनाव पूर्व और चुनाव बाद जिसने भी बयान दिया, उन सभी को अब सरकारी शक्तियों के इस्तेमाल से निपटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चूंकि दिल्ली पुलसि केंद्र के अधीन है इसलिए अब तक आम आदमी पार्टी को कोई तंत्र नहीं मिल रहा था कि कैसे विरोधी दलों के नेताओं को निपटाया जाए, ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री को आखिरकार अपने विरोधियों को पकड़ने के लिए पुलिस मिल गई है- वह है पंजाब पुलिस।

यह आम आदमी पार्टी का चरित्र रहा है कि जो भी उसके रास्ते आया है, उसने उसे रास्ते से हटाने का पूरा प्रयास किया है। फिर चाहे उसके अपने संस्थापक सदस्य हों या पार्टी के नेता, उसने कई नेताओं को पार्टी से बाहर जाने पर विवश ही किया है। यही नहीं, विरोधी दल का कोई भी नेता आक्रामक होकर अगर AAP की पोल खोलते थे, तो उन्हें अबतक “आप” घेर नहीं पाती थी क्योंकि अबतक एकमात्र दिल्ली ही ऐसा राज्य था जहां उनका एकछत्र राज था। लेकिन अब पंजाब जैसे पूर्ण राज्य में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी को जैसे संजीवनी बूटी मिल गई है क्योंकि अब उसके पास एक राज्य की पुलिस का कब्ज़ा है और उसके जरिये वो अपने हर विरोधी को रौंदने का मन बना चुकी है।

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पुलिस का दुरूपयोग कोई AAP से सीखे!

आइए दिल्ली के उन नेताओं की बात करें जिनपर आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार की गिद्ध दृष्टि पड़ चुकी है और राज्य की पुलिस को हथियार बनाकर वैसे नेताओं पर दबाव बनाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। इन नेताओं में अब तक भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, दिल्ली प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल और भाजपा नेत्री प्रीति गांधी के नाम सम्मिलित हैं। यह उस कुंठा ग्रसित कार्रवाई को दर्शाता है जिससे आम आदमी पार्टी हमेशा से संक्रमित थी। यदि विरोधी दल के नेता विरोध में नहीं बोलेंगे तो क्या अपनी ही पार्टी के नेता का विरोध करेंगे? विरोध को हजम करने में यदि केजरीवाल जैसे नेताओं को दिक्कत हो रही है, तो निस्संदेह उन्हें नाराज़ फूफा बनकर नेतागिरी करनी चाहिए, एक मुख्यमंत्री रूप में इस तुच्छता के साथ निर्णय लेना अपरिपक्वता की निशानी होती है।

कुछ नए नाम भी हैं जिनपर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कथित तौर पर बदले की भावना से कार्रवाई करते दिख रहे हैं और मान के निर्देश पर पुलिस उनके घर पहुंच रही है। वे हैं पूर्व “आप” नेता और कवि डॉ कुमार विश्वास और पूर्व “आप” विधायक और वर्तमान में कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा। बुधवार तड़के कवि कुमार विश्वास ने अपने घर के बाहर पंजाब पुलिस के जवानों की तस्वीरें ट्वीट की। वीडियो से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में विश्वास के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस उनके घर गई थी। विश्वास ने एक ट्वीट में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री उन्हें धोखा देंगे। हालांकि, उन्होंने ट्वीट में केजरीवाल का नाम नहीं लिया।

घर पर पुलिस पहुंचने पर कुमार विश्वास ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा, “सुबह-सुबह पंजाब पुलिस द्वार पर पधारी है। एक समय, मेरे द्वारा ही पार्टी में शामिल कराए गए भगवंत मान (@BhagwantMann) को आगाह कर रहा हूं कि तुम दिल्ली में बैठे जिस आदमी को, पंजाब के लोगों की दी हुई ताक़त से खेलने दे रहे हो, वो एक दिन तुम्हें व पंजाब को भी धोखा देगा। देश मेरी चेतावनी याद रखे।” बता दें, हाल के चुनावों में विश्वास आम आमदी पार्टी पर बेहद आक्रामक होकर तीखे हमले कर रहे थे। उन्होंने केजरीवाल के खालिस्तान चाहने वाली मंशा को उजागर करते हुए कहा था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल “या तो पंजाब के सीएम या स्वतंत्र पंजाब (खालिस्तान) के पहले पीएम” बनना चाहते थे। कुमार के ऐसे हमलों का जवाब पुलिस के माध्यम से देना केजरीवाल और आप पार्टी के विकृत मानसिकता को दर्शाता है।

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अलका लांबा के घर पहुंची पुलिस

जहाँ एक ओर पंजाब पुलिस कुमार विश्वास के घर सुबह तड़के पहुंच गई तो अलका लांबा के घर दोपहर में पहुंची। इसकी जानकारी भी लांबा ने विश्वास की भांति ट्विटर के माध्यम से देते हुए लिखा कि “पंजाब पुलिस मेरे घर पहुंच चुकी है।” उसके बाद पुलिस लांबा के घर नोटिस चस्पा करके गई, जिसे लेकर लांबा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पंजाब पुलिस घर की दीवार पर नोटिस चिपका कर गई है और जाते जाते #AAP की @BhagwantMann सरकार की ओर से धमकी भी देकर गई है कि अगर 26 अप्रेल को थाने में पेश नहीं हुई तो अंजाम बुरा होगा। कांग्रेस की यह गांधी वादी सिपाही बड़े संघियों से नहीं डरी, छोटे संघी की तो बात ही छोड़ दो।

यह एक बड़ा शर्मनाक कृत्य है कि राजनीतिक रूप से उन सभी मुद्दों पर सीएम भगवंत मान की ओर से ऐसी प्रतिक्रियाएं दी जा रही है। उपर्युक्त प्रकरण से ये तो स्पष्ट हो गया है कि पंजाब के नए नवेले सीएम भगवंत मान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चल रहे हैं। पंजाब की AAP सरकार आज भी दिल्ली से संचालित हो रही है और इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि दोनों अपने राज्यों की बेहतरी नहीं, बल्कि राजनीतिक खुन्नस निकालने में मदमस्त हैं। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, नवीन कुमार जिंदल, प्रीति गांधी, कुमार विश्वास और अलका लांबा के बाद अब किसका नाम सामने आता है यह तो समय ही बताएगा। पर यह तो तय है कि दिल्ली सरकार और उसके कथित मालिक इतने में ही नहीं रुकने वाले। ऐसे में यह प्रमाणित हो चुका है कि विरोधियों को पकड़ने के लिए आम आदमी पार्टी को एक राज्य की पुलिस मिल गई है – वह है पंजाब पुलिस!

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