‘आतंक की फैक्ट्री’ पाकिस्तान में पढ़ाई करने वालों को भारत में नहीं मिलेगी नौकरी

भारत में अमान्य हुई पाकिस्तानी डिग्री!

Fake pakistani degree

Source- TFI

भारत मतलब पाकिस्तानी नॉट अलाउड, अब वो चाहे पाकिस्तानी घुसपैठिये हो या डिग्रीधारक, नहीं का मतलब नहीं। भारत काफी पहले से ही तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान की बैंड बजाते आया है, लेकिन अब पाकिस्तान से दूरी को और अधिक बढ़ाने हेतु भारत ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। जी हां, हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारत से आतंक की फैक्ट्री यानी पाकिस्तान में जाकर पढ़ाई करने वालों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसके बाद से ही त्राहिमाम मचा हुआ है।

दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (UGC) ने एक संयुक्त अधिसूचना में भारतीय छात्रों से पाकिस्तान में उच्च अध्ययन नहीं करने का आग्रह किया है। इस नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि भारत का कोई भी भारतीय नागरिक या विदेशी नागरिक जो उच्च अध्ययन के लिए पाकिस्तान में प्रवेश लेना चाहता है, वह भारत में रोजगार या उच्च अध्ययन के लिए पात्र नहीं होगा। यह कदम भारत ने बहुत सोच समझकर लिया है, क्योंकि पाकिस्तान से दीक्षा लेने का अर्थ है कहीं न कहीं आतंकी फैक्ट्री से असलाह बनाना सीखना! अब भारत ने पाकिस्तानी डिग्री को NULL AND VOID करार दिया है, जो पाकिस्तान की आतंक परस्त सोच पर एक और अटैक है, क्योंकि आज भी कई ऐसे भारतीय और प्रमुखतः कश्मीरी हैं जो पाकिस्तान में उच्च शिक्षा का ज्ञानार्जन करने के लिए जाते हैं।

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जिन्हें मिली है भारत की नागरिकता वे होंगे पात्र

नोटिस के माध्यम से यह कहा गया है कि “सभी संबंधितों को सलाह दी जाती है कि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें। भारत का कोई भी भारतीय नागरिक/प्रवासी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी डिग्री कॉलेज/शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, पाकिस्तान में अर्जित ऐसी शैक्षिक योग्यता (किसी भी विषय में) के आधार पर भारत में रोजगार या उच्च अध्ययन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा।” हालांकि, संगठनों ने उन प्रवासियों और उनके बच्चों को छूट प्रदान की है जिनके पास पाकिस्तान में उच्च शिक्षा की डिग्री है और जिन्हें भारत द्वारा नागरिकता दी जा चुकी है। ऐसे आकांक्षी गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद भारत में रोजगार पाने के लिए पात्र हैं।

AICTE के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे के अनुसार, भारत के छात्रों को यह सलाह देने की जरूरत है कि उन्हें शिक्षा के लिए किन संस्थानों और देशों की यात्रा करनी चाहिए, ताकि वे भारतीय नियमों के साथ समानता के बिना डिग्री के साथ न उतरें। यह परामर्श विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा उच्च शिक्षा नियामकों द्वारा चीन में उच्च अध्ययन करने की योजना बना रहे भारतीय छात्रों को चेतावनी देने के एक महीने के बाद आया है। उच्च शिक्षा नियामकों के चेतावनी परामर्श में कहा गया है कि वहां डिग्री पाठ्यक्रम भी पूर्वानुमोदन के बिना संचालित किए जाते हैं। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश भी इसकी अनुमति नहीं देते।

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दुश्मनों की लंका लगाना कोई भारत से सीखे

बताते चलें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बीते माह छात्रों को चीन में उच्च शिक्षा हासिल करने का निर्णय लेने से पहले “उचित परिश्रम” करने की सलाह दी थी। इसके अलावा, एक परोक्ष चेतावनी में उच्च शिक्षा नियामक ने छात्रों को सूचित किया था कि वह “पूर्वानुमोदन के बिना केवल ऑनलाइन मोड में किए गए डिग्री पाठ्यक्रमों” को मान्यता नहीं देता है। हालांकि, पाकिस्तान से संबंधित यह नवीनतम सलाह एक महीने से भी कम समय के बाद आई है, जब नियामक अधिकारियों ने भारतीय छात्रों को चीन में पढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी थी। इससे ये प्रदर्शित होता है कि भारत विरोधी एक चाल चलने पर भारत दूरी बनाने के लिए हज़ार कदम आगे बढ़ने की हैसियत रखता है। फिर चाहे पूर्व में अनेकों चीनी मोबाइल एप बैन करने की बात हो या अपनी सीमाओं से घुसपैठियों को खदेडने की या आतंकियों की लंका लगाने की, भारत इस मामले में न पीछे था, न पीछे हैं और न ही पीछे रहेगा।

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