Kangana Ranaut & Ranas: जानें कैसे मुंबई पुलिस देशद्रोह का केस दर्ज करने हेतु अपने लक्ष्य को तय करती है

तानाशाही में उद्धव ठाकरे को कोई मात नहीं दे सकता!

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आज के भारत में जितनी चाहे अच्छाइयां आ जाएं पर बुराई उस पर हावी हो ही जाती है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश विरोधी नारे लगाने वालों पर वर्षों तक केस लंबित रहते हैं और भक्ति में दिए गए बयान आपको जेल में डालने के लिए काफी हैं, मुस्कुराइए आप महाराष्ट्र में हैं। जिस महाराष्ट्र में कभी बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व में हिंदुत्व का झंडा बुलंद हुआ करता था आज स्थिति यह है कि उनके बेटे शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रूठने पर आज हनुमान चालीसा गायन की घोषणा पर भी अच्छे से अच्छे व्यक्तित्वों को जेल की हवा खानी पड़ रही है या फिर देशद्रोह के न्यायिक मामलों से दो-चार होना पड़ रहा है।

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अपना लक्ष्य बड़े चाव से चुनती है मुंबई पुलिस

सीएम उद्धव की मुंबई पुलिस सीएम उद्धव की शह पर, क्या कंगना रनौत और क्या राणा दंपत्ति, देशद्रोह का केस दर्ज करने के लिए अपना लक्ष्य बड़े चाव से चुनती है और फिर लेती है “बदला।”

दरअसल, अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से  विधायक रवि राणा को खार पुलिस ने दो समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया और देशद्रोह के आरोप लगाए गए। राणा ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीसा का जाप करने की धमकी दी थी। चूंकि राज्य की सियासत में काफी दिनों से लाउडस्पीकर विवाद गहराता जा रहा था और उद्धव सरकार एक पक्ष के निर्णय तक सीमित दिखाई दे रही थी। इसके परिणामस्वरूप राणा दंपत्ति ने उद्धव ठाकरे के निवास “मातोश्री” के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का निर्णय लिया था।

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को शनिवार को मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा के जाप के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। नवनीत राणा को भायखला महिला जेल भेज दिया गया है, जबकि पति रवि राणा आर्थर रोड जेल में बंद हैं। पुलिस ने उन दोनों पर मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 124ए (देशद्रोह) 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना), धारा 135 के तहत पुलिस के निषेधाज्ञा का उल्लंघन मामला दर्ज किया है।

बता दें, भारतीय दंड संहिता राजद्रोह (धारा 124ए) को एक अपराध के रूप में परिभाषित करती है, जब “कोई भी व्यक्ति शब्दों द्वारा, या तो बोले गए या लिखित, या संकेतों द्वारा, या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा, या अन्यथा, घृणा या अवमानना, या उत्तेजित करने का प्रयास करता है या करता है। या भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष को उत्तेजित करने का प्रयास करता है। “राजद्रोह एक गैर-जमानती अपराध है और धारा 124 ए के तहत कारावास से लेकर तीन साल तक की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है, जिसमें जुर्माना भी जोड़ा जाता है।

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बालकबुद्धि वाले सीएम हैं उद्धव ठाकरे

यह अकेले नवनीत राणे और रवि राणे की बात नहीं है। उद्धव ठाकरे एक अड़ियल और बालकबुद्धि वाले सीएम हैं जिनके हाथों में देश की आर्थिक राजधानी की कमान है। सत्य तो यह है कि, ऐसी बुद्धि वाले जो नेता अपनी बुराई अपनी आलोचना को नहीं सुन सकते वो कभी परिपक्व और सफल राजनीतिज्ञ नहीं बन सकते हैं और यही शाश्वत सत्य है। उद्धव ठाकरे ने राणे दंपत्ति पर उल-जलूल आरोप मढ़कर मात्र उन्हें ही देशद्रोह के मामले में नहीं फंसाया है पूर्व में अभिनेत्री कंगना रनौत पर भी इसी शिवसेना और महाविकास अघाड़ी सरकार की भद्द पीटने पर उद्धव ने कंगना पर भी देशद्रोह का मुकदमा दायर किया था। इससे तो यही सिद्ध होता है कि जो भी आलोचना करेगा उद्धव की सरकार उस पर देशद्रोह के आरोप जड़ देगी।

दरअसल, अक्टूबर 2020 में, बांद्रा पुलिस ने बॉलीवुड अभीनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के विरुद्ध कथित तौर पर अपनी टिप्पणी के माध्यम से समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की। बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने मुंबई पुलिस को बॉलीवुड कास्टिंग डायरेक्टर और फिटनेस ट्रेनर मुनव्वर अली सैय्यद की शिकायत की जांच करने के लिए कहा था, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था।

सैय्यद ने अपनी शिकायत में कंगना रनौत और उनकी बहन के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र किया। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 124-ए (देशद्रोह), 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया। नवंबर 2020 में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में देशद्रोह के आरोप जोड़ने के लिए मुंबई पुलिस से पूछताछ की।

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विडंबना की बात यह है कि हालिया राणा दंपत्ति प्रकरण में देशद्रोह के साथ-साथ बालसाहेब ठाकरे की अस्मिता और उनके नाम की धज्जियां उनकी ही नींव डाली हुई पार्टी शिवसेना के नेता उड़ा रहे हैं जिनके मन में महिलाओं के प्रति तनिक आदर नहीं बचा है और ईश्वर के प्रति आस्था तो भूल ही जाइए। राणा दंपत्ति पर हमला करते हुए The Cute Guy का प्रयाय बन गए शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सारी सीमाओं को लांघ दिया। अब शिवसेना नेता संजय राउत ने अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा को सीट से दोबारा चुनाव जीतने की चुनौती दी है और कहा है कि, जो भी उनकी पार्टी के धैर्य की परीक्षा लेगा उसे जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा।”

वाह भाई वाह! हनुमान के नाम पर देशद्रोह लगा दिया, अवैध तरीके से जेल भेजी गई एक सांसद और एक विधायक को मारने की धमकी भी दे दी। रही बची कसर मातोश्री के चमचे श्री राउत बाहर बैठे पूरी कर ही रहे हैं। ऐसे में अब यह तो सिद्ध हो गया कि “विनाशकाले विपरीत बुद्धि।” अब चाहे कंगना रनौत हों या राणा दंपत्ति जब तक राज्य में ठाकरे जैसे तानाशाह बैठे हैं हर दिन ऐसे मुकदमों के लिए राज्य की जनता को तैयार रहना चाहिए क्योंकि मुंबई पुलिस अब किस तरह से देशद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए अपना लक्ष्य चुनती है यह सरेआम हो चुका है।

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