बाला साहेब के पदचिह्नों पर चलने में राज ठाकरे को 10 साल लग गए, लेकिन खुशी है कि वो जाग गए हैं!

देर आए दुरुस्त आए!

राज ठाकरे

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बाला साहेब ठाकरे एक हिंदू राजनेता थे, जिन्होंने हिंदुओं के दिलों में राज किया और उन्हें भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन उनके दवारा निर्माण की गई शिवसेना की हालत पहले से काफी बदतर हो चुकी है। कट्टर हिंदू नेता बाल ठाकरे के बेटे, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रसिद्ध हिंदू हृदय सम्राट बाल केशव ठाकरे की विरासत का दावा करने के लिए राज ठाकरे को दरकिनार कर कांग्रेस’ के साथ गठबंधन किया है दरअसल आज देश और महाराष्ट्र बाल ठाकरे को याद करता है क्योंकि उनके हिन्दू प्रेम को उनके पुत्र ने हीं बलि देदी है, और जो राज ठाकरे जैसा योग्य व्यक्ति को दरकिनार कर दिया गया लेकिन आज के समय में राज ठाकरे द्वारा हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाया जा रहा है उससे शिवसेना की राजनीति को संकट पहुंचना तय है।

दरअसल रविवार को, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मुंबई के घाटकोपर में अपने कार्यालय में लगे लाउडस्पीकरों में ‘हनुमान चालीसा’ बजाया। यह प्रकरण तब हुआ जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अजान के लिए लाउडस्पीकर नहीं हटाने पर मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की चेतावनी दी थी। इस कदम से राज ठाकरे न केवल विशाल हिंदू नेता बाला साहब की विरासत का दावा कर रहे हैं बल्कि शिवसेना के संरक्षक उद्धव ठाकरे को भी उनकी जगह दिखा रहे हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 2 अप्रैल 2022 को मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक गुड़ी पड़वा सभा को संबोधित किया था।

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बाला साहेब की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं राज ठाकरे

आपको बता दें कि राज ठाकरे ने अपने उग्र अंदाज में चेतावनी दी थी कि अगर सरकार मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के बारे में कुछ भी तय नहीं करने जा रही है, तो वह मस्जिदों के सामने डबल लाउडस्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा का जाप करेंगे। “किस धर्म में लाउडस्पीकर का उल्लेख है? क्या आपके धर्म की खोज के समय कोई लाउडस्पीकर था?” उन्होंने और जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पुलिस मुंबई की मलिन बस्तियों में मस्जिदों और मदरसों की ठीक से जांच करेगी तो उन्हें बहुत कुछ पता चल जाएगा। उन्होंने मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों की बदलती जनसांख्यिकी को भी रेखांकित किया और आरोप लगाया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से इतने सारे मुसलमान यहां आकर बस गए हैं।

इस मामले में और बवाल तब मच गया जब मुंबई पुलिस ने रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता यशवंत किल्लेदार और एक टैक्सी चालक को दादर में शिवसेना भवन के सामने एक कैब में लगे लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाते पाए जाने के बाद हिरासत में लिया। शिवाजी पार्क पुलिस ने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और पूछताछ कर रहे हैं कि क्या किल्लदार और ड्राइवर के पास सार्वजनिक स्थान पर टैक्सी पर लाउडस्पीकर बजाने के लिए आवश्यक पुलिस अनुमति थी। पुलिस उपायुक्त (जोन 5) प्रणय अशोक ने कहा, “उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।”

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पुलिस के अनुसार, यह घटना रविवार को तड़के मे हुई क्योंकि देश भर में रामनवमी मनाई जा रही थी। पुलिस ने कहा कि लाउडस्पीकर और मनसे के झंडे वाली टैक्सी शिवसेना भवन के सामने रुकी और हनुमान चालीसा बजाने लगी। मनसे नेता संदीप देशपांडे और पार्टी के कुछ अन्य कार्यकर्ता थाने में जमा हो गए और हत्यारे चालक को हिरासत में लेने के विरोध में हनुमान चालीसा का जाप करने लगे। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और कार्यकर्ता थाने से निकल गए हैं। पुलिस ने कहा कि जैसे ही ड्यूटी पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने टैक्सी को देखा, उन्हें रोक लिया गया और पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि उनके पास मौजूद दस्तावेजों और अनुमतियों की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बुधवार को शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अपने प्रमुख राज ठाकरे को दिवंगत शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का “सच्चा वारिस” घोषित करके हमला किया। पार्टी ने दादर में शिवसेना भवन के बाहर एक बैनर लगाया जिसमें उद्धव ठाकरे पर हिंदुओं द्वारा लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने का आरोप लगाया गया। बाल ठाकरे को संबोधित करते हुए बैनर ने कहा, ‘देखिए, आपका बेटा सीएम उद्धव ठाकरे हिंदू होते हुए भी हमसे हिंदुओं द्वारा लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने के लिए कह रहे हैं। वह हमें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोक रहे हैं।

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शिवसेना ने विकास को भाजपा द्वारा महा विकास अघाड़ी सरकार को अस्थिर करने के लिए राज ठाकरे का “उपयोग” करने के प्रयास के रूप में माना है। बाला साहेब की शिवसेना ने हिंदुत्व के लिए प्रयास किया, लेकिन अब पार्टी सरकार पर शासन कर रही है, उनके बेटे सीएम हैं और फिर भी हनुमान चालीसा का जाप करने के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग करने वाले हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बाल ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना का हिंदुत्व अलग था। उनके बेटे के नेतृत्व में किसी को पता ही नहीं चला कि उनका भगवा कब हरा हो गया।

वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देती शिवसेना

बाल ठाकरे ‘धर्मनिरपेक्ष राजनीति’ के मुखर आलोचक थे और विडंबना यह है कि आज शिवसेना जा बैठी है कांग्रेस की गोद मे, शिवसेना के संरक्षक उद्धव ठाकरे अपनी राजनीति को पूरी तरह भूल चुके हैं और वंशवादी राजनीति की आलोचना करने वाली शिवसेना ने बाल ठाकरे के पोते आदित्य को सरकार में मंत्री पद भी दिया है। कांग्रेस के साथ शिवसेना के गठबंधन और राज ठाकरे के बाद एक वैचारिक शून्यता पैदा हुई है। आक्रामक अभियान से ऐसा लगता है कि वह हिंदुत्व और धरती पुत्र के लिए खाली हुई जगह पर दावा करने को तैयार हैं।

बाला साहेब थे राज ठाकरे के राजनीतिक गुरु

यह तो सत्य है की शिवसेना अब दूसरी कांग्रेस बन कर रह गई है। जिस बाला साहेब ठाकरे ने हिन्दुओं के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया आज उनके पुत्र ने उस कांग्रेस की गोद में जा कर बैठ गए जिसकी आलोचना बाल ठाकरे ने अपने पूरे जीवन में की थी। बाल ठाकरे की विरासत के वैध उत्तराधिकारी राज ठाकरे को भले ही 10 साल से अधिक की देरी हो चुकी है पर इस बार ऐसा लगता है कि वह इस अवसर को  मिस करने के मूड में नहीं हैं और यह उनके ‘लाउडस्पीकर अभियान’ को इसी आलोक में देखा जा सकता है।  जिस तरह से आज राज ठाकरे ने अपना वही पुराना रूप दिखाने की कोशिश की है उससे अब साफ़ दिखने लगा है कि राज ठाकरे अब बाल ठाकरे की जगह ले चुके है और आने वाले समय में शिवसेना और उद्धव ठाकरे की राजनीति को महाराष्ट्र से हमेशा के लिए उखाड़ के फेक देंगे।

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