हिंदुओं की शांतिपूर्ण रैली पर पत्थरबाजी करने वालों पर बुलडोजर के साथ टूट पड़े हैं नरोत्तम मिश्रा

कट्टरपंथियों की लंका लगनी तय है!

नरोत्तम मिश्रा

Source- TFI

जैसी करनी उससे डबल है भरनी, जी हां यूपी के योगी बाबा मॉडल का यही अनुसरण अब मध्य प्रदेश के मामा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार कर रही है। रामकाज में जैसे त्रेतायुग में राक्षसों की चाण्डाल-चौकड़ी विघ्न डाला करती थी, आज भी वो तत्व जीवित हैं, बस स्वरुप बदल गए हैं। इंसानी वेश में राक्षसी प्रवृत्ति वाले लोग आज भी विद्यमान हैं और रामनवमी पर इसकी झलक सब देख भी चुके हैं। रामनवमी के शुभ अवसर पर एक ओर जहां पूरा देश राम की भक्ति में लीन था तो वहीं एक जिहादी तबका हिन्दू भक्तों को उनके शोभा यात्रा पर पथराव कर उकसाने का काम कर रहे थे। देशभर में अनेकों जगह यह घटनाएं दर्ज़ की गई, लेकिन सबसे बड़े एक्शन मोड़ में वो मध्यप्रदेश है जिसके गृह मंत्री हैं नरोत्तम मिश्रा और जिनके हिंदूवादी विचारों से लिबरलों की जन्मजन्मान्तर से सुलगती ही आ रही है। ऐसे में रामनवमी पर शांतिपूर्ण पथराव कर मज़े करने वालों के मजे अब नरोत्तम मिश्रा ले रहे हैं।

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‘जिन घरों से निकले पत्थर, उन घरों को बनाया जाएगा पत्थर का ढ़ेर’

दरअसल, रामनवमी वाले दिन देश भर में कई जगहों पर हिंदुओं को उकसाया गया और उनके शोभा यात्रा पर पथराव किया गया। अमूमन हिंसा की ऐसी घटनाएं अबतक उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक रुप से दिखाई देती थी पर अबकी बार हिंसाओं का एपीसेंटर मध्य भारत था। फिर क्या, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से रामनवमी से जुड़े हुए मामले सामने आए। हालांकि, ऐसे कृत्यों में शामिल आरोपितों पर कार्रवाई करने में सबसे आगे अभी मध्यप्रदेश सरकार है जो न केवल आरोपितों को जेल में डालने का प्रबंध कर रही है। शासन ने यह भी कह दिया है कि हिंसा और उपद्रव में हुई सार्वजनिक और निजी संपत्ति की हानि को इन्हीं आरोपितों से वसूला जाएगा। इस क्रम में जहां एक ओर निर्देश जारी हुए, उधर बाबा के बुलडोज़र की तर्ज़ पर मामा के बुलडोज़र का भी आगमन होते ही उसका शुभारंभ भी हो गया।

बीते सोमवार को खरगोन शहर में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एक्शन मोड़ पर आ गए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, “खरगोन की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें न केवल जेल भेजा जाएगा, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति में तोड़फोड़ के लिए भुगतान भी किया जाएगा।” सत्ता पक्ष के इस फैसले के बाद ही शासन-प्रशासन ने यथाशीघ्र इस कुर्की को करने के लिए बुलडोज़र की व्यवस्था कर ली, जिसमें डटे पड़े मंत्री नरोत्तम मिश्रा को तत्काल फैसला लेते देखा गया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि “जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को ही पत्थर का ढ़ेर बनाएंगे।” अब जब राज्य के गृह मंत्री ही ऐसे एक्शन की बात कर रहे हैं, तो दंगाइयों के पसीने कैसे नहीं छूटेंगे। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को खरगोन शहर में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाने के कुछ घंटों बाद उपद्रवियों की साजिश को नाकाम करने में राज्य पुलिस के प्रयासों की सराहना की। राज्य के गृह मंत्री ने “बुलडोजर” वाला तकनीक को भी शुरू किया है, जो अब इस्लामवादियों को उनके अपराधों के लिए दंडित कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश में मचा है बुलडोजर का खौफ

बताते चलें कि राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव करने के आरोपी लोगों के कम से कम 50 “अवैध” निर्माणों और ढांचों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। इंदौर के संभागीय आयुक्त पवन शर्मा के मुताबिक जिन अवैध ढांचों को तोड़ा जा रहा है, उनमें घर और दुकानें शामिल हैं। शहर में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अफवाह फैलाने के आरोप में राज्य सरकार के चार कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। शर्मा ने कहा, “सरकार की दंगों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है। अब तक 84 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और इन आरोपियों के 50 अवैध निर्माणों की पहचान की गई है। इन अवैध निर्माणों को गिराने का काम भी शुरू हो चुका है।” वो कहावत है न जब अपने पर पड़ी मरी, सबको अपनी-अपनी पड़ी, यही हाल इन पत्थरबाजों का है। जो अबतक सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को ऐसे नुकसान पहुंचा रहे थे कि उनकी बपौती है, अब जब उनके घर गिरने की बात आई तो मिमियाने लगे।

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ध्यान देने वाली बात है कि जबसे योगी मॉडल में बुलडोज़र का आगमन हुआ है, भाजपा शासित कई राज्यों ने इसकी सराहना की पर मध्यप्रदेश उसका अनुसरण करने वाला पहला राज्य बन गया। निश्चित रूप से दंगाईयों और कट्टरपंथियों के लिए बुलडोज़र उपचार काफी है। इस्लामवादियों को हर राज्य में इस दवा की खुराक दी जानी चाहिए। हिंदू जहां चाहें अपने त्योहार गर्व से मना सकते हैं और इसके लिए उन्हें निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। यदि पत्थरबाज़ और कट्टरपंथी ऐसा करते हैं, तो उन्हें अपने कार्यों के परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जो उनके बेरोजगार होने से लेकर उनके घरों और व्यवसायों को ध्वस्त करने तक की तस्दीक कर सकते हैं। अंतिम में यह बुलडोज़र चाहे उत्तर प्रदेश का हो या मध्य प्रदेश का, चलते वक्त दंगाइयों और अराजक तत्वों को सिर्फ यही कहता है कि “अजी रूठकर अब कहाँ जाईयेगा जहाँ जाईयेगा, हमें पाईयेगा।”

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