झारखंड में राजनीतिक उठापटक चल रही है। आरोप प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है ऐसे में गड़े मुर्दे भी उखाड़े जा रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़े आरोप लगाये गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किसी भी मोर्चे पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को छोड़ा नहीं है। उन पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगते हुए JMM सरकार पर हमला बोला है।
दास ने लगाए तीखे आरोप
दास ने सोमवार को आरोप लगाया था कि सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को रांची के बीजूपारा औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन मिली है। दास ने यह भी आरोप लगाया कि सीएम के राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद को खनन पट्टे मिले, जबकि खनन विभाग खुद सीएम के पास है। दास ने आगे आरोप लगाया कि सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद और उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को भी साहिबगंज में खनन पट्टे आवंटित किए गए, उन्होंने कहा कि अबुआ दिशुम – अबुआ राज (माई कंट्री, माई रूल) के नाम पर सत्ता में आई सरकार ही काम कर रही है। एक परिवार, उसके रिश्तेदारों और कार्यकर्ताओं के लिए।
दास ने कहा,“दोनों पट्टे 2021 में दिए गए, जल्दबाजी में सभी को मंजूरी दे दी गई। अब सवाल यह है कि क्या सोरेन के पास राज्य मंत्रिमंडल में खनन और औद्योगिक दोनों विभाग हैं? क्या ये सभी फैसले उनके कार्यालय का दुरुपयोग करके लिए गए थे और सब कुछ उनके ज्ञान में था और उनके निकट के लोगों और प्रियजनों के नाम पर पट्टे दिए गए थे? रघुवर दास ने आगे कहा कि ऐसी खबरें हैं कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय का दुरुपयोग करते हुए मांस प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए अपनी पत्नी कल्पना सोरेन से संबंधित ‘सोहराई लाइव प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर बेहरा औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ भूमि आवंटित की है। दिलचस्प बात यह है कि बेहरा औद्योगिक क्षेत्र में ‘सोहराई लाइव प्राइवेट लिमिटेड’ आवंटित किया गया है, जिसे विशेष रूप से आदिवासी उद्यमियों के लिए औद्योगिक भूखंड आवंटित करने के लिए पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि सोरेन खुद राज्य मंत्रिमंडल में उद्योग विभाग रखते हैं, इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर तथ्यों के साथ आना चाहिए।
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मुद्दे को राज्यपाल के संज्ञान में लाने की दास ने कही बात
रघुवर दास ने कहा, हम जल्द ही इस मुद्दे को राज्यपाल रमेश बैस के संज्ञान में लाएंगे क्योंकि मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी सदस्य को खनन या किसी अन्य गतिविधि के लिए पट्टा नहीं दिया जा सकता है क्योंकि यह भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत एक अपराध है।
इसके बाद, राज्य भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने अपने संवैधानिक पद का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर खनन पट्टा आवंटित किया। यह मामला लाभ के पद के प्रावधानों के तहत है। देश के इतिहास में ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं है, जिसने उनके नाम पर पट्टा लिया हो। यदि उनके पास कोई नैतिक मूल्य रह गया है, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए या कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
रघुवर दास पूरी तरह से सोरेन सरकार के नाक में दम में कर चुके हैं। रघुवर दास के इन आरोप के बाद हेमंत सोरेन बैकफुट पर आ गए हैं और आने वाले समय में हेमंत सरकार पर रघुवर दास का यह राजनीतिक विस्फोट उनके राजनीतिक करियर को बहुत नुक्सान पहुंचाएगा। इतना ही नहीं सोरेन के लिए मामला इस कदर बिगड़ सकता है कि राज्य में उनका जनाधार भी ध्वस्त हो जाए तो कह नहीं सकते हैं।