भारत की खाद्य तेल की सबसे बड़ी रुचि सोया कर्ज मुक्त हो गई है। इस कंपनी को वर्ष 2019 में पतंजलि समूह द्वारा खरीद लिया गया था। कंपनी पर कुल 2925 करोड़ रुपए का कर्ज था जिसे कंपनी में FPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल करके चुका दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार Ruchi Soya के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने शुक्रवार को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा को 2,925 करोड़ रुपये का चेक सौंपा. आचार्य बालकृष्ण ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात की जानकारी दी. उन्होंने क्लेम किया कि इस लोन के भुगतान के साथ रुचि सोया (Ruchi Soya) कर्ज मुक्त हो गई।
बता दें FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर वह प्रक्रिया है, जिसके जरिए कोई कंपनी, जो पहले से शेयर बाजार पर लिस्टेड है, वह निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर जारी करती है, जो आम तौर पर प्रमोटर्स होते हैं. कंपनियां एफपीओ का इस्तेमाल अपने इक्विटी बेस को डायवर्सिफाई करने के लिए करती हैं।
क्या होता है FPO?
कोई कंपनी FPO का इस्तेमाल उस स्थिति में करती है, जब वह आईपीओ की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती है. और वह कैपिटल जुटाने या कर्ज का भुगतान करने के लिए अपने शेयरों को सार्वजनिक करने का फैसला लेती है.
छोटा या बड़ा कारोबार चलाने के लिए, आपको फंड की जरूरत होती है. कंपनियों के मामले में, फंड की जरूरत कैश फ्लो की जरूरतों या अपने कामकाज को जारी रखने या बढ़ाने के लिए हो सकती है. कंपनियां नई कैपिटल जुटाने के लिए कर्ज ले सकती हैं या इक्विटी की मदद ले सकती हैं. इक्विटी के जरिए फंड जुटाने के लिए, कंपनियां अपने शेयरों को बेचती हैं. एक कंपनी कैपिटल जुटाने के लिए आईपीओ या एफपीओ को चुन सकती है.
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रुचि सोया कंपनी के लिए कर्णधार साबित हुए बाबा रामदेव
रामदेव ने FPO के लिए लिस्टिंग से पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में ‛मंदिरों की घंटी बजाने से लेकर स्टॉक एक्सचेंज में घंटी बजाने तक’ के अपने निजी सफर पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा “मैं पहले टेलीविजन पर स्टॉक एक्सचेंज देखता था। यहां बजने वाली घंटियां भारत की आर्थिक उपलब्धियों का संकेत हैं। यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (आत्मनिर्भरता) की घण्टी है, आर्थिक विरासत को आगे बढ़ाने और वर्तमान में इसे बड़ा बनाने की हमारी उपलब्धि है।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने हाल में अपना 4,300 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) पूरा किया है. कंपनी के एफपीओ की लिस्टिंग शुक्रवार को हुई. यह लिस्टिंग काफी हिट रही।
बता दे कि बाबा रामदेव ने 1 सप्ताह पहले यह घोषणा की थी कि पतंजलि के स्वामित्व वाली रुचि सोया अगले महीने अर्थात अप्रैल में कर्ज मुक्त हो जाएगी। बाबा रामदेव द्वारा कर्ज में डूबी हुई एक कंपनी को कर्ज मुक्त करा देना उनकी कुशल व्यापारिक नीति और समाज का प्रमाण है। बाबा रामदेव ने पतंजलि प्रोडक्ट के माध्यम से उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों का विश्वास जीता है। बाबा रामदेव का नाम स्वयं एक ब्रांड है जो उपभोक्ताओं के लिए शुद्धता का और निवेशकों के लिए लाभ का प्रमाण है।