हिंदू हृदय सम्राट की शिवसेना अब हिंदू विरोधी दंगों के लिए हिंदुओं को ही जिम्मेदार ठहराती है!

शिवसेना का इस्लामीकरण हो गया है!

संजय राउत जहांगीरपुरी

Source- TFIPOST

महाराष्ट्र की राजनीति आज अपने निम्न स्तर पर पहुंच चुकी है। एक समय था जब महाराष्ट्र में हिन्दू ह्रदय सम्राट बाला साहब ठाकरे का बोलबाला हुआ करता था। बाल ठाकरे हिन्दुओं के लिए सत्ता त्यागने के लिए भी तैयार रहते थे, लेकिन आज के परिदृश्य में उनके सुपुत्र उद्धव ठाकरे ने उनकी राजनितिक पूंजी को मटियामेट कर दिया और अब कांग्रेस तथा एनसीपी की कठपुतली बनकर महाराष्ट्र की सत्ता चला रहे हैं। शिवसेना आज अनर्गल बयानों के लिए चर्चा में रहती है। अपनी ‘हिंदू विचारधारा’ से शिवसेना का वास्ता कब का छूट गया है! अगर यह कहा जाए कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना का इस्लामीकरण कर दिया है, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। दरअसल, हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में दंगे भड़कते ही दिल्ली एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गई। इस घटना के बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने जहांगीरपुरी की घटना पर चिंता जताई और उनके बयान ने एक बार फिर शिवसेना के छद्म ‘धर्मनिरपेक्षता’ का पर्दाफाश कर दिया है। जिसके बाद शिवसेना को जमकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

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राउत ने दंगों को बताया प्रायोजित

जहांगीरपुरी मामले पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ‘देश की हालत और माहौल राजनीतिक फायदे के लिए खराब करने जा रहे हो। यह देश के लिए ठीक नहीं है। इससे पहले कभी भी राम नवमी और हनुमान जयंती के जुलूस पर हमला नहीं हुआ है। जुलूस निकालना लोगों का हक है। यह हमले प्रायोजित हैं, राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा किया जा रहा है।’ उन्होंने शोभा यात्रा पर पथराव की घटनाओं को राजनीतिक प्रायोजित कार्यक्रम बताया और कहा कि चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए जानबूझकर देश का माहौल खराब किया जा रहा है।

ध्याने देने वाली बात है कि संजय राउत बड़बोलेपन के शिकार हैं पर अब सत्ता के मोह में उन्हें हिन्दुओं की पीड़ा दिखाई ही नहीं पड़ती! राउत ने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी पर हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काने का आरोप लगाया। संजय राउत यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि ‘जनता को भटकाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक नहीं चलेगा, राम मंदिर भी नहीं चलेगा। इस समय देश में शांति भंग करने का काम चल रहा है। पिछले दिनों महाराष्ट्र में भी शांति भंग करने की कोशिश की गई है। हालांकि, महाराष्ट्र में ऐसा करने वालों को सफलता नहीं मिली।’ संजय राउत ने उल्लेख किया कि कुछ लोग राम और हनुमान के नाम पर महाराष्ट्र में दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि “न्यू ओवैसी” और “हिंदू ओवैसी” ऐसा कर रहे हैं। आपको बता दें कि संजय राउत इशारे-इशारे में राज ठाकरे को ‘हिंदू ओवैसी’ को कह रहे हैं।

‘हिंदूवादी’ से सेक्युलर बन गई शिवसेना

हालांकि, किसी ने कभी ऐसा सोचा नहीं होगा कि हिन्दू पृष्ठभूमि पर बनी पार्टी शिवसेना आज हिन्दुओं के साथ हो रहे भेदभाव पर ऐसी ओछी टिप्पणी करेगी! आज अगर बाल ठाकरे जीवित होते तो शिवसेना का यह हाल नहीं हुआ होता। ध्यान देने वाली बात है कि बाल ठाकरे ने अपने फायरब्रांड हिंदुत्व मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए शिवसेना की स्थापना की थी, पर आज पार्टी के संरक्षक और उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने कथित ‘धर्मनिरपेक्ष दलों’ के साथ गठबंधन किया और अपनी हिंदुत्व की विचारधारा को तिलांजलि दे दी! ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे और पार्टी के मौजूदा सदस्य बाल ठाकरे की हिंदुत्ववादी विरासत को भूल गए हैं। राजनीतिक लाभ के लिए पार्टी और उनके प्रमुख नेताओं जैसे संजय राउत ने ‘धर्मनिरपेक्ष’ होने के लिए सारी हदें पार कर दी है। हालांकि, अब इनका दोहरा चरित्र जनता ने देख लिया है और आने वाले चुनाव में हिन्दू जनता शिवसेना को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।

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