मिलिए देश के प्रसिद्ध राजनेताओं से जिन्हें पीएम मोदी के कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी

अभी भी कई नेता कतार में खड़े हैं!

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नरेंद्र दामोदर दास मोदी, किसे पता था कि ये व्यक्ति एक दिन पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराएगा। गुजरात के एक छोटे से गांव से निकले नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद गुजरात की स्थिति को आसमान पर पहुंचा दिया और जब से इन्होंने देश की सत्ता संभाली, उसके बाद से ही भारत द्रूत गति से विकास के पथ पर सरपट भाग रहा है। मौजूदा समय में पीएम मोदी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि भारतीयों के इमोशन बन चुके हैं। मोदी की बढ़ती लोकप्रियता ने देश के कई कद कद्दावर नेताओं को राजनीति से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर मजबूर कर दिया है। एक समय ऐसा था जब देश में कई प्रमुख चेहरे जो भारतीय राजनीति पर हावी थे, पर अब गुमनामी में हैं। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही देश के कई टॉप नेताओं की बती गुल हो गई, कई क्षेत्रीय दल अप्रासंगिक हो गए हैं।

आइये हम ऐसे राजनेताओं की सूची आपको बताते हैं जो कभी काफी प्रसिद्ध थे, लेकिन केंद्र पीएम मोदी के आने के बाद अब गुमनामी में हैं।

1. मुलायम सिंह यादव

मुलायम कभी देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य यूपी के मुख्यमंत्री थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका प्रधानमंत्री का सपना। हालांकि, वर्ष 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने और 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उदय ने सब कुछ बदल दिया। आज मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा को पूरा करने की स्थिति में भी नहीं हैं और उनकी पार्टी यूपी में भी भाजपा को कड़ी चुनौती देने की स्थिति में नहीं है।

2. गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद व्यावहारिक रूप से सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं लेकिन पिछले महीने उन्होंने राजनीति से ‘रिटायरमेंट’ के संकेत दे दिए थे। वो कांग्रेस के उन शीर्ष नेताओं में से एक हैं, जो 2014 के बाद से कांग्रेस की अजेय गिरावट से काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अपने समय में कभी कांग्रेस के टॉप नेता माने जाने वाले आजाद, पीएम मोदी के आने के बाद अब प्रासंगिक हो गए हैं।

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3. लालू प्रसाद यादव

लालू यादव लंबे समय से सत्ता से बाहर हैं और सक्रिय राजनीति से प्रभावी रूप से दूर हो चुके हैं। उनकी कानूनी परेशानियों और जेल की सजा ने उनका राजनीतिक जीवन पहले ही खत्म कर दिया है। भाजपा और मोदी को खुले मंच से गाली देने वाले इस नेता का कद 2014 के बाद से ऐसा गिरा कि अब वो रसातल में पहुंच चुके हैं और अब उनके दोबारा उठ खड़े होने की संभावना न के बराबर है।

4. माणिक सरकार

एक समय था जब त्रिपुरा के पूर्व सीएम माणिक सरकार मुख्यधारा के मीडिया में बेहद लोकप्रिय थे। उन्हें ‘सबसे गरीब मुख्यमंत्री’ का टैग दिया गया क्योंकि वो अपना पूरा वेतन माकपा को दान करते थे। हालांकि, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव ने सब कुछ बदल दिया। भाजपा ने भारी जीत हासिल की और माकपा को राज्य में सत्ता से बाहर कर दिया गया। और आज स्थिति ऐसी है कि मुख्यधारा की मीडिया के मुख पर रहने वाले माणिक सरकार अब गुमनामी में जी रहे हैं।

5. सलमान खुर्शीद

खुर्शीद कांग्रेस के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक हैं और वो देश के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन कई अन्य कांग्रेस नेताओं की तरह, खुर्शीद को कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण कई वर्षों तक सत्ता से बाहर रहना पड़ा है और अब धीरे-धीरे वह भी भारतीय राजनीति में हाशिए पर आ गए हैं।

6. मुरली मनोहर जोशी

भाजपा के कोर लीडरशिप का हिस्सा रहे जोशी अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। समय बदल गया है और स्थिति भी बदल गई है। वो 88 वर्ष के हो चुके हैं और भाजपा में एक नई पीढ़ी के उदय ने सक्रिय राजनीति में उनकी केंद्रीयता की कमी को जन्म दिया है। मौजूदा समय में वो भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के नेताओं में से एक हैं।

7.सुशील कुमार शिंदे

शिंदे का करियर काफी असाधारण रहा है। उन्होंने सब-इंस्पेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और अंततः केंद्रीय गृह मंत्री के स्तर तक पहुंचे, जिसे देश का दूसरा सबसे शक्तिशाली राजनीतिक कार्यालय माना जाता है। लेकिन अब आपको उनके बारे में सुनने को नहीं मिलेगा। दरअसल, पीएम मोदी के आने के बाद जब से कांग्रेस का अंतहीन पतन शुरू हुआ है, तब से ही शिंदे भारतीय राजनीति में किनारे हो गए।

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8. लालकृष्ण आडवाणी

1990 के दशक में कोई सोच भी नहीं सकता था कि लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति में कभी निष्क्रिय नजर आएंगे। उन्होंने ही ‘रथ-यात्रा’ से भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया। हालांकि, वर्ष 2004 और 2009 में वो पार्टी को सत्ता में लाने में कामयाब नहीं हो पाए। और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद आडवाणी का राजनीतिक करियर सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए लगभग समाप्त ही हो गया है।

9.मीरा कुमार

पूर्व उप प्रधान मंत्री जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार का कांग्रेस के नेतृत्व वाली कई सरकारों के तहत राजनीतिक करियर का ग्राफ काफी हाई था। उन्होंने यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में भी चुनी गईं। लेकिन आज के समय में वो पूरी तरह राजनीति से गुमनाम हो चुकी हैं।

10.मणिशंकर अय्यर

मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके अय्यर अपने चायवाला वाले जुमले और पीएम मोदी के खिलाफ अन्य भद्दे बयानों के लिए सुर्खियों में रहें। इसके अलावा वो हमेशा से पकिस्तान प्रेम के लिए प्रसिद्द रहे हैं, इसके कारण वो कांग्रेस के साथ-साथ अपनी राजनीति को भी पूरी तरह से ख़त्म कर चुके हैं।

गौरतलब है कि देश के टॉप नेताओं की सूची कभी यही थी, लेकिन आज वो विलुप्त हो चुके हैं या राजनीति से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद से आने वाले समय में कांग्रेस की कई और नेताओं के राजनीति समाप्त होने के कगार पर खड़ी है। देश में नरेंद्र मोदी नाम के महामानव के सामने अभी के समय में किसी भी नेता का टिक पाना मुश्किल है और वैसे भी देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस डूबती नाव हो चुकी है, जो नेता इसपर सवार है उसका डूबना तो तय है। आने वाले समय में भी पीएम मोदी की लोक्रप्रियता कम होती नहीं दिख रही है। ऐसे में एक बात तो विपक्षी नेताओं ने भी समझ ही लिया है कि मोदी से राजनीतिक भिड़ंत यानी सत्ता से विदाई।

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