आश्चर्य होता है कि दिनेश कार्तिक का प्रदर्शन कैसा होता अगर वह महेंद्र सिंह धोनी के समय में नहीं खेले होते? कार्तिक अकेले ऐसे क्रिकेटर नहीं होंगे जिनका कैरियर ग्राफ हमेशा धोनी के आभामंडल में रहा पर, अत्यंत दुख की बात है कि उनमें से ज्यादातर समय शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद कार्तिक को वो श्रेय नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। कार्तिक अत्यंत दुर्भाग्यशाली रहें क्योंकि उन्हे हमेशा सुर्खियों में छोटा स्थान मिला हालांकि वे क्षण ज्यादातर समय क्षणभंगुर रहे हैं। एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो निरंतर इंडियन प्रीमियर लीग में खेला है, उसकी राष्ट्रीय टीम में उपस्थिति न के बराबर रही है। लेकिन फिर भी यही वह विडंबना है जो उसे सुर्खियों में लाती है।
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IPL मे नीलामी
इस बार के आईपीएल में उनका प्रदर्शन चर्चा का विषय रहा है। इस बार की नीलामी में जब उन्हे 5 करोड़ 50 लाख में आरसीबी ने खरीदा तब लगभग हर क्रिकेट पंडित ने आरसीबी प्रबंधन के इस निर्णय की आलोचना की। लोगों नें कार्तिक की आलोचना करते हुए उन्हे पूर्णकालिक commentator और अल्पकालिक क्रिकेटर कहा। यहाँ तक की उन्हे क्रिकेट न खेलने की सलाह भी दी गयी। कहा गया की आरसीबी टीम में उनकी कोई जगह नहीं बनती वो इस पूरे सीज़न बस बेंच पर बैठे रहेंगे।
पर, अगर निजी विचारों से हटकर देखे तो इस शख्स का आईपीएल में अद्भुत रिकॉर्ड रहा है। 2008 में उन्होने अपने पदार्पण के बाद से 14 वर्षों में छह फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व किया है और पिछले कुछ वर्षों में वे लगातार शानदार प्रदर्शनों कर रहें है। शायद ही कोई ऐसा मैच हो जहां उसने प्लेइंग इलेवन में जगह न बनाई हो। यह उनकी फिटनेस का एक प्रमाण है, क्योंकि कार्तिक जैसे उम्रदराज खिलाड़ियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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कार्तिक की शानदार पारियां
2015 के बाद एक बार फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते हुए कार्तिक ने शानदार प्रदर्शन किया। कार्तिक ने पंजाब किंग्स के खिलाफ 14 गेंदों में नाबाद 32 रन बनाया। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 7 गेंदों में नाबाद 14 रन बनाए। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 23 गेंद में नाबाद 44 रन की पारी खेली। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 2 गेंद में नाबाद 7 और मुंबई इंडियंस के खिलाफ 14 गेंदों में शानदार 34 रनकी पारी खेली।
इसके साथ ही यह तथ्य भी है कि वह नीचे के क्रम में बल्लेबाजी करने आता है, इसके बावजूद उसकी स्ट्राइक रेट रसेल से भी बेहतर है। इस आईपीएल में 200 के ऊपर स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ कार्तिक हैं। दूसरी ओर वह रसेल या फिर अन्य बल्लेबाजों की तरह पिंच हिटिंग के बजाय वह पारंपरिक क्रिकेट शॉट खेलते हैं। राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाजों पर उनका हमला काफी दर्शनीय था।
12.3 ओवर के आरसीबी के 87 पर 5 विकेट गिर चुके थे और आरसीबी संकट में थी। उसके बाद शाहबाज अहमद (45) और कार्तिक के बीच मात्र पांच ओवरों में 67 रन की सनसनीखेज साझेदारी देखी, जिसने बेंगलुरु फ्रेंचाइजी के लिए छह विकेट से जीत का रास्ता साफ कर दिया।कोई आश्चर्य नहीं कि आरसीबी सोशल मीडिया पर मुखर रही है और प्रबंधन की ओर से यह आवाज़ उठाया गया कि कार्तिक को टी 20 विश्व कप के लिए चुना जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि कार्तिक के पास दक्षता है, लेकिन ऐसा करने के लिए प्रबंधन को कुछ साहसी फैसले लेने होंगे।
ऋषभ पंत भारतीय चीजों की वर्तमान में बीसीसीआई के आँखों का तारा है। अतः,एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के स्लॉट का आत्मसमर्पण करते हुए टीम में दो विकेटकीपरों को चुनने के लिए काफी साहस की आवश्यकता होगी। इसीलिए हमेशा की तरह कार्तिक एक बार फिर नकारे जा सकते हैं।
तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने अपने निराशा और दुर्भाग्य को बखूबी छुपाया है। वह बस इतना कर सकते हैं कि रनों को हासिल करते रहें और सब कुछ अपने फैंस पर छोड़ दें। डु प्लेसिस के शब्दों में कहें तो- “घनघोर संकट में कहीं से भी बाहर निकालने के लिए, आपको कुछ महान पात्रों की आवश्यकता है और डीके उतना ही महान चरित्र है जितना आपको मिल सकता है। दबाव में उनका धैर्य अद्भुत है। वह वास्तव में शांत है और हमारे लिए एक बड़ी संपत्ति है।“