भारत के सबसे कट्टर इस्लामिक नेताओं की बात आएगी तो ओवैसी का नाम प्रथम पांच की सूची में होगा। सर्वविदित है कि उनकी राजनीतिक पार्टी ए०आई०एम०आई०एम० जिन्नावादी मानसिकता पर चलने वाली पार्टी है। किंतु ओवैसी की पार्टी के एक जिलाध्यक्ष ने हिंदू धर्म में घर वापसी का निर्णय किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार “मुरादाबाद के AIMIM (असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी) के पूर्व जिला अध्यक्ष और उनकी पत्नी ने घर के संपत्ति विवाद से परेशान होकर धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनने की बात कही है, साथ ही कहा है कि उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हमें परेशान करने वाले सब समाजवादी पार्टी के गुंडे हैं। वहीं रुवेद ने एसएसपी को एक प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है.” रुवेद जिस घर में रहते हैं उसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये है और रुवेद का आरोप है कि उनकी बहनें और जीजा लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं और मकान से निकालना चाहते हैं। रुवेद के अनुसार, उसके परिवार वालों ने उसे परेशान करने के लिए पुलिस के पास झूठे मुकदमे लिखवाए हैं। उनकी शिकायत पर पुलिस रुवेद को परेशान करती है और किसी थाने-चौकी में उनकी सुनवाई नहीं होती, क्योंकि शिकायत करने वाला उनका जीजा वकील है, वो पुलिस पर दबाव बनाता रहता है।
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रुवेद का निर्णय
रुवेद के अनुसार उसके परिवार के लोग समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। ऐसे में उसके परिवार की राजनीतिक पकड़ और मुस्लिम समुदाय में दबदबा भी अधिक है। मोहम्मद रुवेद की पत्नी समीना परवीन ने कहा, “हम सभी थाने-चौकी जा चुके हैं और कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई, ऐसे में धर्म बदलकर हिंदू बनना चाहते हैं और यही गुहार हमने एसएसपी से भी की है।” रुवेद के निर्णय के बाद उसके पिता ने उसे संपत्ति से बेदखल करने का फैसला किया है।
समीना परवीन का यह भी कहना है कि “शादी के पहले उनके ससुराल वालों ने यह कह कर कि (उनका पति) एकलौता लड़का है, अच्छा खासा दहेज मांगा। उसके बाद भी लगातार मेरे पिता से पैसे की मांग करते रहे है और जब मेरे पिता के पास पैसे खत्म हो गए तो कहां से दे। उसके अलावा हमें धमकाना शुरू और झूठे मुकदमे शुरू कर दिए। मेरे पास जो जेवर था वह उसे गिरवी रख कर इन्हें पैसे दिए। मैं हर मुसलमान, जितने भी बड़े लोग थे उन सब को समझौता के लिए बैठा चुकी हूँ, हर किसी के पास जा चुकी हूँ। हर कोई यही कहता है कि हम तुम्हारा साथ देंगे तो हम पर भी झूठे मुकदमे होंगे। जो हमारी मदद के लिए आगे बढ़ता है उसे धमकी देते हैं कि अगले मुकदमे में तुम्हारा नाम होगा। कोई हमारी मदद नहीं कर रहा तो फिर ऐसा समाज किस काम का है ऐसा मजहब किस काम का है।”
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घर वापसी का एक उदाहरण होगा
पिछले कुछ वर्षों में यह चलन बढ़ा है जब कट्टरपंथी इस्लामिक मानसिकता से ग्रस्त लोगों के अत्याचारों के कारण अन्य मुसलमानों ने घर वापसी का निर्णय किया है, किंतु यह मामला इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि इस बार घर वापसी का निर्णय जिस व्यक्ति ने किया है वह एक कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा हुआ था। रुवेद यदि वापस आने का फैसला करते हैं तो उनका स्वागत होना चाहिए। हिन्दू संगठनों को उनके पक्ष में खड़े होकर उन्हें न्याय दिलाना चाहिए। रुवेद को हिंदू बनने के बाद यदि न्याय मिलता है तो यह एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा तथा अन्य उपेक्षित व संतप्त मुसलमानों को पुनः अपने मूल धर्म, हिंदू धर्म, में वापसी के लिए प्रेरित करेगा।