एक शासक को कमजोर हृदय का नहीं होना चाहिए। प्रशासनिक प्रबंधन और कुशलता में दक्षता को लेकर हर प्रशासक समय-समय पर आलोचनाओं को झेलता रहता है और यही लोकतंत्र की रीत भी है। परंतु, अगर एक प्रशासक में साहस की कमी हुई तो वह राज्य को किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में पहुंचा देगा। राज्य निर्णय नहीं ले पाएगा, आगे नहीं बढ़ पाएगा। परंतु, ईश्वर की असीम अनुकंपा से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में साहस की कोई कमी नहीं है।
योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में मुल्ला, माफिया, अपराधियों पर ऐसी कार्रवाई की कि वह बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर हो गए। गाड़ी पलटी, बुलडोजर चली, मुख्तार अंसारी यूपी वापस लौटे। आजम खान जैसे सत्ता के सबसे बड़े चेहरे पकड़े गए। पुलिस-प्रशासन और विधि-व्यवस्था बेहतर हुई। एनकाउंटर प्रदर्शन के डर से अपराधी आत्मसमर्पण करने लगे। दंगाइयों के मंसूबों को नाकाम किया गया। दंगे रुके और जिन्होंने दंगों में सार्वजनिक संपत्ति और जान-माल को नुकसान पहुंचाया उन्हें भरे चौराहे पर बेइज्जत करके उनसे वसूली की गई।
पहली बार प्रशासन ‘प्रशासन’ की तरह दिखा जनता के भलाई के सारे मार्ग खोल दिए गए। राशन से लेकर रोजगार, रोजगार से लेकर व्यापार, व्यापार से लेकर सड़क और सड़क से लेकर एक्सप्रेसवे तक सब कुछ उन्नति की ओर अग्रसर हुआ। परंतु कुछ चीजें अभी भी ऐसी है जिन पर योगी सरकार का सख्त कदम उठाना अभी बाकी है। उन्हीं में से एक है- परीक्षा माफिया। चलिए, सबसे पहले आपको सरल शब्दों में बता देते हैं कि परीक्षा माफिया किसे कहते हैं? परीक्षा माफिया उस व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को कहते हैं जो तंत्र द्वारा आयोजित किए जाने वाले किसी भी प्रकार की परीक्षा में कदाचार कर अपने संबंधित क्लाइंट (छात्र) को उसे उत्तीर्ण करने या अवैध लाभ पहुंचाने में सहयोग करता है।
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उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र के भरोसे सरकार
उत्तर प्रदेश में बुलडोजर भले ही लॉ एंड आर्डर का प्रतीक बन चुका हो, लेकिन स्टेट में ताबड़तोड़ हो रहे पेपर लीक कांड से इसका पीछा नहीं छूट रहा है। अभी से करीब 4 महीने पहले यानी 28 नवंबर 2021 को यूपी TET परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। दोबारा शपथ-ग्रहण के 4 दिन बाद 30 मार्च को बोर्ड परीक्षा में इंग्लिश का पेपर लीक हुआ।
हालांकि, पेपर लीक बलिया में हुआ, लेकिन इसका असर प्रदेश के 24 जिलों में देखने को मिला। इन सभी जिलों में परीक्षा से घंटे भर पहले लाखों स्टूडेंट्स को झटका तब लगा जब उन्हें पता चला कि आज उनका इंग्लिश का पेपर रद्द कर दिया गया है। बोर्ड के निदेशक विनय कुमार पांडेय ने निरस्त हुए पेपर की नई तारीख 13 अप्रैल जारी कर दी। साथ ही बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक के खिलाफ एक्शन भी ले लिया, लेकिन इस घटना ने यूपी में पेपर लीक के पुराने मामलों की भी याद दिला दी।
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यूपी सरकार में लगातार हो रहे हैं पेपर लीक
योगी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में आधा दर्जन से अधिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हुए हैं। इन पर इंस्पेक्टर भर्ती से लेकर एसएससी के पेपर लीक करने के आरोप हैं। मार्च 2017 में योगी सरकार आई और चार महीने बाद पहला प्रश्नपत्र लीक हो गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने 25-26 जुलाई 2017 को निरीक्षकों की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा (सीबीटी) आयोजित की थी, लेकिन इससे पहले इसे स्थगित कर दिया गया था। वजह थी वॉट्सऐप पर पेपर लीक। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 2017 में उत्तर प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर के पद के लिए सीधी भर्ती के लिए 3,307 रिक्त पदों पर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था।
पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा
उत्तर प्रदेश की पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा फरवरी 2018 में लीक हो गई थी। इस मामले में जौनपुर निवासी परमिंदर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, राज्य की योगी सरकार ने जांच की थी।
ट्यूबवेल चालक परीक्षण रिसाव सितंबर 2018
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2 सितंबर, 2018 को आयोजित ट्यूबवेल चालक (सामान्य चयन) परीक्षा-2016 के प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। एसटीएफ ने इस मामले में कुछ लोगों को मेरठ से गिरफ्तार किया था।
लखनऊ परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021
उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) को स्थगित कर दिया गया है। परीक्षा से कुछ समय पहले दस्तावेज लीक होने के बाद यूपी सरकार ने परीक्षा स्थगित कर दी थी। परीक्षा क्विज का खुलासा होने और परीक्षा स्थगित होने के बाद योगी राज्यपालों पर हमला किया गया।
लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य लगा दांव पर
हालांकि, कई परीक्षाएं ऐसी भी हैं जिनमें पेपर लीक की खबरें महज एक अफवाह साबित हुई। जिसमें बीएड की संयुक्त परीक्षा के साथ-साथ नीट की परीक्षा भी शामिल है। परंतु, एक बात तो तय है कि उत्तर प्रदेश में परीक्षा माफिया और शिक्षा माफिया का यह गठजोड़ छात्रों का भविष्य बर्बाद करने में पूरी तरह से सक्रिय है। अगर कभी-कभी पेपर लीक की खबरें और गलत अफवाह पकड़ी भी जाती है तो भी छात्रों का भविष्य खराब होना तो तय है। बोर्ड परीक्षा में इंग्लिश का पेपर लीक होने पर योगी सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए साथ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है और जांच के भी निर्देश दिए हैं। लेकिन, अब समय आ चुका है जब परीक्षा माफियाओं पर बुलडोजर चलाया जाए।