जहांगीरपुरी के दंगाइयों की ढिठाई, दंगा भी फैलाएंगे और विक्टिम कार्ड भी खेलेंगे!

निराली है कथित शांतिदूतों की लीला!

Jahangirpuri rioters

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पहले पत्थर बरसाओ, गोली चलाओ और बाद में फंसने पर कह दो- “आत्मरक्षा के लिए किये थे।” हिंसा, उपद्रव, दंगे में जहांगीरपुरी का कितना बुरा हाल जिहादी और शांतिदूतों ने कर दिया वो किसी से नहीं छुपा है। इसी कड़ी में दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम सांप्रदायिक झड़प के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स को फायरिंग करते देखा जा सकता है। युवक की पहचान सोनू के रूप में हुई है। जिस प्रकार शासन-प्रशासन इस घटना पर सख्त रुख अपना रही है अब ऐसे शांतिदूत और उसके परिवाराजन इस बात से डरे बैठे हैं कि कार्रवाई हुई तो लंबा नपेंगे और शायद आसानी से छूटे भी नहीं। यही कारण है कि अब सोनू की मां इतने बेहतर ढंग से अपने लड़के का बचाव कर रही हैं कि यह शांतिदूत अब देवमानुष भी लगने लगे।

दरअसल, एक मीडिया समूह से बात करते हुए भीड़ पर जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार शाम हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान गोलियां चलाने वाले फरार आरोपी सोनू की मां ने कहा कि, “मेरे बेटे को बिना वजह गिरफ्तार कर लिया गया, उसने कुछ नहीं किया। उसके पास बंदूक नहीं है – उसने किसी से बंदूक छीनकर गुस्से में फायरिंग कर दी थी जिसमें किसी को चोट नहीं आई है।” ये तो बिलकुल वैसा ही हुआ कि, “आए तो मारने थे पर गोली नहीं लगी किसी को और कोई हताहत नहीं हुआ तो हम भी तो निर्दोष ही हुए।” सोनू की मां के असल शब्द थे कि, “मेरे बेटे की चिकन की दुकान है। वह रोजा खोलने ही वाले थे कि हिंदू-मुस्लिमों के बीच तनाव पैदा हो गया और वे बाहर चले गए। उसके पास बंदूक नहीं है। गुस्से में आकर उसने किसी से बंदूक छीन ली और गोली चला दी। कोई घायल नहीं हुआ। वे हमें धमकी दे रहे थे। मेरा बेटा बस उन्हें डराना चाहता था।”

सोनू की मां के मुताबिक, शनिवार शाम से जब घटना हुई तब से वह परिवार के संपर्क में नहीं है। “मुझे नहीं पता कि वह कहां गया।” आगे कहती हैं कि, पुलिस ने उन्हें यह नहीं बताया कि उसका दूसरा बेटा सलीम, जिसके बारे में उसने कहा कि वह इसमें शामिल नहीं था, को गिरफ्तार क्यों किया गया। ”

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घायलों में कई पुलिसकर्मी भी थे शामिल

दिल्ली के जहांगीरपुरी में सोमवार दोपहर पुलिस द्वारा सोनू की तलाश के लिए उसके आवास पर जाने के बाद हिंसा की एक मामूली घटना सामने आई। उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर पुलिस पर दो पथराव किए जब उन्होंने उनकी पत्नी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार शाम हनुमान जयंती के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प में नौ लोग घायल हो गए। घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे। पुलिस के मुताबिक शनिवार शाम करीब छह बजे हुई हिंसा में पथराव किया गया और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

धर्म की रक्षा की बात जिस हिन्दू संस्कृति में की गई है उसके लिए किसी अबोध या निहत्थे व्यक्ति को मारकर अपनी संस्कृति बचाने के लिए कभी नहीं कहा गया। जिस प्रकार इस पूरे प्रकरण में एकतरफा हिन्दू विरोध हुआ और गोली चलाने वालों का हुड़दंग किसी से छुपा नहीं है। अब गोली चलाने वाले सोनू की मां के ऐसे विलापों से क्रूरता और हैवानियत छिप रही होती तो न ही कानून की आवश्यकता होती न ही किसी अन्य संस्थान की, दो बूंद आंसू बहाए नहीं और माफी हाथ में।

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